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Channel: general – Hindi स्वास्थ्य ब्लॉग
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लिम्सी Limcee tablet Detail and Uses in Hindi

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लिम्सी एक ऐलोपथिक विटामिन सी का सप्लीमेंट है जो की ओवर द काउंटर OTC ड्रग (बिना डॉक्टर के प्रिस्क्रिप्शन के) उपलब्ध है। इसके सेवन से विटामिन सी की दैनिक ज़रूरत पोरी हो जाती है।

इस पेज पर इस दवा के बारे बताया गया है जो की केवल जानकारी देने के उद्देश्य से है।

Limcee is an allopathic supplement for preventing and curing deficiency of vitamin c in body.

Here is given more about this medicine, such as indication/therapeutic uses, Key Ingredients and dosage in Hindi language.

ब्रांड का नाम: AHPL

जेनरिक: एस्कॉर्बिक एसिड 100 मिलीग्राम, सोडियम एस्कोरबेट 450 मिलीग्राम

प्रकार: Over the counter ओटीसी

अवशोषण: विटामिन सी का अवशोषण छोटी आंत में होता है।

उत्सर्जन: विटामिन सी और विटामिन सी के चयापचय से बने पदार्थ मूत्र के द्वारा शरीर से बाहर निकाल दिए जाते हैं।

लिम्सी के घटक Ingredients of Limcee tablet

एस्कॉर्बिक एसिड 100 मिलीग्राम, सोडियम एस्कोरबेट 450 मिलीग्राम

विटामिन सी की कमी के लक्षण

विटामिन सी की कमी से स्कर्वी सिंड्रोम होता है।

विटामिन सी की कमी के लक्षणों में शामिल हैं, थकान, कमजोरी, मसूड़े की सूजन, मसूड़ों से खून आना, त्वचा पर छोटे लाल या बैंगनी रंग के धब्बे, जोड़ों का दर्द, मांसपेशियों में दर्द, एनीमिया, घाव न भरना आदि।

लिम्सी के स्वास्थ्य लाभ

  1. यह एंटीऑक्सीडेंट है और फ्री रेडिकल के हानिकारक प्रभावों से बचाता है।
  2. यह कोलेजन के संश्लेषण, न्यूरोट्रांसमीटर और carnitine के लिए आवश्यक है।
  3. यह पाचन तंत्र से लोहे के अवशोषण के लिए जरूरी है।
  4. यह इम्युनिटी को बढ़ा देता है और बार-बार होने वाले आम सर्दी से बचाता है।
  5. यह केशिकाओं, हड्डियों, दांतों के अच्छे स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है।

लिम्सी के चिकित्सीय उपयोग Uses of Limcee tablet

विटामिन सी की कमी को रोकने और अगर की है तो उसे दूर करने के लिए

सेवन विधि और मात्रा Dosage of Limcee tablet

इसे दिन में एक बार चबा के लें। इसे दिन में कभी भी ले सकते हैं।

दुष्प्रभाव

निर्धारित मात्रा में लना पूरी तरह से सुरक्षित है।

ज्यादा मात्रा में सेवन स्त, मतली, और पेट में ऐंठन का कारण हो सकता है।

विटामिन सी ओक्ज़लेट बनाता है।


एस्पिरिन Aspirin Detail in Hindi

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एस्पिरिन, ऐसिटाईल सैलिसिलिक एसिड acetylsalicylic acid compound यौगिक / कंपाउंड का आम भाषा में प्रयोग किया जाना वाला नाम है। यह एलोपैथिक दवाई है जो शरीर में बुखार, दर्द और सूजन दूर करने के लिए प्रयोग की जाती है। इसमें दर्द निवारक analgesic, सूजन दूर करने anti-inflammatory के और बुखार कम करने के antipyretic गुण हैं। Aspirin is the common name for the acetylsalicylic acid. It has anti-inflammatory, analgesic and antipyretic agent.

एस्पिरिन और सैलिसिलिक एसिड का प्रयोग दवा के रूप में हजारों साल से होता आया है। लगभग 2400 साल पहले, हिप्पोक्रेट्स, प्राचीन यूनानी चिकित्सक, जिन्हें आधुनिक चिकित्सा का जनक माना जाता है, ने विलो पेड़ की छाल को नेत्र रोगों और दर्द के इलाज़ के लिए प्रयोग किया। विलो पेड़ों की छाल में सैलिसिलिक एसिड होता है तथा सैलिसिलिक शब्द को भी विलो पेड़ों के जीनस सेलिक्स Salix, से लिया गया है।

एस्पिरिन तैयार करने के लिए, सैलिसिलिक एसिड को एसिटिक एनहाइड्राइड acetic anhydride से रियक्त कराया जाता है। इस प्रक्रिया में किसी स्ट्रांग एसिड की कम मात्रा में एक उत्प्रेरक catalyst की तरह (जो प्रतिक्रिया को तेज़ करता है) प्रयोग किया जाता है। प्रतिक्रिया में एसिटिक एसिड व एस्पिरिन उत्पाद बनता है। एस्पिरिन उत्पाद क्योंकि पानी में बहुत घुलनशील नहीं है इसलिए यह नीचे बैठ जाता है और चूंकि एसिटिक एसिड पानी में बहुत घुलनशील है, तो इसे बहुत सरलता से अलग कर लिया जाता है। इस प्रकार बनी एस्पिरिन अभी अशुद्ध crude aspirin है। इसे शुद्ध करने के लिए गर्म इथेनॉल में इस कच्चे उत्पाद का रीक्रिस्टलाइज़ेशन किया जाता है।

जेनरिक नाम: ऐसिटाईलसैलिसिलिक एसिड acetylsalicylic acid

क्लास: Anticoagulants, Anti platelets & Fibrinolytics (Thrombolytics) / Nonsteroidal Anti-Inflammatory Drugs (NSAIDs)

तीसरी तिमाही में प्रेगनेंसी केटेगरी (when taken in full dose):

केटेगरी डी Category D – मानव भ्रूण पर इस दवा का प्रतिकूल असर positive evidence of human fetal risk होता है।

एस्पिरिन के चिकित्सीय प्रयोग

  • दर्द Mild to moderate pain
  • जोड़ों या मांसपेशियों में दर्द Joint or muscular pain
  • माइग्रेन Migraine
  • बुखार Fever
  • सूजन Swelling
  • खून को पतला करने के लिए Blood thinning

कम मात्रा में इसका प्रयोग हृदय रोगों, खून का थक्का न बने आदि में किया जाता है।

इकोस्प्रिन ७५ Ecosprin-75 में एस्पिरिन की मात्रा 75 mg की होती है। Ecosprin AV 75/10 and 75/20, में एस्पिरिन 75 mg के साथ एटोरवास्टेटिन atorvastatin क्रमशः 10 mg और 20 mg की मात्रा में होता है।

इसी प्रकार से उपलब्ध दवा Ecosprin AV 150/20 mg में एस्पिरिन 150 mg और एटोरवास्टेटिन atorvastatin 20 mg की मात्रा में होता है। ये दवाएं एंटीप्लेटलेट होती है और खून का थक्का बनने से रोकती हैं। इन्हें स्ट्रोक के खतरे, स्टंट लगने पर, दर्द और सूजन से राहत के लिए तथा बुखार में डॉक्टर के निर्देश से लिए जाता है।

एस्पिरिन की सेवन मात्रा

  • एस्पिरिन या ऐसिटाईलसैलिसिलिक एसिड, 75 mg, 100 mg, 300 mg, 500 mg की टेबलेट के रूप में उपलब्ध है।
  • वयस्क इसकी 3 से 6 ग्राम की मात्रा एक दिन में, चार खुराकें कर के, ले सकते है।
  • बच्चे, जिनका वज़न 20 kg से ज्यादा है को, इसकी 25 to 1000 mg/kg/day in 4 divided doses दी जा सकती है।
  • बुखार में इसका सेवन १-३ दिन तक किया जाता है। इसकी 325-650 mg की गोली हर 4-6 घंटे पर ली जाती है। एक दिन में 4 ग्राम से ज्यादा की मात्रा बुखार के दौरान नहीं ली जानी चाहिए।
  • जोड़ों के विकारों में musculoskeletal and joint disorders इसकी शुरू में 2.4-3.6 ग्राम की मात्रा / दिन और रखरखाव के लिए 3.6-5.4 ग्राम / दिन दी जाती है।
  • माइग्रेन में इसकी 300-500 mg की गोली ली जा सकती है।

एक दिन में ली जा सकने वाली मात्रा

बड़ों के लिए इसकी एक दिन में ली जाने वाली अधिकतम मात्रा 6 gram और बच्चों के लिए वज़न के अनुसार, 100 mg / kg /day है।

Contraindications, Precautions and Side effects

  1. जिन्हें एस्पिरिन से एलर्जी हो, पेप्टिक अल्सर हो, हेमरेज की समस्या हो वे इसका सेवन न करें।
  2. जिन्हें अस्थमा की शिकायत हो, वे इसका सावधानी से प्रयोग करें।
  3. एस्पिरिन शिशुओं को नहीं दी जाती।
  4. इसे अतिसंवेदनशीलता, सक्रिय पेप्टिक अल्सर, अस्थमा, पित्ती, गर्भावस्था की तीसरी तिमाही,12 वर्ष से छोटे बच्चे, हीमोफीलिया या रक्तस्रावी रोग, गठिया, गंभीर गुर्दे या यकृत रोग, आदि में प्रयोग नहीं करना है।
  5. निर्देशित मात्रा से ज्यादा का सेवन हानिकारक है। यह एलर्जी, पेट में दर्द, अल्सर, हेमरेज, चक्कर आना, कान में आवाज़ आना आदि दिक्कतें पैदा करता है।
  6. डेंगू के मौसम में बुखार के लिए एस्पिरिन का प्रयोग बिलकुल न करें। डेंगू के बुखार में हेमरेज हो सकता है। एस्पिरिन का सेवन खून को पतला करता है, थक्का नही जमने देता और इसलिए यह रक्तस्राव की संभावना को बढ़ा देता है।
  7. इसे दूसरी एंटीकोगुलेंट, और सूजन दूर करने वाली दवाओं के साथ न लें।
  8. इसे खाली पेट न लें।
  9. इसे बहुत सारे पानी के साथ लें।
  10. इसे फुल डोज़ में गर्भावस्था न लेने की सलाह है। कुछ मामलों में कम मात्रा में इसे डॉक्टर दे सकते हैं।
  11. स्तनपान के दौरान इसे न लें।

सेब का सिरका Apple Cider Vinegar in Hindi

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एप्पल साइडर विनेगर या सेब का सिरका, सेब के किण्वन fermentation द्वारा बनाया जाता है। फर्मंटेशन प्रक्रिया fermentation के दौरान, सेब में मौजूद चीनी बैक्टीरिया और यीस्ट के द्वारा पहले अल्कोहल और फिर सिरका में बदल दी जाती है। इस सिरका में एसिटिक एसिड व कुछ मात्रा में लैक्टिक, साइट्रिक और मैलिक एसिड होता है। सेब का सिरका विविध रोगों में लाभप्रद है।

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By Phongnguyen1410 (Own work) [CC BY-SA 4.0 (http://creativecommons.org/licenses/by-sa/4.0)], via Wikimedia Commons
सेब के सिरके को बहुत ही प्राचीन समय से मिस्त्र, ग्रीस और रोमन के द्वारा प्रयोग किया जाता रहा है। सेब का सिरका शरीर में अच्छे बैक्टीरिया को बढ़ाता है। यह शरीर में एसिड-एल्कलाइन / अम्ल-क्षार acid-alkaline balance के संतुलन को बनाये रखने में मदद करता है। सेब का सिरका स्वाद में खट्टा होता है। इसमें एसिटिक एसिड की मात्रा अधिक होती है जिस कारण यह शरीर में खनिजों का अवशोषण mineral absorption बढ़ा देता है। ऐसे तो यह स्वाद में एसिडक acidic होता है पर यह पाचन के बाद क्षारीय alkaline हो जाता है और शरीर में अम्लता को कम करता है। स्वस्थ्य शरीर के लिए शरीर में एसिड की मात्रा कम व क्षार की मात्रा ज्यादा होनी चाहिए।

यह शरीर में वात को कम करता है। यह पित्त के स्राव को बढ़ाता है। इसका सेवन मोटापा कम करता है, खून को साफ़ करता है, पाचन को सही करता है और शरीर की गंदगी को निकालने में मदद कर त्वचा को सुन्दर बनाता है।

इसे आप सलाद की ड्रेसिंग की तरह भी इस्तेमाल कर सकते हैं। जो सिरका फिल्टर्ड filtered होता है वह एकदम साफ़ सा दिखता है जबकि बिना फ़िल्टर unfiltered किया हुआ सिरका भूरा होता है और इसमें कुछ तैरता हुआ सा भी दीखता है। तैरने वाला पदार्थ सेब में पाए जाने वाले पेक्टिन व अन्य पदार्थ होते हैं। बिना किसी प्रोसेसिंग और बिना फ़िल्टर किया हुआ सिरका ही स्वास्थ्य के बेहतर है क्योंकि इसमें मिनरल्स, एमिनो एसिड्स और विटामिन्स पाए जाते हैं।

सेब का सिरका क्यों फायदेमंद है? Why Apple Cider Vinegar is Beneficial?

एप्पल सीडर विनेगर में ऐसे बहुत से पदार्थ पाए जाते हैं जो इसे स्वास्थ्य के लिए लाभप्रद बनाते हैं। इसमें कैल्शियम, लोहा, पोटैशियम, मिनरल्स आदि होते हैं। इसके मुख्य घटकों में शामिल हैं:

  1. पोटैशियम
  2. एसिटिक एसिड
  3. मैलिक एसिड
  4. पेक्टिन

सेब का सिरका एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होता है। इसमें बीटा कैरोटीन, विटामिन A, B1, B2, B6, C और E पाया जाता है। इसमें मिनरल्स कैल्शियम, मैगनिशियम, फॉस्फोरस, सल्फर कॉपर, सिलिका, आदि पाए जाते हैं। इसमें पेक्टिन होने के कारण यह पाचन को ठीक करता है, कोलेस्ट्रोल को कम करता है और शरीर से टॉक्सिक पदार्थों को बाहर निकालता है। क्योंकि यह एक सिरका है यह यूरिक एसिड uric acid को कम करता है जो की जोड़ों में जमा रहता है।

क्योंकि यह मिनरल्स का अवशोषण कराने में सहायक है यह नाखूनों के टूटने में सहायक है।

सेब के सिरके के लाभ Health Benefits of Apple Cider Vinegar

  1. यह शरीर के pH को सही करता है।
  2. यह उलटी, एसिडिटी, और पाचन की कमजोरी में लाभ प्रद है।
  3. यह जोड़ों के दर्द में आराम देता है।
  4. यह मधुमेह में ग्लूकोस के लेवल को कम करता है।
  5. यह रक्तचाप को कम करता है।
  6. यह सिर दर्द में राहत देता है।
  7. यह कोलेस्ट्रोल, ट्राइग्लिसराइड लेवल को कम करता है।
  8. यह कैंसर सेल्स की ग्रोथ को रोकता है।
  9. यह सूजन और दर्द में राहत देता है।
  10. यह फंगस, यीस्ट, और बक्टेरिया की ग्रोथ को रोकता है।
  11. यह रूसी को दूर करता है और बालों को चमक देता है।
  12. यह मेटाबोलिज्म को तेज़ कर, वज़न को कम करता है।
  13. यह खून को साफ़ करता है।
  14. यह खून को बहुत गाढ़ा और चिपचिपा नहीं होने देता।
  15. यह शरीर के महत्वपूर्ण अंगों गुर्दे, मूत्राशय, यकृत आदि के सही तरीके से काम करने में मदद करता है।
  16. यह इम्युनिटी को ठाक करता है।
  17. यह कब्ज़ के लक्षणों में राहत देता है।

सेब के सिरके के प्रयोग Medicinal Uses of Apple Cider Vinegar

1.पाचन की कमजोरी, लीवर को डीटोक्स करना Detoxifying liver

सेब का सिरका पाचक रसों के स्राव को बढ़ाता है और लीवर से जहरीले पदार्थों को दूर करने में मदद करता है। एक चम्मच सेब का सिरका और १ चम्मच शहद मिलाकर दिन में तीन बार पियें।

2. मोटापा, कोलेस्ट्रोल का बढ़ जाना, बढ़ा हुआ ट्राइग्लिसराइड, पेट पर चर्बी Obesity

सुबह उठ के सेब के सिरके को पानी में मिला कर पीने ने से शरीर में जमी अतिरिक्त चर्बी कम होती है। यह कोलेस्ट्रॉल को भी कम करता है। इसे आप शाम को भी पानी में मिलाकर पी सकते हैं।

3. डायबिटीज

सोने से पहले २ टेबलस्पून सिरका को पानी में मिलाकर लें।

4. उच्च रक्तचाप

हाई ब्लड प्रेशर में सेब के सिरके और शहद को एक कप गर्म पानी में मिलाकर पीने से वैसोडायलेटेशन होता है जिससे रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद होती है।

5. Gout(गठिया), बढ़ा यूरिक एसिड High Uric Acid

सुबह शाम खाने से १० मिनट पहले १ गिलास पानी में ५-१० मिली मिला कर रोजाना पियें|

6. पाइल्स Piles

एक चम्मच सेब का सिरका एक कप पानी में मिलाकर खाना खाने से पहले लें।

7. हिचकी Hiccups

एक चम्मच सेब का सिरका एक कप पानी में मिलाकर बिना रुके पियें।

8. योनिशोथ vaginitis, यीस्ट इन्फेक्शन

४ चम्मच सिरका २ कप पानी में मिलाकर प्रभावित हिस्से को धोएं।

9. बालों का सफ़ेद होना, गिरना Hair care

एक चम्मच सेब का सिरका एक कप पानी में मिलाकर लें। गंजेपन से प्रभावित हिस्से पर लगायें।

10. बालों की देखभाल

यह बालों के लिए अच्छा कंडीशनर है। यह बालों को साफ़ करता और जर्म्स को भी नष्ट करता है। इसे पानी में मिलाकर बालों पर प्रयोग किया जा सकता है।

11. रूसी Dandruff

एक छोटा चम्मच सेब का सिरका लेकर हल्के हाथों से सिर की त्वचा पर मालिश करें।

1/4 कप सिरके को इतने ही पानी में मिलाकर स्प्रे बोतल में भर लें और सिर पर स्प्रे करें। फिर एक साफ़ तौलिया लपेट लें। और १५ मिनट से १ घंटा तक छोड़ दें। फिर बालों को पानी से धो लें ऐसा सप्ताह में २ बार करें।

12. पेशाब का इन्फेक्शन Urinary Tract Infection

एक गिलास पानी में २ चम्मच सिरका और शहद मिलाकर पियें।

13. आर्थराइटिस, जोड़ों का दर्द Joint Pain

एक गिलास पानी में 1 टेबलस्पून सिरका मिलाकर दिन में तीन बार पियें, यह आर्थराइटिस के दर्द में आराम देगा।

14. नकसीर, एक्जिमा Nose bleed, Eczema

कुछ दिनों तक एक गिलास पानी में 1 चम्मच सिरका मिलाकर दिन में तीन बार पियें।

पानी में मिलाकर सिरके को प्रभावित जगह पर लगाएं। नमक का सेवन न करें।

15. वैरीकोस वेंस Varicose Veins

एक कपडे में सिरका लगाकर प्रभावित जगह पर लगायें। गर्म पानी में सिरका मिलकर पियें।

16. शरीर से गंदगी बाहर निकालने के लिए Blood purification

सेब का सिरका २ चम्मच की मात्रा में दिन में दो बार लें।

17. फंगल इन्फेक्शन Fungal infection

सेब का सिरका पानी में मिलके प्रभावित जगह पर लगायें।

18. फेफड़े और गले में संक्रमण, खांसी, कफ Respiratory Ailments

लहसुन की ५-१० कलियाँ लेकर काट कर एक कप सिरके में रात भर दाल कर छोड़ दें। सुबह इसमें स्वाद अनुसार शहद मिलाएं। दिन में कई बार एक चम्मच की मात्राम में इसका सेवन करें।

ज्यादातर लोग सिरके को एक टीस्पून या एक टेबलस्पून की मात्रा में दिन १ से ३ बार ले सकते हैं। इसे सलाद में भी डाल सकते हैं। इसे पानी में मिलाकर ही लेना चाहिए। इसमें शहद भी डाला जा सकता है।

सावधानियां

  1. सिरके को हमेशा पानी में मिलाकर ही पियें क्योंकि यह एसिडिक होता है और दांत के एनामल और मुंह के टिश्यू को नुकसान पहुंचा सकता है।
  2. लम्बे समय तक ज्यादा मात्रा में इसका सेवन शरीर में पोटासियम की मात्रा blood potassium levels (hypokalemia) को व बोन डेंसिटी bonemineral density को कम कर सकता है।
  3. जिन्हें सेब से एलर्जी हो वे इसका सेवन न करें।
  4. यह मूत्रल, डायबिटीज हृदय रोग और विरेचक दवाओं के असर को प्रभावित कर सकता है।
  5. इसका ज्यादा मात्रा में सेवन पेट, ड्यूडनम और लीवर को नुकसान पहुंचा सकता है।

जिंक सल्फेट Zinc Sulfate in Hindi

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जिंक सल्फेट को दस्त में ओरएस ORS घोल के साथ प्रयोग किया जाता है। यदि खूनी दस्त हो तो भी इसे एंटीबायोटिक के साथ दिया जाता है। इसका सेवन शरीर में जिंक की कमी दूर होती है। जिंक का प्रयोग बच्चों में बार-बार होने वाले दस्त / डायरिया की दर को करीब २५ प्रतिशत तक कम करता है। इसके सेवन पर दस्त जल्द ठीक होने में मदद होती है। इसके अतिरिक्त दस्त होने हर इसका प्रयोग शरीर में जिंक की कमी नहीं होने देता।

जिंक या जस्ता बच्चे के समग्र स्वास्थ्य और विकास के लिए एक महत्वपूर्ण पोषक तत्व है। दस्त के दौरान बहुत सा जिंक शरीर से निकल जाता है। जिंक शरीर में बहुत से महत्वपूर्ण काम करता है। यह बढ़वार, इम्युनिटी, प्रोटीन संश्लेषण, और घाव के ठीक होने मदद करता है।इसमें एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं और शरीर को भिन्न रोगों से बचाता है।

उपचारात्मक कार्रवाई

सूक्ष्म पोषक तत्व जिंक की कमी दूर करना

चिकित्सीय प्रयोग

5 वर्ष की उम्र से छोटे बच्चों में डायरिया होने की स्थिति में मौखिक पुनर्जलीकरण चिकित्सा oral rehydration therapy के साथ जिंक सल्फेट का प्रयोग जिंक की कमी को तथा दस्त के उपचार में सहायक है।

जिंक का प्रयोग स्टूल की मात्रा को भी कम करता है। यह लगातार दस्त रहने की अवधि और गंभीरता को कम करता है।

उपलब्धता

  1. 20 मिलीग्राम की गोली
  2. 20 मिलीग्राम / 5 मिलीलीटर का सिरप

खुराक और अवधि

  1. 6 महीने से छोटे बच्चे: 10 मिलीग्राम दिन में एक बार (1/2 गोली या 1/2 छोटा चम्मच एक बार रोज़ ) 10 दिनों के लिए
  2. 6 महीने से 5 साल तक के बच्चे: 20 मिलीग्राम दिन में एक बार (1 गोली या 1 चम्मच एक बार) 10 दिनों के लिए
  3. एक चम्मच में आधा गोली या पूरी गोली को एक चम्मच या कटोरी में रख के घुला दें और बच्चे को दें।

सावधानियों

  1. निर्धारित मात्रा में प्रयोग पर इसका कोई साइड-इफ़ेक्ट नहीं है।
  2. यदि सेवन के 30 मिनट के भीतर उल्टी हो जाए तो जिंक फिर से दें।
  3. इसे आयरन के सप्लीमेंट के साथ न दें। दोनों को देने में करीब 2 घंटे का अंतर रखें।

मैनकाइंड मैनफ़ोर्स टेबलेट Mankind Manforce Tablet Detail and Uses in Hindi

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मैनफ़ोर्स टेबलेट एक ऐलोपथिक दवाई जो की प्रिसक्रिप्शन ड्रग (डॉक्टर के प्रिस्क्रिप्शन पर मिलने वाली ) है। यह दवा केवल पुरुषों के लिए है और बेटर इरेक्शन पाने में मदद करती है।

मैनकाइंड मैनफ़ोर्स टेबलेट को इरेक्टाइल डिसफंक्शन / स्तम्भन दोष या नपुंसकता में लिया जाता है। इरेक्टाइल डिसफंक्शन वो स्थति है जिसमें पुरुष का लिंग ठीक से खड़ा नहीं हो पाता जिस कारण पुरुष चाह कर भी सेक्स का आनंद नहीं ले सकता। इसमें लिंग में कडापन और सख्ती नहीं होती और इस वज़ह से सेक्स करना संभव नहीं हो पाता।

यह दवाई, रोग का इलाज करती है उसे ठीक नहीं करती। इस दवा का सेवन सेक्स करने से एक घंटा पहले किया जाता है। भारी, फैटी भोजन का सेवन इस दवा का असर थोडा कम कर देता है। इसलिए इसे खाली पेट लेना चाहिए। इस पेज पर इस दवा के बारे बताया गया है जो की केवल जानकारी देने के उद्देश्य से है।

Mankind Manforce Tablet is available in 50 mg and 100 mg. This Allopathic medicine is for achieving erection and used in treatment of erectile dysfunction or ED, condition in which man cannot get, or keep, a hard erect penis suitable for sexual activity. It works by increasing blood flow to the penis and relaxing the muscles. It should be taken an hour before the sexual intercourse. There are few conditions in which it should not be taken and like any other medicine it produces certain side-effect including headache, nausea, lowering of blood pressure etc.

While taking this medicine the blood pressure should be monitored carefully. In case of serious side-effects, intake of medicine should be stopped and doctor should be consulted.

Here is given more about this medicine, such as indication/therapeutic uses, Key Ingredients and dosage in Hindi language.

  • रोग: इरेक्टाइल डिसफंक्शन
  • ब्रांड का नाम: मैनकाइंड
  • जेनरिक: Sildenafil citrate सिलडेनाफिल सिट्रेट
  • केमिकल फार्मूला: 5-[2-Ethoxy-5-[(4-methyl-1-piperazinyl)sulfonyl]phenyl]-1,6-dihydro-1-methyl-3-propyl-7Hpyrazolo[4,3-d]pyrimidin-7-one citrate

उपलब्धता Availability

सिलडेनाफिल सिट्रेट की मात्रा के अनुसार यह दवा दो प्रकार में उपलब्ध है। ज्यादातर लोगों के लिए 50 mg की मात्रा सही रहती है।

  1. मैनफ़ोर्स टेबलेट 50 mg
  2. मैनफ़ोर्स टेबलेट 100 mg

मैनकाइंड मैनफ़ोर्स टेबलेट के घटक Ingredients of Mankind Manforce Tablet

  1. सिलडेनाफिल सिट्रेट

मैनकाइंड मैनफ़ोर्स टेबलेट के चिकित्सीय उपयोग Uses of Mankind Manforce Tablet

  1. स्तंभन दोष या इरेक्टाइल डिसफंक्शन ( संभोग के दौरान शिश्न / लिंग / जनेन्द्रिय के उत्तेजित न होने या उसे बनाए न रख सकने के कारण पैदा हुई यौन निष्क्रियता)
  2. हाइपरटेंशन

सेवन विधि और मात्रा Dosage of Mankind Manforce Tablet

नोट: यह प्रिस्क्रिप्शन ड्रग है।

  • इसे दिन में एक बार ही लेना है।
  • एक बार से ज्यादा न लें। यह हानिकारक है।
  • इसे पानी के साथ लें।
  • इसे सेक्स करने से करीब एक घंटा पहले लें।
  • भारी भोजन के साथ लेने पर इसका अवशोषण धीरे से होता है।
  • अल्कोहल का सेवन दवा के असर को कम करता है।
  • यह रक्तचाप को कम करती है।
  • या डॉक्टर द्वारा निर्देशित रूप में लें।

इसका सेवन न करें यदि Contraindications

  • कोई भी नाइट्रेट मेडिकेशन (osorbide salts, sodium nitroprusside, amyl nitrite, nicorandil or organic nitrates), ले रहें हों तो इसका सेवन न करें। यह रक्तचाप को खतरनाक ढंग से कम देगा।
  • अगर एनजाइना है, छाती में दर्द है, तो भी इसका सेवन नं करें।
  • दिल की बिमारी है जिस कारण से सेक्स करने की मनाही है।
  • पिछले 6 महीने में स्ट्रोक हुआ हो।
  • लीवर की गंभीर बीमारी है।
  • रक्तचाप नियंत्रित नहीं है।
  • आखों के रोग nonarteritic anterior ischaemic optic neuropathy (NAION) retinitis pigmentosa में
  • दवा में प्रयोग किसी भी घटक से एलर्जी है।

दवाएं जो सिलडेनाफिल सिट्रेट के साथ इंटरैक्ट करती हैं Drug interactions

  • अलसर की दवा cimetidine
  • फंगस की दवा ketoconazole and itraconazole
  • एंटीबायोटिक्स erythromycin and rifampicin
  • कुछ प्रोटीएज इनहिबिटर ritonavir and saquinavir

कुछ संभावित साइड-इफेक्ट्स Possible Side-effects

  • सिर दर्द, चक्कर आना
  • त्वचा का लाल, गर्म होना
  • अपच, एसिडिटी
  • नाक जाम होना
  • साइनस कंजेशन
  • नाक में सूजन
  • लूज़ मोशन
  • त्वचा पर चक्कते
  • चिड़चिड़ापन
  • शरीर गर्म महसूस होना
  • आँखों में जलन

गंभीर साइड-इफेक्ट्स Serious Side-effects

  • हृदय की धड़कन में परिवर्तन
  • पेशाब का इन्फेक्शन, पेशाब में जलन, बार बार पेशाब की इच्छा
  • पेशाब में खून जाना
  • नाक से खून आना
  • लगातार सिरदर्द
  • हाथ-पैर सुन्न होना
  • आँखों का लाल होना
  • पफी आँखे
  • आँखों में दर्द
  • मांसपेशियों में दर्द

अगर यह लक्षण हो तो डॉक्टर से संपर्क करें:

  • छाती में दर्द
  • दिल की धड़कन बढ़ना
  • सुनाई न देना
  • सीज़र, फिट्स
  • सही से दिखाई न देना
  • रंगहीन चीजें कलरफुल लगना
  • लाल-पीले धब्बे दिखना
  • इरेक्शन का कुछ घंटों तक रहना, इससे पेनिस को नुकसान होता है

दवा से एलर्जी के लक्षण Allergic reactions

  • कफ, सांस ठीक से न आना
  • चेहरे पर सूजन
  • शरीर के अन्य हिस्सों पर सूजन
  • हाइव्स, रैश
  • बेहोशी
  • हेफीवर जैसे लक्षण

भण्डारण Storage

  • इसे 30°C से कम तापक्रम पर रखें। इसे ठन्डे और सूखे स्थान पर रखें।
  • दवा को बाथरूम, सिंक आदि गीली जगहों पर न रखें।
  • इसे कमरे की खिड़की, धूप वाली जगह या कार में न रखें।
  • नमी और गर्मी दवा को ख़राब कर देती है।

मैनफोर्स स्टेलोंग जेल Manforce Staylong Gel Detail and Uses in Hindi

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मैनफोर्स स्टेलोंग जेल, शीघ्रपतन / प्रीमेच्योर एजाकुलेशन PE को रोकने में इस्तेमाल किया जाता है। प्रीमेच्योर एजाकुलेशन में योनि पेनेट्रेशन के 1 मिनट के भीतर स्खलन हो हो जाता है। जब यह हमेशा या लगभग हमेशा होता है तो शीघ्र पतन की समस्या हो जाती है। इस यौन समस्या में स्खलन पर नियंत्रण की कमी रहती है। जिस कारण यौन संतुष्टि का अभाव रहता है और पार्टनर्स में निराशा तथा यौन प्रदर्शन की कमी, और संतुष्टि नहीं हो पाती।

स्टेलोंग जेल, एक ऐलोपथिक क्रीम / जेल है जोकि मैनफोर्स फार्मा द्वारा निर्मित है और मेडिकल स्टोर्स और ऑनलाइन उपलब्ध है।

इस पेज पर इस दवा के बारे बताया गया है जो की केवल जानकारी देने के उद्देश्य से है। 

मैनफोर्स स्टेलोंग जेल, के घटक ऐनेस्थेटिक induces insensitivity to pain (दर्द के प्रति असंवेदनशीलता) हैं जो की इरेक्शन रहने के टाइम को बढ़ा देते हैं।

Here is given more about this medicine, such as indication/therapeutic uses, Key Ingredients and dosage in Hindi language.

  • रोग: शीघ्र पतन
  • ब्रांड का नाम: मैनकाइंड
  • श्रेणी: क्रीम जेल
  • उपलब्धता: 1 ग्राम पाउच और १० ग्राम ट्यूब

मूल्य / एमआरपी: रु. 19.45 / 1 ग्राम पाउच और रु. 126.00 / 10 ग्राम ट्यूब के लिए

मैनफोर्स स्टेलोंग जेल के घटक Ingredients of Manforce Staylong Gel

सक्रिय पदार्थ: lidocaine और prilocaine (Anaesthetics, स्थानीय)

मैनफोर्स स्टेलोंग जेल के चिकित्सीय उपयोग Uses of Manforce Staylong Gel

मैनफोर्स स्टेलोंग जेल को वयस्क पुरुषों में शीघ्रपतन के इलाज के लिए प्रयोग किया जाता है।

मैनफोर्स स्टेलोंग जेल का उपयोग कैसे करें How to Use Manforce Staylong Gel

  • जेल संभोग करने से पहले लगाया जाता है।
  • जेल लिंग पर 20 मिनट तक लगाना है।
  • इस जेल की थिन लेयर ग्लांस पेनिस से लेकर डिस्टल शाफ्ट पर 20-25 मिनट तक लगा कर कंडोम द्वारा कवर करते हैं । संभोग के लिए यदि कंडोम को निकाला गया है, तो क्रीम को धो लेना जरुरी है। ऐसा न करने से योनि में भी नंबनेस हो जाती है और अनुभूति नहीं होती है।
  • यौन संपर्क से पहले के 20 मिनट की अधिकतम अवधि तक ही पेनिस पर लगायें। यह स्खलन-पूर्व समय में 6-8 मिनट तक वृद्धि कर देगा।
  • यदि आप 30 मिनट से अधिक समय तक इसे लगते हैं तो इरेक्शन नहीं होगा, यह पेनिस को पूरी तरह से नंब कर देगा ।

साइड इफेक्ट

  • प्रजनन अंग में जलन, सेंसेशन की कमी
  • शुक्राणुओं की कम गतिशीलता
  • सिर दर्द
  • योनि या गुदा के संपर्क में आने पर कुछ महसूस न होना, जिससे चोट लगने की संभावना बढ़ जाती है
  • आँखों में गलती से पड़ने पर जलन, नंब होने से चोट लगने की ज्यादा संभावना

उपयोग न करें यदि Do not Use if

  • यदि आप या आपके यौन साथी को इसमें पड़े किसी भी घटक से एलर्जी lidocaine या prilocaine है।
  • यदि आप या आपके यौन साथी को एमाइड-प्रकार के स्थानीय anaesthetics से संवेदनशीलता है।
  • यदि आप बच्चे के लिए प्रयास कर रहें है, तो इसका प्रयोग न करें और यदि बहुत ज़रूरी है तो क्रीम को पेनिस पर से, योनि में डालने से पहले, पूरी तरह से धो लें।

अत्यधिक उपयोग के कारण निम्न लक्षण हो सकते हैं Excessive Use May Cause

  • चक्कर आना
  • मुंह के आसपास की त्वचा की झुनझुनी
  • जीभ में नंबनेस
  • असामान्य स्वाद आना
  • धुंधला दिखना
  • कान बजना
  • रक्त में ऑक्सीजन की मात्रा को कम होना
  • ओवरडोज के गंभीर मामलों में, फिट पड़ना, धीमी श्वास, साँस लेने में दिक्कत और दिल की धड़कन बदलना, कम रक्तचाप हो सकता है।

वियाग्रा Viagra Detail and Uses in Hindi

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वियाग्रा एक ऐलोपथिक दवाई जो की प्रिसक्रिप्शन ड्रग (डॉक्टर के प्रिस्क्रिप्शन पर मिलने वाली ) है। यह दवा केवल पुरुषों के लिए है और बेटर इरेक्शन पाने में मदद करती है। वियाग्रा को इरेक्टाइल डिसफंक्शन / स्तम्भन दोष या नपुंसकता में Erectile dysfunction ED लिया जाता है। इरेक्टाइल डिसफंक्शन वो स्थति है जिसमें पुरुष का लिंग ठीक से खड़ा नहीं हो पाता जिस कारण पुरुष चाह कर भी सेक्स का आनंद नहीं ले सकता। इसमें लिंग में कडापन और सख्ती नहीं होती और इस वज़ह से सेक्स करना संभव नहीं हो पाता।

यह दवाई, रोग का इलाज करती है उसे ठीक नहीं करती। इस दवा का सेवन सेक्स करने से एक घंटा पहले किया जाता है। भारी, फैटी भोजन का सेवन इस दवा का असर थोडा कम कर देता है। इसलिए इसे खाली पेट लेना चाहिए।

इस पेज पर इस दवा के बारे बताया गया है जो की केवल जानकारी देने के उद्देश्य से है।

Viagra is available in 25mg, 50 mg and 100 mg. This Allopathic medicine is for achieving erection and used in treatment of erectile dysfunction or ED, condition in which man cannot get, or keep, a hard erect penis suitable for sexual activity. It works by increasing blood flow to the penis and relaxing the muscles. It should be taken an hour before the sexual intercourse. There are few conditions in which it should not be taken and like any other medicine it produces certain side-effect including headache, nausea, lowering of blood pressure etc.

While taking this medicine the blood pressure should be monitored carefully. In case of serious side-effects, intake of medicine should be stopped and doctor should be consulted.

Here is given more about this medicine, such as indication/therapeutic uses, Key Ingredients and dosage in Hindi language.

वियाग्रा क्या है? What is Viagra in Hindi?

वियाग्रा या ब्लू पिल, एक एलोपैथिक दवा है जिसका जेनेरिक फार्मूला सिलडेनाफिल सिट्रेट / साईट्रेट है और इसे इरेक्टाइल डिसफंक्शन (नपुंसकता) में दिया जाता है। वियाग्रा का सेवन फास्फोडिस्ट्रस 5 (PDE 5) एंजाइम के प्रवाह को रोककर टिश्यू को रिलैक्स करता है तथा रक्तसंचार को आसान बना देता है। यह दोनों ही चीज़े स्तम्भन में सहयोगी हैं।

इसे सभी वयस्क पुरुषों (18-85 वर्ष) के द्वारा ली जा सकती है।

यह सेक्स पॉवर / इरेक्शन को ज्यादा देर तक रखती है। यह उत्तेजना / कामेच्छा libido को नहीं बढ़ाती पर इरेक्शन होने में मददगार है।

शुरू में कम मात्रा 25 मिलीग्राम ली जानी चाहिए और यदि ज़रूरत हो तब मात्रा बढ़ी मात्रा इस्तेमाल करनी चाहिए।

ज्यादा मात्रा तब लेनी चाहिए जब कम मात्रा लेने पर इरेक्शन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता।

यह बाद ध्यान रखने योग्य है, की किसी भी अन्य दवा की तरह इसको लेने से भी शरीर पर कई तरह के दुष्प्रभाव / नुकसान हैं। इसलिए यदि आवश्यक हो तो ही इसका प्रयोग करें तथा यदि किसी अन्य स्वास्थ्य समस्या के लिए कोई दवा लेते हैं, तो उस दवा का इसके साथ इंटरेक्शन क्या होता है यह भलिभांति समझ लें।

रोग: इरेक्टाइल डिसफंक्शन

जेनरिक: Sildenafil citrate सिलडेनाफिल सिट्रेट

केमिकल फार्मूला: 5-[2-Ethoxy-5-[(4-methyl-1-piperazinyl)sulfonyl]phenyl]-1,6-dihydro-1-methyl-3-propyl-7Hpyrazolo[4,3-d]pyrimidin-7-one citrate

उपलब्धता Availability

सिलडेनाफिल सिट्रेट की मात्रा के अनुसार यह दवा दो प्रकार में उपलब्ध है। ज्यादातर लोगों के लिए 50 mg की मात्रा सही रहती है।

  • वियाग्रा 25 mg
  • वियाग्रा 50 mg
  • वियाग्रा 100 mg
  • वियाग्रा के घटक Ingredients of Viagra
  • सिलडेनाफिल सिट्रेट Sildenafil citrate

वियाग्रा के चिकित्सीय उपयोग Uses of Viagra

स्तंभन दोष या इरेक्टाइल डिसफंक्शन ( संभोग के दौरान शिश्न / लिंग / जनेन्द्रिय के उत्तेजित न होने या उसे बनाए न रख सकने के कारण पैदा हुई यौन निष्क्रियता)

हाइपरटेंशन

सेवन विधि और मात्रा Dosage of Viagra

नोट: यह प्रिस्क्रिप्शन ड्रग है।

  • इसे दिन में एक बार ही लेना है।
  • एक बार से ज्यादा न लें। यह हानिकारक है।
  • इसे पानी के साथ निगल लें।
  • इसे सेक्स करने से करीब एक घंटा पहले लें।
  • इसे लेने के बाद इसका असर 4-5 घंटे तक रहता है लेकिन तीन घंटे बाद इसका असर कम होने लगता है।
  • भारी भोजन के साथ लेने पर इसका अवशोषण धीरे से होता है।
  • अल्कोहल का सेवन दवा के असर को कम करता है।
  • यह रक्तचाप को कम करती है।
  • या डॉक्टर द्वारा निर्देशित रूप में लें।

इसका सेवन न करें यदि Contraindications

कोई भी नाइट्रेट मेडिकेशन (osorbide salts, sodium nitroprusside, amyl nitrite, nicorandil or organic nitrates), ले रहें हों तो इसका सेवन न करें। यह रक्तचाप को खतरनाक ढंग से कम देगा।

  • अगर एनजाइना है, छाती में दर्द है, तो भी इसका सेवन नं करें।
  • दिल की बिमारी है जिस कारण से सेक्स करने की मनाही है।
  • पिछले 6 महीने में स्ट्रोक हुआ हो।
  • लीवर की गंभीर बीमारी है।
  • रक्तचाप नियंत्रित नहीं है।
  • आखों के रोग nonarteritic anterior ischaemic optic neuropathy (NAION) retinitis pigmentosa में
  • दवा में प्रयोग किसी भी घटक से एलर्जी है।
  • दवाएं जो सिलडेनाफिल सिट्रेट के साथ इंटरैक्ट करती हैं Drug interactions
  • अलसर की दवा cimetidine
  • फंगस की दवा ketoconazole and itraconazole
  • एंटीबायोटिक्स erythromycin and rifampicin
  • कुछ प्रोटीएज इनहिबिटर ritonavir and saquinavir

कुछ संभावित साइड-इफेक्ट्स Possible Side-effects

  • सिर दर्द, चक्कर आना
  • त्वचा का लाल, गर्म होना
  • अपच, एसिडिटी
  • नाक जाम होना
  • साइनस कंजेशन
  • नाक में सूजन
  • लूज़ मोशन
  • त्वचा पर चक्कते
  • चिड़चिड़ापन
  • शरीर गर्म महसूस होना
  • आँखों में जलन

गंभीर साइड-इफेक्ट्स Serious Side-effects

  • हृदय की धड़कन में परिवर्तन
  • पेशाब का इन्फेक्शन, पेशाब में जलन, बार बार पेशाब की इच्छा
  • पेशाब में खून जाना
  • नाक से खून आना
  • लगातार सिरदर्द
  • हाथ-पैर सुन्न होना
  • आँखों का लाल होना
  • पफी आँखे
  • आँखों में दर्द
  • मांसपेशियों में दर्द

अगर यह लक्षण हो तो डॉक्टर से संपर्क करें:

  • छाती में दर्द
  • दिल की धड़कन बढ़ना
  • सुनाई न देना
  • सीज़र, फिट्स
  • सही से दिखाई न देना
  • रंगहीन चीजें कलरफुल लगना
  • लाल-पीले धब्बे दिखना
  • इरेक्शन का कुछ घंटों तक रहना, इससे पेनिस को नुकसान होता है

दवा से एलर्जी के लक्षण Allergic reactions

  • कफ, सांस ठीक से न आना
  • चेहरे पर सूजन
  • शरीर के अन्य हिस्सों पर सूजन
  • हाइव्स, रैश
  • बेहोशी
  • हेफीवर जैसे लक्षण

भण्डारण Storage

  • इसे 30°C से कम तापक्रम पर रखें। इसे ठन्डे और सूखे स्थान पर रखें।
  • दवा को बाथरूम, सिंक आदि गीली जगहों पर न रखें।
  • इसे कमरे की खिड़की, धूप वाली जगह या कार में न रखें।
  • नमी और गर्मी दवा को ख़राब कर देती है।

सुहाग्रा Suhagra Detail and Uses in Hindi

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सुहाग्रा को इरेक्टाइल डिसफंक्शन / स्तम्भन दोष या नपुंसकता में लिया जाता है। इरेक्टाइल डिसफंक्शन वो स्थति है जिसमें पुरुष का लिंग ठीक से खड़ा नहीं हो पाता जिस कारण पुरुष चाह कर भी सेक्स का आनंद नहीं ले सकता। इसमें लिंग में कडापन और सख्ती नहीं होती और इस वज़ह से सेक्स करना संभव नहीं हो पाता। यह दवाई, रोग का इलाज करती है उसे ठीक नहीं करती। इस दवा का सेवन सेक्स करने से एक घंटा पहले किया जाता है। भारी, फैटी भोजन का सेवन इस दवा का असर थोडा कम कर देता है। इसलिए इसे खाली पेट लेना चाहिए। इस पेज पर इस दवा के बारे बताया गया है जो की केवल जानकारी देने के उद्देश्य से है।

सिप्ला की सुहाग्रा एक ऐलोपथिक दवाई जो की प्रिसक्रिप्शन ड्रग (डॉक्टर के प्रिस्क्रिप्शन पर मिलने वाली) है। यह दवा केवल पुरुषों के लिए है और बेटर इरेक्शन पाने में मदद करती है।

Suhagra is available in 50 mg and 100 mg. This Allopathic medicine is for achieving erection and used in treatment of erectile dysfunction or ED, condition in which man cannot get, or keep, a hard erect penis suitable for sexual activity. It works by increasing blood flow to the penis and relaxing the muscles. It should be taken an hour before the sexual intercourse. There are few conditions in which it should not be taken and like any other medicine it produces certain side-effect including headache, nausea, lowering of blood pressure etc.

Here is given more about this medicine, such as indication/therapeutic uses, Key Ingredients and dosage in Hindi language.

रोग: इरेक्टाइल डिसफंक्शन

  • ब्रांड का नाम : Cipla
  • जेनरिक: Sildenafil citrate सिलडेनाफिल सिट्रेट
  • केमिकल फार्मूला: 5-[2-Ethoxy-5-[(4-methyl-1-piperazinyl)sulfonyl]phenyl]-1,6-dihydro-1-methyl-3-propyl-7Hpyrazolo[4,3-d]pyrimidin-7-one citrate

उपलब्धता Availability

सिलडेनाफिल सिट्रेट की मात्रा के अनुसार यह दवा दो प्रकार में उपलब्ध है। ज्यादातर लोगों के लिए 50 mg की मात्रा सही रहती है।

  1. सुहाग्रा 25 mg
  2. सुहग्रा 50 mg
  3. सुहग्रा100 mg

सुहाग्रा के घटक Ingredients of Suhagra

सिलडेनाफिल सिट्रेट

सुहाग्रा के चिकित्सीय उपयोग Uses of Suhagra

  1. स्तंभन दोष या इरेक्टाइल डिसफंक्शन ( संभोग के दौरान शिश्न / लिंग / जनेन्द्रिय के उत्तेजित न होने या उसे बनाए न रख सकने के कारण पैदा हुई यौन निष्क्रियता)
  2. हाइपरटेंशन

सेवन विधि और मात्रा Dosage of Suhagra

नोट: यह प्रिस्क्रिप्शन ड्रग है।

  1. इसे दिन में एक बार ही लेना है।
  2. एक बार से ज्यादा न लें। यह हानिकारक है।
  3. इसे पानी के साथ लें।
  4. इसे सेक्स करने से करीब एक घंटा पहले लें।
  5. भारी भोजन के साथ लेने पर इसका अवशोषण धीरे से होता है।
  6. या डॉक्टर द्वारा निर्देशित रूप में लें।
  7. अल्कोहल का सेवन दवा के असर को कम करता है।
  8. यह रक्तचाप को कम करती है।

इसका सेवन न करें यदि Contraindications

  1. कोई भी नाइट्रेट मेडिकेशन (osorbide salts, sodium nitroprusside, amyl
  2. nitrite, nicorandil or organic nitrates), अगर ले रहें हों तो इसका सेवन न करें। यह रक्तचाप को खतरनाक ढंग से कम देगा।
  3. अगर एनजाइना है, छाती में दर्द है, तो भी इसका सेवन नं करें।
  4. दिल की बिमारी है जिस कारण से सेक्स करने की मनाही है।
  5. पिछले 6 महीने में स्ट्रोक हुआ हो।
  6. लीवर की गंभीर बीमारी है।
  7. रक्तचाप नियंत्रित नहीं है।
  8. आखों के रोग nonarteritic anterior ischaemic optic neuropathy (NAION) retinitis pigmentosa में
  9. दवा में प्रयोग किसी भी घटक से एलर्जी है।

दवाएं जो सिलडेनाफिल सिट्रेट के साथ इंटरैक्ट करती हैं Drug interactions

  1. अलसर की दवा cimetidine
  2. फंगस की दवा ketoconazole and itraconazole
  3. एंटीबायोटिक्स erythromycin and rifampicin
  4. कुछ प्रोटीएज इन्हीबीटर ritonavir and saquinavir

कुछ संभावित साइड-इफेक्ट्स Possible Side-effects

  1. सिर दर्द, चक्कर आना
  2. त्वचा का लाल,गर्म होना
  3. अपच, एसिडिटी
  4. नाक जाम होना
  5. साइनस कंजेशन
  6. नाक में सूजन
  7. लूज़ मोशन
  8. त्वचा पर चक्कते
  9. चिड़चिड़ापन
  10. शरीर गर्म महसूस होना
  11. आँखों में जलन

गंभीर साइड-इफेक्ट्स Serious Side-effects

  1. हृदय की धड़कन में परिवर्तन
  2. पेशाब का इन्फेक्शन, पेशाब में जलन, बार बार पेशाब की इच्छा
  3. पेशाब में खून जाना
  4. नाक से खून आना
  5. लगातार सिरदर्द
  6. हाथ-पैर सुन्न होना
  7. आँखों का लाल होना
  8. पफी आँखे
  9. आँखों में दर्द
  10. मांसपेशियों में दर्द

अगर यह लक्षण हो तो डॉक्टर से संपर्क करें:

  1. छाती में दर्द
  2. दिल की धड़कन बढ़ना
  3. सुनाई न देना
  4. सीज़र, फिट्स
  5. सही से दिखाई न देना
  6. रंगहीन चीजें कलरफुल लगना
  7. लाल-पीले धब्बे दिखना
  8. इरेक्शन का कुछ घंटों तक रहना, इससे पेनिस को नुकसान होता है

दवा से एलर्जी के लक्षण Allergic reactions

  1. कफ, सांस ठीक से न आना
  2. चेहरे पर सूजन
  3. शरीर के अन्य हिस्सों पर सूजन
  4. हाइव्स, रैश
  5. बेहोशी
  6. हेफीवर जैसे लक्षण

भण्डारण Storage

  1. इसे 30°C से कम तापक्रम पर रखें। इसे ठन्डे और सूखे स्थान पर रखें।
  2. दवा को बाथरूम, सिंक आदि गीली जगहों पर न रखें।
  3. इसे कमरे की खिड़की, धूप वाली जगह या कार में न रखें।
  4. नमी और गर्मी दवा को ख़राब कर देती है।

केवर्टा Caverta Detail and Uses in Hindi

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रेनबेक्सी की केवर्टा एक ऐलोपथिक दवाई जो की प्रिसक्रिप्शन ड्रग (डॉक्टर के प्रिस्क्रिप्शन पर मिलने वाली) है। यह दवा केवल पुरुषों के लिए है और बेटर इरेक्शन पाने में मदद करती है।

केवर्टा को इरेक्टाइल डिसफंक्शन / स्तम्भन दोष या नपुंसकता में लिया जाता है।

इरेक्टाइल डिसफंक्शन वो स्थति है जिसमें पुरुष का लिंग ठीक से खड़ा नहीं हो पाता जिस कारण पुरुष चाह कर भी सेक्स का आनंद नहीं ले सकता। इसमें लिंग में कडापन और सख्ती नहीं होती और इस वज़ह से सेक्स करना संभव नहीं हो पाता। यह दवाई, रोग का इलाज करती है उसे ठीक नहीं करती। इस दवा का सेवन सेक्स करने से एक घंटा पहले किया जाता है। भारी, फैटी भोजन का सेवन इस दवा का असर थोडा कम कर देता है। इसलिए इसे खाली पेट लेना चाहिए।

इस पेज पर इस दवा के बारे बताया गया है जो की केवल जानकारी देने के उद्देश्य से है।

Caverta is available in 25 mg, 50 mg and 100 mg. This Allopathic medicine is for achieving erection and used in treatment of erectile dysfunction or ED, condition in which man cannot get, or keep, a hard erect penis suitable for sexual activity.

It works by increasing blood flow to the penis and relaxing the muscles. It should be taken an hour before the sexual intercourse. There are few conditions in which it should not be taken and like any other medicine it produces certain side-effect including headache, nausea, lowering of blood pressure etc.

Here is given more about this medicine, such as indication/therapeutic uses, Key Ingredients and dosage in Hindi language.

  • रोग: इरेक्टाइल डिसफंक्शन
  • ब्रांड का नाम : Ranbaxy
  • जेनरिक: Sildenafil citrate सिलडेनाफिल सिट्रेट
  • केमिकल फार्मूला: 5-[2-Ethoxy-5-[(4-methyl-1-piperazinyl)sulfonyl]phenyl]-1,6-dihydro-1-methyl-3-propyl-7Hpyrazolo[4,3-d]pyrimidin-7-one citrate

उपलब्धता Availability

सिलडेनाफिल सिट्रेट की मात्रा के अनुसार यह दवा दो प्रकार में उपलब्ध है। ज्यादातर लोगों के लिए 50 mg की मात्रा सही रहती है।

  1. केवर्टा 25 mg
  2. केवर्टा 50 mg
  3. केवर्टा 100 mg

केवर्टा के घटक Ingredients of Caverta

  1. सिलडेनाफिल सिट्रेट

केवर्टा के चिकित्सीय उपयोग Uses of Caverta

  1. स्तंभन दोष या इरेक्टाइल डिसफंक्शन ( संभोग के दौरान शिश्न / लिंग / जनेन्द्रिय के उत्तेजित न होने या उसे बनाए न रख सकने के कारण पैदा हुई यौन निष्क्रियता)
  2. हाइपरटेंशन

सेवन विधि और मात्रा Dosage of Caverta

नोट: यह प्रिस्क्रिप्शन ड्रग है।

  1. इसे दिन में एक बार ही लेना है।
  2. एक बार से ज्यादा न लें। यह हानिकारक है।
  3. इसे पानी के साथ लें।
  4. इसे सेक्स करने से करीब एक घंटा पहले लें।
  5. भारी भोजन के साथ लेने पर इसका अवशोषण धीरे से होता है।
  6. या डॉक्टर द्वारा निर्देशित रूप में लें।
  7. अल्कोहल का सेवन दवा के असर को कम करता है।
  8. यह रक्तचाप को कम करती है।

इसका सेवन न करें यदि Contraindications

  1. कोई भी नाइट्रेट मेडिकेशन (osorbide salts, sodium nitroprusside, amyl nitrite, nicorandil or organic nitrates), अगर ले रहें हों तो इसका सेवन न करें। यह रक्तचाप को खतरनाक ढंग से कम देगा।
  2. अगर एनजाइना है, छाती में दर्द है, तो भी इसका सेवन नं करें।
  3. दिल की बिमारी है जिस कारण से सेक्स करने की मनाही है।
  4. पिछले 6 महीने में स्ट्रोक हुआ हो।
  5. लीवर की गंभीर बीमारी है।
  6. रक्तचाप नियंत्रित नहीं है।
  7. आखों के रोग nonarteritic anterior ischaemic optic neuropathy (NAION) retinitis pigmentosa में
  8. दवा में प्रयोग किसी भी घटक से एलर्जी है।

दवाएं जो सिलडेनाफिल सिट्रेट के साथ इंटरैक्ट करती हैं Drug interactions

  1. अलसर की दवा cimetidine
  2. फंगस की दवा ketoconazole and itraconazole
  3. एंटीबायोटिक्स erythromycin and rifampicin
  4. कुछ प्रोटीएज इन्हीबीटर ritonavir and saquinavir

कुछ संभावित साइड-इफेक्ट्स Possible Side-effects

  1. सिर दर्द, चक्कर आना
  2. त्वचा का लाल,गर्म होना
  3. अपच, एसिडिटी
  4. नाक जाम होना
  5. साइनस कंजेशन
  6. नाक में सूजन
  7. लूज़ मोशन
  8. त्वचा पर चक्कते
  9. चिड़चिड़ापन
  10. शरीर गर्म महसूस होना
  11. आँखों में जलन

गंभीर साइड-इफेक्ट्स Serious Side-effects

  1. हृदय की धड़कन में परिवर्तन
  2. पेशाब का इन्फेक्शन, पेशाब में जलन, बार बार पेशाब की इच्छा
  3. पेशाब में खून जाना
  4. नाक से खून आना
  5. लगातार सिरदर्द
  6. हाथ-पैर सुन्न होना
  7. आँखों का लाल होना
  8. पफी आँखे
  9. आँखों में दर्द
  10. मांसपेशियों में दर्द

अगर यह लक्षण हो तो डॉक्टर से संपर्क करें:

  1. छाती में दर्द
  2. दिल की धड़कन बढ़ना
  3. सुनाई न देना
  4. सीज़र, फिट्स
  5. सही से दिखाई न देना
  6. रंगहीन चीजें कलरफुल लगना
  7. लाल-पीले धब्बे दिखना
  8. इरेक्शन का कुछ घंटों तक रहना, इससे पेनिस को नुकसान होता है

दवा से एलर्जी के लक्षण Allergic reactions

  1. कफ, सांस ठीक से न आना
  2. चेहरे पर सूजन
  3. शरीर के अन्य हिस्सों पर सूजन
  4. हाइव्स, रैश
  5. बेहोशी
  6. हेफीवर जैसे लक्षण

भण्डारण Storage

  1. इसे 30°C से कम तापक्रम पर रखें। इसे ठन्डे और सूखे स्थान पर रखें।
  2. दवा को बाथरूम, सिंक आदि गीली जगहों पर न रखें।
  3. इसे कमरे की खिड़की, धूप वाली जगह या कार में न रखें।
  4. नमी और गर्मी दवा को ख़राब कर देती है।

हील ओ काइंड Heal-O-Kind Detail and Uses in Hindi

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यह एक मैनकाइंड फार्म द्वारा निर्मित एक ओवर द काउंटर ऐलोपथिक जेल है। इस पेज पर इस जेल के बारे बताया गया है जो की केवल जानकारी देने के उद्देश्य से है।

हीलो-ओ-काइंड, को बाहरी रूप से जलने, कटने, छिलने, चमड़ी के रगड़ने, आदि में लगाया जाता है। इसको लगाने से घाव जल्दी भरता है और दर्द, जलन में भी आराम होता है।

इस जेल में नैनो-क्रिस्टेलाइन सिल्वर है। नैनो-क्रिस्टेलाइन सिल्वर, एंटीमाइक्रोबियल होता है। यह मौजूद माइक्रोओर्गानिज्म को मारता है और उनके प्रोटीन से जुड़ कर उसके मल्टीप्लीकेशन को रोकता है। यह घाव के कारण होने वाले दर्द और सूजन में भी राहत देता है। यह ट्रांसपेरेंट है और कोई दाग भी नहीं छोड़ता। यह एक मल्टीपरपज़ जेल है जो त्चचा के विभिन्न घावों में आराम देता है।

Healokind is a multipurpose gel containing nano crystalline silver. The nano crystals are very fine particles (having at least one dimension smaller than 100 nanometres), and this nano particle size of the crystals facilitates quick absorption of the gel on skin. It heals multiple injuries like wounds, burns, bruises and cuts. Due to quick absorption, the wounds heal, much faster.

Here is given more about this medicine, such as indication/therapeutic uses, Key Ingredients and how to use in Hindi language.

उपलब्धता: यह ऑनलाइन और दुकानों में उपलब्ध है।

निर्माता: Mankind

मूल्य Price / MRP: 10gram gel for ₹50.00

हील ओ काइंड के घटक Ingredients of Heal-O-Kind

  • नैनो-क्रिस्टेलाइन सिल्वर Nanocrystalline silver 0.002 %W/W
  • हील ओ काइंड के लाभ/फ़ायदे Benefits of Heal-O-Kind
  • यह त्वचा में आसानी से अवशोषित हो जाता है।
  • यह घावों को जल्दी भरता है।
  • यह शक्तिशाली एंटीबैक्टीरियल है।

हील ओ काइंड के चिकित्सीय उपयोग Uses of Heal-O-Kind

  1. हील ओ काइंड को त्वचा पर लगे विभिन्न तरह के घावों पर लगाया जाता है।
  2. कटना
  3. जलना
  4. छिलना
  5. डायबिटिक अल्सर
  6. चोट लगना
  7. शू बाईट

प्रयोग की विधि

यह तेल केवल बाह्य प्रयोग के लिए है।

प्रभावित त्वचा पर इसे दिन में २ बार लगायें.

कठोर पानी Hard Water Information in Hindi

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जल या पानी, सभी प्रकार के जीवन के लिए आवश्यक है। पानी को दो प्रकार में बांटा जा सकता है, मृदु जल / सॉफ्ट वाटर (साबुन के साथ रगड़े जाने पर आसानी से अधिक झाग उत्पन्न करता है,) जैसे की वर्षा का जल और कठोर जल / हार्ड वाटर (साबुन के साथ रगड़े जाने पर झाग नहीं बनाता) जैसे की जमीन के अन्दर का जल।

यदि पानी में घुले मग्निसियम और कैल्शियम की मात्रा 0-61 mg प्रति लीटर है तो यह मृदु या सॉफ्ट वाटर है। लेकिन 60mg/l, से ऊपर होते ही पानी की कठोरता बढ़ती जाती है। 61-120 mg/l पर यह मध्य कठोर, 121-180 mg/l पर कठोर और >180 mg/l, पर यह बहुत कठोर जल कहलाता है।

कठोर जल, बर्तन, कूलर, पाइप्स, बाथरूम फिटिंग, शावर, आदि पर जम जाता है। पाइप्स पर जम जाने के कारण वे कुछ समय में जाम होने लगती है। जब उनमें बहुत सा मिनरल डिपोजिट हो जाता है तो उन्हें बदलने की ज़रूरत भी पड़ती है। यदि पानी हार्ड है तो साबुन की खपत भी बढ़ जाती है। नहाना, बाल धोना भी इससे मुश्किल होता है।

जल की कठोरता

पानी जिसमें क्लोराइड, सल्फाइड के लवण, कैल्शियम और मग्निशियम के कार्बोनेट और बाईकार्बोनेट, मौजूद होते हैं उसे कठोर जल या हार्ड वाटर कहते हैं। कार्बोनेट और बाईकार्बोनेट होने के कारण ही ऐसा जल साबुन के साथ झाग नहीं बनाता क्योंकि ये यौगिक साबुन के साथ नहीं घुलते। जल की कठोरता दो प्रकार की होती है, स्थायी और अस्थाई।

अस्थाई कठोरता: यह पानी में कैल्शियम और मग्निशियम के कार्बोनेट और बाईकार्बोनेट के घुले होने के कारण से होती है। इसे सरलता से उबाल कर या चूने का पानी मिलकर दूर किया जा सकता है।

स्थाई कठोरता: यह पानी में कैल्शियम और मग्निशियम के क्लोराइड, सल्फाइड के लवण के घुले होने के कारण से होती है। यह उबाल कर दूर नहीं की जा सकती।

कठोर पानी को खाना बनाने में प्रयोग नहीं करना चाहिए। बालों को इस पानी से धोने पर एक तो झाग नहीं बनता, दूसरा बाल कमजोर हो कर टूटने, झड़ने लगते है। उनकी चमक चली जाती है।

कठोर जल में यदि कपड़े धोते हैं तो, वे भी चमक खो देते हैं।

कठोर पानी का प्रभाव

जैसा की बताया जा चुका है, कठोर जल वह जल है जिसमें कैल्शियम और मग्निसियम आयन्स की अधिकता होती है। लेकिन इस तरह के जल में अन्य कई प्रकार के पदार्थ भी घुले हो सकते हैं। इसमें एल्युमीनियम, बेरियम, आयरन, जिंक, मैंगनीज आदि भी हो सकते हैं। भूमि की सतह पर पाए जाने वाले पानी में कम कठोरता होती है। जैसे जैसे पानी सतह से नीचे जाता है, इसमें कैल्शियम और मग्निसियम आदि घुल जाते हैं। इसलिए ग्राउंड वाटर अक्सर हार्ड वाटर होता है।

स्वास्थ्य पर प्रभाव: हार्ड वाटर का स्वास्थ्य पर कोई विशेष बुरा प्रभाव नहीं होता। लेकिन अधिक साल्ट वाला पानी पीने से डायरिया, अपच आदि पाचन सम्बन्धी समस्याएं होती है।

बालों पर असर: कठोर जल से बाल धोने पर वह रूखे, बेजान हो जाते हैं। उनकी सही से सफाई न हो पाने से उनका झड़ना शुरू हो जाता है। बाल अनमनेजेबल हो जाते हैं।

कपड़ों पर असर: कठोर जल से कपड़े धोने पर, वे चमक खो देते हैं और कुछ समय में भद्दे हो जाते हैं।

कठोर जल का पेड़-पौधों पर प्रभाव

कठोर जल, पौधों के लिए भी अनपयुक्त है। यह पौधों को मार सकता है। पत्तों पर यदि यह पानी पड़ जाता है तो उनके छिद्र बंद हो जाते है। पत्ते आधे हरे-आधे सूखे से लगते है और धीरे-धीरे झड़ जाते हैं। पत्तों के नष्ट ही पूरा पौधा सूख जाता है। यदि पौधा जीवित भी रहता है तो उसकी ग्रोथ रुक जाती है। मिट्टी में पानी होते हुए भी यह पानी पौधों के लिए उपलब्ध नहीं होता क्योंकि यह कंपाउंड्स से जुड़ा होता है।

कठोर पानी के पेड़-पौधों पर दो प्रभाव होते हैं।

१. पानी में बहुत से साल्ट होने से, इस प्रकार का पानी पौधों द्वारा अवशोषण के लिए उपलब्ध नहीं रहता। पानी की कमी पौधों की वृद्धि को रोक देती है। पत्तों का रंग नीला-हरा सा हो जाता है।

२. यह पौधों पर सीधा टॉक्सिक प्रभाव डालता है। लवणों की अधिकता लीफ-बर्न के रूप में दिखाई देती है। मिट्टी में सोडियम और क्लोराइड की अधिकता पौधे या पेड़ को नष्ट कर देती है। मिट्टी में यदि घुलनशील साल्ट ज्यादा है तो इसमें अंकुरण ठीक से नहीं होता। अंकुरण होने पर सीडलिंग बढ़ता नहीं और नष्ट हो जाता है। ऐसी मिट्टी की पहचान है, उसका ग्रे सा रंग और भुरभुरा होना। मिट्टी के कण आपस में चिपकते नहीं हैं। लम्बे समय तक हार्ड वाटर का जमीन में प्रयोग उसे अनउपजाऊ कर देता है। ऐसा इसलिये होता है की पानी वाला भाग तो उड़ जाता है लेकिन साल्ट्स जमीन में ही रह जाते हैं।

पौधों के अच्छी वृद्धि के लिए मृदु या सॉफ्ट पानी ही उपयुक्त है।

कठोर जल में से अवांछनीय पदार्थों को निकालना ‘वाटर सोफ्टेनिंग’ कहलाता है। इसके लिए रिवर्स ओसमोसिस RO, आयन-एक्सचेंज रेसिन डिवाइस, डिस्टिलेशन, आदि प्रयोग किये जाते हैं।

खून की कमी और बालों का झड़ना Hair fall and Anemia in Hindi

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बालों का झड़ना एक आम समस्या है। हम सभी कभी न कभी इससे परेशान होते हैं। कई लोगों में यह समस्या ज्यादा देखी जाती है। यदि आप कुछ महीने से बाल के झड़ने से लगातार परेशान हैं तो आपको अनीमिया हो सकता है।

खून की कमी और बालों का जड़ना, ये दोनों आपस में सम्बंधित हैं। यदि आप शाकाहारी हैं तो खून की कमी होना बहुत ही कॉमन है। इसके अलावा महिलायें भी एनीमिया की ज्यादा शिकार होती हैं क्योंकि हर महीने महावरी में खून जाता है जिसकी यदि अच्छे भोजन द्वारा भरपाई न की जाए तो शरीर में खून की कमी हो जाती है। इसी प्रकार लोग जो की वजन कम करने के लिए डाइटिंग का सहारा लेते हैं वे भी कुपोषित हो जाते हैं जिसका सीधा प्रभाव उनके बालों पर पड़ता है।

अनीमिया, Anemia शरीर में लोहे की कमी के लिए मेडिकल टर्म है। इसमें शरीर में हिमोग्लोबिन लेवल कम हो जाता है। लोहा या आयरन, शरीर के लिए अत्यंत ही जरुरी है। यह शरीर की कोशिकायों के जीवित रहने और पूरे शरीर में ऑक्सीजन को पहुंचाने जैसा महत्वपूर्ण काम करता है।

Symptoms of Iron deficiency

लोहे की कमी के बहुत सारे लक्षण हैं। जिसमें से कुछ नीचे दिए गए हैं:

1. हमेशा रहने वाली थकावट chronic fatigue

2. जीभ tongue में कुछ लक्षण दिखाई देना जैसे की जीभ का सूज जाना, रंग बदल जाना गुलाबी न होक पीला या सफेद सा दिखना, बोलने में दिक्कत, दर्द आदि

3. नाखून nails सफ़ेद दिखना

4. भूख न लगना low appetite

5. हमेशा सिर का भारी रहना, सिर में दर्द होना headaches

6. याददाश्त की कमी memory loss

7. चिड़चिड़ापन irritability

लोहे की कमी के बालों में लक्षण

लोहे की कमी बालों के स्वास्थ्य को सीधे प्रभावित करती है। इसकी कमी से बालों की जड़ों में ऑक्सीजन की पर्याप्त मात्रा नहीं पहुँच पाती। इसके अतिरिक्त बालों के स्वास्थ्य के लिए ज़रूरी एंजाइम सही ढंग से काम नहीं कर पाते। तो आप बालों के लिए किसी भी प्रकार का बाहरी ट्रीटमेंट कर लें, जैसे की तेल, शैम्पू बदला कर, आपके बालों का गिरना या उनकी खराब ग्रोथ ठीक नहीं होगी। ज़रूरी है समस्या के सही कारण पर काम करने की।

1. बालों की चमक चले जाना और उनका दो मुहें हो जाना loss of shine and split ends

2. बालों का न बढ़ना poor growth

3. बालों का बहुत अधिक गिरना excessive hair loss

अच्छी बात यह है की कुछ महीने के अनीमिया के ट्रीटमेंट से आपके बालों का रुकना कम होते-होते ठीक ही जाएगा।

आगे पढ़ें कौन से भोजन हैं जो की आयरन के अच्छे स्रोत हैं।

लोहे के स्रोत Source of Dietary Iron

शाकाहारी भोजन की तुलना में मांसाहारी भोजन में अधिक आयरन पाया जाता है। मांसाहारी भोजन में मौजूद शरीर में आसानी से अवशोषित भी हो जाता है। शाकाहारी भोजन से आयरन का अवशोषण कम ही होता है।

लोहे के शाकाहारी स्रोत Vegetarian Source

  • अनार
  • पालक, पुदीना, सरसों, चौलाई, हरा धनिया समेत अन्य पत्तेदार सब्जियां
  • सूखे मेवे (अंजीर, बादाम, किशमिश, मुनक्का)
  • बीन्स, सोया बीन
  • होल ग्रेन (ज्वार, बाजरा, गेहूं)
  • चने, तिल, दालें
  • केले
  • अंकुरित अनाज

लोहे के मांसाहारी स्रोत Non-vegetarian Source

  1. मीट
  2. लीवर
  3. अंडे
  4. मछली
  5. चिकन

Iron Supplements

आयरन की कमी दूर होने में कुछ महीने तक लग जाते है। इसलिए ज़रूरी हो तो आयरन का सप्लीमेंट लें। लोहे की कमी को दूर करने के लिए आयुर्वेदिक सप्लीमेंट्स भी उपलब्ध है। इनका सेवन कब्ज़ नहीं करता। लोहे की कमी को दूर करने वाली कुछ क्लासिकल दवाएं हैं:

  1. लोहासव Lohasava
  2. नवयस चूर्ण/ लौह Navyasa Lauha
  3. धात्री लौह Dhatri Lauha
  4. लौह भस्म Lauha Bhasma
  5. मंडूर भस्म Mandura Bhasma
  6. स्वर्णमाक्षिक भस्म Swarnmakshik Bhasma
  7. पुनर्नावादि मंडूर Punarnavadi Mandura
  8. मंडूर वटक Mandura Vataka
  9. द्राक्षावलेह Drakshvaleha

एलोपैथिक सप्लीमेंट लेते समय यह ध्यान रखने योग्य बात है की आयरन का सप्लीमेंट कभी भी खाली पेट न लें और पानी के साथ निगला कर लें न की चबा के। हो सकता है इसके सेवन से कब्ज़ हो जाए। ऐसे में सलाद आदि का सेवन करें और दिन भर में थोड़ा – थोड़ा कर पर्याप्त मात्रा में पानी पियें।

अनीमिया का कुछ महीने तक लगातार इलाज कर इसे ठीक किया जा सकता है। इसके ठीक होने पर बालों का स्वास्थ्य भी सुधर जाता है।

युनिएंजाइम टेबलेट्स Unienzyme Tablets (Unichem) in Hindi

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युनिएंजाइम टेबलेट्स युनीकेम द्वारा निर्मित एक दवा है जिसमें फंगल डियाज़टेज़, पपाइन और एक्टिवेटिड चारकोल हैं। इस दवा का प्रयोग मुख्य रूप से खाना खाने के बाद अधिक गैस बनना, डकार आना, की समस्या में किया जाता है। युनिएंजाइम को अन्य पेट की समस्याओं जैसे की अपच, दस्त, पोइज़निंग आदि में भी दिया जाता है।

फंगल डियाज़टेज़ एक एंजाइम है जिसको एक फंगस से बनाया जाता है। इसके सेवन से स्टार्च का पाचन होता है और वह सिंपल शुगर में बदल जाता है।

पपाइन को कच्चे पपीते के लेटेक्स या दूध से बनाते है और यह भी एक पाचक एंजाइम है। पपाइन प्रोटीन का पाचन करता है।

एक्टिवेटिड चारकोल (सक्रिय कार्बन) एक काले रंग का गंधहीन और स्वादहीन पदार्थ है जिसे लकड़ी या अन्य सामग्री को वायुहीन वातावरण में बहुत उच्च तापमान पर बनाया जाता है। इस प्रकार के कोयले को बाद में ओक्सिडाइजिंग गैस या दूसरे केमिकलमें री-हीट किया जाता है जिससे यह बहुत बारीक पाउडर में टूट जाता है और तब यह सक्रिय या एक्टिवेटिड हो जाता है। एक्टिवेट करने से इसकी अवशोषण की क्षमता बहुत बढ़ जाती है। यह शुद्ध कार्बन है और शरीर में यह टोक्सिंस, विषैले पदार्थों और पाचन तंत्र में गैस को सोख लेता है। इसमें सोखने की क्षमता है इसलिए गैस या दस्त के इलाज के लिए इसे इस्तेमाल किया जाता है।

Unienzyme Tablets (Unichem) is an allopathic medicine indicated in gas/ bloating/belching/flatulence. It supports better digestion by supplying the enzymes and gives relief in gas due to presence of activated charcoal.

Here is given more about this medicine, such as indication/therapeutic uses, Key Ingredients and dosage in Hindi language.

  • उपलब्धता: यह ऑनलाइन और दुकानों में उपलब्ध है।
  • दवाई का प्रकार: एलोपैथिक
  • मुख्य उपयोग: गैस अधिक बनना, अपच
  • मुख्य गुण: गैस को दूर करना, पाचन में सहयोग करना

युनिएंजाइम के घटक Ingredients of Unienzyme

  1. फंगल डियाज़टेज़ Fungal Diastase 100 mg
  2. पपाइन Papain 60 mg
  3. एक्टिवेटिड चारकोल Activated Charcoal 75 mg

युनिएंजाइम के लाभ/फ़ायदे Benefits of Unienzyme

  • इसमें एंजाइम हैं जो की पाचन में सहयोगी हैं।
  • इसके सेवन से गैस कम होती है।
  • यह टोक्सिंस को दूर करता है।
  • यह प्रोटीन के पाचन को सही करता है।
  • इसके साइड-इफेक्ट्स न के बराबर हैं। जो थोड़े हैं भी, वे गंभीर नहीं हैं।
  • इसका सेवन लम्बे समय तक किया जा सकता है।

युनिएंजाइम के चिकित्सीय उपयोग Uses of Unienzyme

गैस, अफारा, आध्य्मान, पेट फूलना intestinal gas, Flatulence

अपच indigestion

सेवन विधि और मात्रा Dosage of Unienzyme

  • युनिएंजाइम की 1 से 2 गोली, दिन में दो-तीन बार, लंच या डिनर के बाद लें।
  • इसे पानी के साथ लें।
  • इसे भोजन करने के बाद लें।
  • या डॉक्टर द्वारा निर्देशित रूप में लें।

Side-effects, Caution and Warnings

  1. इसके सेवन से स्टूल का रंग काला हो जाता है।
  2. इसमें पपीते का लेटेक्स है, इसलिए इसे गर्भावस्था में प्रयोग न करें।
  3. इसके सेवन से कब्ज़, पेशाब में जलन, खुजली, जी मिचलाना आदि हो सकता है।

    युनिएंजाइम टेबलेट्स Unienzyme Tablets (Unichem) in Hindi

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    युनिएंजाइम टेबलेट्स युनीकेम द्वारा निर्मित एक दवा है जिसमें फंगल डियाज़टेज़, पपाइन और एक्टिवेटिड चारकोल हैं। इस दवा का प्रयोग मुख्य रूप से खाना खाने के बाद अधिक गैस बनना, डकार आना, की समस्या में किया जाता है। युनिएंजाइम को अन्य पेट की समस्याओं जैसे की अपच, दस्त, पोइज़निंग आदि में भी दिया जाता है।

    फंगल डियाज़टेज़ एक एंजाइम है जिसको एक फंगस से बनाया जाता है। इसके सेवन से स्टार्च का पाचन होता है और वह सिंपल शुगर में बदल जाता है।

    पपाइन को कच्चे पपीते के लेटेक्स या दूध से बनाते है और यह भी एक पाचक एंजाइम है। पपाइन प्रोटीन का पाचन करता है।

    एक्टिवेटिड चारकोल (सक्रिय कार्बन) एक काले रंग का गंधहीन और स्वादहीन पदार्थ है जिसे लकड़ी या अन्य सामग्री को वायुहीन वातावरण में बहुत उच्च तापमान पर बनाया जाता है। इस प्रकार के कोयले को बाद में ओक्सिडाइजिंग गैस या दूसरे केमिकलमें री-हीट किया जाता है जिससे यह बहुत बारीक पाउडर में टूट जाता है और तब यह सक्रिय या एक्टिवेटिड हो जाता है। एक्टिवेट करने से इसकी अवशोषण की क्षमता बहुत बढ़ जाती है। यह शुद्ध कार्बन है और शरीर में यह टोक्सिंस, विषैले पदार्थों और पाचन तंत्र में गैस को सोख लेता है। इसमें सोखने की क्षमता है इसलिए गैस या दस्त के इलाज के लिए इसे इस्तेमाल किया जाता है।

    Unienzyme Tablets (Unichem) is an allopathic medicine indicated in gas/ bloating/belching/flatulence. It supports better digestion by supplying the enzymes and gives relief in gas due to presence of activated charcoal.

    Here is given more about this medicine, such as indication/therapeutic uses, Key Ingredients and dosage in Hindi language.

    • उपलब्धता: यह ऑनलाइन और दुकानों में उपलब्ध है।
    • दवाई का प्रकार: एलोपैथिक
    • मुख्य उपयोग: गैस अधिक बनना, अपच
    • मुख्य गुण: गैस को दूर करना, पाचन में सहयोग करना

    युनिएंजाइम के घटक Ingredients of Unienzyme

    1. फंगल डियाज़टेज़ Fungal Diastase 100 mg
    2. पपाइन Papain 60 mg
    3. एक्टिवेटिड चारकोल Activated Charcoal 75 mg

    युनिएंजाइम के लाभ/फ़ायदे Benefits of Unienzyme

    1. इसमें एंजाइम हैं जो की पाचन में सहयोगी हैं।
    2. इसके सेवन से गैस कम होती है।
    3. यह टोक्सिंस को दूर करता है।
    4. यह प्रोटीन के पाचन को सही करता है।
    5. इसके साइड-इफेक्ट्स न के बराबर हैं। जो थोड़े हैं भी, वे गंभीर नहीं हैं।
    6. इसका सेवन लम्बे समय तक किया जा सकता है।
    7. युनिएंजाइम के चिकित्सीय उपयोग Uses of Unienzyme
    8. गैस, अफारा, आध्य्मान, पेट फूलना intestinal gas, Flatulence
    9. अपच indigestion

    सेवन विधि और मात्रा Dosage of Unienzyme

    • युनिएंजाइम की 1 से 2 गोली, दिन में दो-तीन बार, लंच या डिनर के बाद लें।
    • इसे पानी के साथ लें।
    • इसे भोजन करने के बाद लें।
    • या डॉक्टर द्वारा निर्देशित रूप में लें।

    Side-effects, Caution and Warnings

    1. इसके सेवन से स्टूल का रंग काला हो जाता है।
    2. इसमें पपीते का लेटेक्स है, इसलिए इसे गर्भावस्था में प्रयोग न करें।
    3. इसके सेवन से कब्ज़, पेशाब में जलन, खुजली, जी मिचलाना आदि हो सकता है।

    जिंक सल्फेट Zinc Sulfate in Hindi

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    जिंक सल्फेट को दस्त में ओरएस ORS घोल के साथ प्रयोग किया जाता है। यदि खूनी दस्त हो तो भी इसे एंटीबायोटिक के साथ दिया जाता है। इसका सेवन शरीर में जिंक की कमी दूर होती है। जिंक का प्रयोग बच्चों में बार-बार होने वाले दस्त / डायरिया की दर को करीब २५ प्रतिशत तक कम करता है। इसके सेवन पर दस्त जल्द ठीक होने में मदद होती है। इसके अतिरिक्त दस्त होने हर इसका प्रयोग शरीर में जिंक की कमी नहीं होने देता।

    जिंक या जस्ता बच्चे के समग्र स्वास्थ्य और विकास के लिए एक महत्वपूर्ण पोषक तत्व है। दस्त के दौरान बहुत सा जिंक शरीर से निकल जाता है। जिंक शरीर में बहुत से महत्वपूर्ण काम करता है। यह बढ़वार, इम्युनिटी, प्रोटीन संश्लेषण, और घाव के ठीक होने मदद करता है।इसमें एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं और शरीर को भिन्न रोगों से बचाता है।

    उपचारात्मक कार्रवाई

    सूक्ष्म पोषक तत्व जिंक की कमी दूर करना

    चिकित्सीय प्रयोग

    5 वर्ष की उम्र से छोटे बच्चों में डायरिया होने की स्थिति में मौखिक पुनर्जलीकरण चिकित्सा oral rehydration therapy के साथ जिंक सल्फेट का प्रयोग जिंक की कमी को तथा दस्त के उपचार में सहायक है।

    जिंक का प्रयोग स्टूल की मात्रा को भी कम करता है। यह लगातार दस्त रहने की अवधि और गंभीरता को कम करता है।

    उपलब्धता

    1. 20 मिलीग्राम की गोली
    2. 20 मिलीग्राम / 5 मिलीलीटर का सिरप

    खुराक और अवधि

    1. 6 महीने से छोटे बच्चे: 10 मिलीग्राम दिन में एक बार (1/2 गोली या 1/2 छोटा चम्मच एक बार रोज़ ) 10 दिनों के लिए
    2. 6 महीने से 5 साल तक के बच्चे: 20 मिलीग्राम दिन में एक बार (1 गोली या 1 चम्मच एक बार) 10 दिनों के लिए
    3. एक चम्मच में आधा गोली या पूरी गोली को एक चम्मच या कटोरी में रख के घुला दें और बच्चे को दें।

    सावधानियों

    1. निर्धारित मात्रा में प्रयोग पर इसका कोई साइड-इफ़ेक्ट नहीं है।
    2. यदि सेवन के 30 मिनट के भीतर उल्टी हो जाए तो जिंक फिर से दें।
    3. इसे आयरन के सप्लीमेंट के साथ न दें। दोनों को देने में करीब 2 घंटे का अंतर रखें।

    दिव्य पेय Divya Peya Detail and Uses in Hindi

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    दिव्य पेय, पतंजलि दिव्य फार्मेसी द्वारा निर्मित हर्बल चाय है जिसमें बहुत सी जड़ी-बूटियाँ जैसे की इलाइची, चित्रक, सोम-लता, ब्राह्मी,काली मिर्च, चंदन, गुलाब के फूल, सौंठ, दालचीनी, पुनर्नवा, तेज पत्ता, लौंग, तुलसी, अर्जुन, अश्वगंधा, सौंफ, वासा, गिलोय आदि हैं। यह हर्बल चाय, काली चाय के एक विकल्प के रूप में रोजाना ली जा सकती है। यह एक हर्बल काढ़ा कहा जा सकता है जिसमें एंटीऑक्सीडेंट गुण है। इसके सेवन से शरीर में उर्जा, इम्युनिटी, की वृद्धि होती है, कफ-कोल्ड से राहत मिलती है, पाचन सम्बन्धी दिक्कतें दूर होती हैं और मानसिक विकारों में लाभ होता है।

    Patanjali Divya Peya is Ayurvedic proprietary tea from Divya Pharmacy. It contains many well-known herbs and spices and can be used as alternative for regular tea. Here is given more about this tea such as indication/therapeutic uses, Key Ingredients and dosage in Hindi language.

    dibya peya

    • उपलब्धता: यह ऑनलाइन और दुकानों में उपलब्ध है।
    • प्रकार: Herbal tea
    • मूल्य MRP: Rs. 50.00 for 100 grams

    दिव्य पेय के घटक Ingredients of Divya Peya

    100 gram coarse powder contains:

    1. छोटी इलाइची 3 gram
    2. बड़ी इलाइची 4 gram
    3. दालचीनी 1 gram
    4. लौंग 4 gram
    5. सफ़ेद चन्दन 1 gram
    6. रक्त चन्दन 3 gram
    7. जावित्री 4 gram
    8. जायफल 4 gram
    9. काली मिर्च 1 gram
    10. गुलाब फूल 3 gram
    11. कमल फूल 3 gram
    12. अश्वगंधा 3 gram
    13. सोमलता 3 gram
    14. गजवान 2 gram
    15. सौंफ 2 gram
    16. चित्रक 3 gram
    17. वासा 3 gram
    18. बनफ्शा 3 gram
    19. चव्य 3 gram
    20. छोटी पिप्पली 2 gram
    21. सोंठ 3 gram
    22. गिलोय 3 gram
    23. मुलेठी 3 gram
    24. तेजपत्ता 2 gram
    25. गोरखपान 2 gram
    26. आज्ञाघास 4 gram
    27. भूमिआमला 4 gram
    28. पुनर्नवा 4 gram
    29. बला 2 gram
    30. सर्पुन्खा 2 gram
    31. ब्राह्मी 4 gram
    32. शंखपुष्पि 4 gram
    33. वनतुलसी 5 gram
    34. अर्जुन 3 gram

    अश्वगंधा का सेवन तंत्रिका संबंधी विकार, आंतों में संक्रमण, त्वचा रोगों, तनाव, अवसाद आदि में लाभप्रद है। यह उत्तम रसायन या टॉनिक है।

    तुलसी के प्रयोग से इम्युनिटी बढती है। यह एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर है और टोक्सिंस को दूर करती हैं।

    अदरक एंटी-एलर्जी, वमनरोधी, सूजन दूर करने के, एंटीऑक्सिडेंट, एन्टीप्लेटलेट, ज्वरनाशक, एंटीसेप्टिक, कासरोधक, हृदय, पाचन, और ब्लड शुगर को कम करने गुण हैं। यह खुशबूदार, उत्तेजक, भूख बढ़ाने वाला और टॉनिक है। इसका प्रयोग उलटी, मिचली को दूर करता है। अदरक पाचन और श्वास अंगों पर विशेष प्रभाव दिखाता है। इसमें दर्द निवारक गुण हैं। यह स्वाद में कटु और विपाक में मधुर है। यह स्वभाव से गर्म है।

    काली मिर्च (ब्लैक पेपर, गोल मिर्च) पाचक, श्वास और परिसंचरण अंगों पर काम करती है। यह गैस को दूर करती है, मेटाबोलिज्म बढ़ाती है, ज्वरनाशक, कृमिहर, और एंटी-पिरियोडिक है। यह बुखार आने के क्रम को रोकता है। इसलिए इसे निश्चित अंतराल पर आने वाले बुखार के लिए भी प्रयोग किया जाता है।

    मुलेठी को आयुर्वेद में बड़े पैमाने पर उपयोग किया जाता है। इसे खांसी, गले में खराश, सांस की समस्याओं, पेट दर्द औरअम्लपित्त आदि में उपयोग किया जाता है। यह खांसी, अल्सर, के उपचार में और बाहरी रूप से भी त्वचा और बालों के लिए उपयोग किया जाता है।

    मुलेठी का सेवन उच्च रक्तचाप, द्रव प्रतिधारण, मधुमेह और कुछ अन्य स्थितियों में नहीं किया जाना चाहिए।

    दालचीनी या दारुचिनी एक पेड़ की छाल है। यह वात और कफ को कम करती है, लेकिन पित्त को बढ़ाती है। यह मुख्य रूप से पाचन, श्वसन और मूत्र प्रणाली पर काम करती है। इसमें दर्द-निवारक / एनाल्जेसिक, जीवाणुरोधी, ऐंटिफंगल, एंटीसेप्टिक, खुशबूदार, कसैले, वातहर, स्वेदजनक, पाचन, मूत्रवर्धक, उत्तेजक और भूख बढ़ानेवाले गुण है। दालचीनी पाचन को बढ़ावा देती है और सांस की बीमारियों के इलाज में भी प्रभावी है।

    छोटी इलायची त्रिदोषहर, पाचक, वातहर, पोषक, विरेचक और कफ को ढीला करने के गुणों से युक्त हैं। यह मूत्रवर्धक है और मूत्र विकारों में राहत देती है। इलाइची के बीज अस्थमा, ब्रोंकाइटिस, गले के विकार, बवासीर, गैस, उल्टी, पाचन विकार और खाँसी में उपयोगी होते हैं।

    तेजपत्ता, एक पेड़ से प्राप्त सूखे पत्ते है। यह तासीर में गर्म होता है। यह कफ और वातहर है। तेजपत्ते का सेवन पित्तवर्धक है। यह बवासीर के इलाज और स्वाद में सुधार करता है। तेजपत्ता कड़वा, मीठा, सुगंधित, कृमिनाशक, मूत्रवर्धक, वातहर और सूजन दूर करने वाला है। यह रक्त को साफ़ करता है और, भूख एवं पाचन को सुधारता है। यह भूख न लगना, मुँह का सूखापन, खांसी, सर्दी, मतली, उल्टी, गैस और अपच के उपचार के लिए आयुर्वेद में उपयोग किया जाता है।

    पिप्पली उत्तेजक, वातहर, विरेचक है तथा खांसी, स्वर बैठना, दमा, अपच, में पक्षाघात आदि में उपयोगी है। यह तासीर में गर्म है। पिप्पली पाउडर शहद के साथ खांसी, अस्थमा, स्वर बैठना, हिचकी और अनिद्रा के इलाज के लिए प्रयोग किया जाता है। यह एक टॉनिक है।

    अर्जुन के पेड़ की छाल सुप्रसिद्ध हार्ट टॉनिक है। इसके सेवन से अनियमित हृदय की धड़कन नियमित होती है और रक्त चाप नियंत्रित होती है। यह ज्वर, अस्थमा, समेत बहुत से रोगों में लाभप्रद है।

    ब्राह्मी और शंखपुष्पि मस्तिष्क के लिए उत्तम टॉनिक है। इसके सेवन से याददाश्त बढ़ती है और दिमाग तेज होता है। यह मिर्गी, बुढ़ापा, बालों के झड़ने, तंत्रिका संबंधी विकार, अवसाद, मानसिक कमजोरी में बहुत उपयोगी है।

    दिव्य पेय के लाभ/फ़ायदे Benefits of Divya Peya

    1. इसमें कैफीन नहीं है।
    2. यह स्वास्थ्य के लिए लाभप्रद है।
    3. इसमें एंटीऑक्सीडेंट हैं।
    4. यह इम्युनिटी को बढ़ाने वाली चाय है।
    5. इसमें पिप्पली, काली मिर्च, सोंठ आदि हैं जो पाचन और सांस रोगों में लाभकारी है।
    6. इसमें अश्वगंधा, ब्राह्मी, शंखपुष्पी आदि द्रव्य है जो की अवसाद, स्ट्रेस, मानसिक विकारों में लिए प्रयोग किये जाते है।
    7. इसके सेवन से शरीर के अंगों को ताकत मिलती है।
    8. यह पाचन में सहयोगी है।
    9. यह कफ रोगों को दूर करने वाली चाय है।
    10. इसे बनाना बहुत ही सरल है और पीने से इसमें डाली गई जड़ी-बूटियों के लाभ मिलते हैं।

    दिव्य पेय के चिकित्सीय उपयोग Uses of Divya Peya

    1. ठंड/कफ से संबंधित रोग cold-cough related diseases
    2. पेट से संबंधित रोग stomach related diseases
    3. पाचन की समस्या Digestive weakness
    4. मानसिक समस्याएं psycho-related diseases
    5. दैनिक पीने के लिए चाय के वकल्प के रूप में

    बनाने की विधि How to prepare Divya Peya

    एक कप पानी में एक टीस्पून दिव्य पेय को डालें। इसे धीमी आंच पर पकाएं। इसे पांच-दस मिनट या ज्यादा देर तक पकाएं। इसमें आवश्यकता अनुसार दूध और चीनी मिलाएं। छाने और पियें।

    मासिक के दर्द के लिए मेफ्टाल स्पास MEFTAL SPAS Detail and Uses in Hindi

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    मेफ्टाल स्पास एक एलोपैथिक दवाई है जिसमें मेफेनेमिक एसिड और डाइसाईक्लोमीन होते हैं। यह दवा ब्लू क्रॉस द्वारा निर्मित है और ऑनलाइन तथा केमिस्ट दुकानों में सरलता से उपलब्ध है।

    इस दवा में मेफेनेमिक एसिड और डाइसाईक्लोमीन का संयोजन है जो की आक्षेपनाशक antispasmodic और एनाल्जेसिक है। इसके सेवन से ऐंठन के साथ होने वाले दर्द में बहुत आराम होता है। यह मुख्य रूप से माहवारी में जब ऐंठन के साथ दर्द (spasmodic dysmenorrhea अकड़नेवाला कष्टार्तव) उठता है, तब लेने के लिए है। इसके अतिरिक्त इस दवा को आंतों में दर्द, पेट का दर्द, बाईलरी कोलिक और युरेटेरिक कोलिक ureteric colic (pain caused by the obstruction of the urinary tract by calculi) के इलाज के लिए प्रयोग किया जाता है। इस दवा को अन्य दर्द वाली स्थितियों में चिकित्सक द्वारा निर्धारित मात्रा में लिया जा सकता है।

    ब्लू क्रॉस द्वारा इसका प्रचार लड़कियों के कई स्कूलों में भी किया गया है जिससे वह जागरुक हो सकें और मासिक धर्म के दौरान होने वाले दर्द से राहत पा सकें। कई लड़कियों और स्त्रियों में पीरियड्स के दौरान बहुत ही भयानक दर्द होता है जो की कई बार बर्दाशत के बाहर लगता है। उस समय वह किसी भी तरह का काम नहीं कर पाती और पूरे दिन परेशान रहती हैं। यदि ऐसे में इस दवा की वह एक गोली लेती हैं तो इस कष्ट में बहुत आराम हो जाता है।

    Meftal Spas is allopathic medicine useful in treatment of pain during menstruation / spasmodic dysmenorrhea. It has antispasmodic and analgesic action and reduces the severity of pain.

    Meftal Spas is combination of dicyclomine hydrochloride 10 mg and mefenamic acid 250 mg. Along with painful periods it is also given in other spasmodic pain conditions such as intestinal colic, biliary colic, and ureteric colic. This medicine may also be used to treat other conditions.

    Here is given more about this medicine, such as indication/therapeutic uses, Key Ingredients and dosage in Hindi language.

    • दवा का प्रकार: एलोपैथिक दवाई ALLOPATHIC MEDICINE
    • ब्रांड का नाम : ब्लू क्रॉस
    • जेनरिक: Mefenamic Acid 250mg and the anti-spasmodic Dicyclomine 10mg
    • क्लास: एंटी-स्पासमोडिक

    मूल्य

    MEFTAL-SPAS 10 tablets: Rs. 29.00

    MEFTAL-SPAS DS (डबल स्ट्रेंग्थ dicyclomine hydrochloride 20 mg, mefenamic acid 500 mg) 10 tablets: Rs. 32.00

    मेफ्टाल स्पास की प्रेगनेंसी केटेगरी:

    मेफेनेमिक एसिड Mefenamic Acid : केटेगरी सी C – पशु प्रजनन के अध्ययन से भ्रूण पर प्रतिकूलadverse प्रभाव दिखा। गर्भवती महिलाओं पर कोई पर्याप्त, नियंत्रित अध्ययन नहीं किया गया है। लेकिन संभावित लाभ तथा संभावित जोखिम को तौलते हुए इसको डॉक्टरों द्वारा गर्भावस्था में प्रयोग किया जा सकता है। और केटेगरी डी D – मानव भ्रूण पर इस दवा का प्रतिकूल असर positive evidence of human fetal risk होता है।

    डाइसाईक्लोमीन Dicyclomine: केटेगरी बी B – गर्भवती महिलाओं पर कोई पर्याप्त, नियंत्रित अध्ययन नहीं किया गया है। पशु प्रजनन पर किये गए अध्ययन भ्रूण के लिए खतरा failed to demonstrate a risk to the fetus नहीं दिखा सके।

    मेफ्टाल स्पास के घटक Ingredients of Meftal Spas tablet

    Meftal Spas: Mefenamic Acid 250mg and the anti-spasmodic Dicyclomine 10mg

    MEFTAL-SPAS DS डबल स्ट्रेंग्थ: dicyclomine hydrochloride 20 mg, mefenamic acid 500 mg

    मेफेनेमिक एसिड Mefenamic Acid, दर्द और सूजन को दूर करने में प्रयोग की जाती है। यह एक नॉन-स्टेरॉयडल एंटी-इन्फ्लेमेटरी Nonsteroidal Anti-Inflammatory Drugs (NSAIDs) दवा है। इसे खाना खाने के बाद लिया जाता है। इसे Contraindications आँतों में सूजन, पेट के अल्सर, अस्थमा, रैशेज़, एलर्जी, आदि में नहीं लेना चाहिए।

    डाइसाईक्लोमीन Dicyclomine पेट और आँतों में क्रेम्पिंग कम करती है। यह पेट की और आँतों की गतिशीलता को कम करती है और मांशपेशियों को आराम देती है जिससे ऐंठन में आराम होता है।

    यह दवा शिशुओं को कभी नहीं दी जाती क्योंकि इसके गंभीर साइड-इफेक्ट्स हो सकते हैं।

    मेफ्टाल स्पास के चिकित्सीय उपयोग Uses of Meftal Spas tablet

    1. यह दवा आँतों और पेट ( जिसे जठरांत्र अथवा गैसट्रोइनटेस्टाईनल ट्रैक्ट भी कहते हैं) की मांसपेशियों की ऐंठन से राहत देती है।
    2. दर्द, कोलिक Gastro-intestinal colic
    3. बाईलरी कोलिक Biliary colic
    4. युरेटेरिक कोलिक Ureteric colic
    5. पीरियड के दौरान होने वाली ऐंठन, दर्द Spasmodic dysmenorrhea, Dysmenorrhea

    सेवन विधि और मात्रा Dosage of Meftal Spas tablet

    1. इस दवा की एक गोली दिन में तीन बार लें अथवा मासिक के दर्द में ज़रूरत अनुसार लें।
    2. इसे पानी के साथ लें।
    3. इसे भोजन करने के पहले/बाद लें।
    4. या डॉक्टर द्वारा निर्देशित रूप में लें।

    सावधनियाँ/ साइड-इफेक्ट्स/ कब प्रयोग न करें Cautions/Side effects/Contraindications

    1. अन्य दवाओं की तरह, इसके भी कुछ दुष्प्रभाव हो सकते हैं।
    2. लेकिन यह दुष्प्रभाव बहुत कम और अस्थायी होते हैं।
    3. इसके सेवन के बाद कुछ लोगों में चक्कर आना, थकान, शुष्क मुँह, धुंधला दिखना,उल्टी, सिर दर्द, और कब्ज हो सकता है।
    4. यह साइड इफेक्ट की पूरी सूची नहीं है।

    इसे Intestinal obstruction, intestinal atony, myasthenia gravis, glaucoma reflux oesophagitis, lactation आँतों में रुकावट; आंतों की कमजोरी; मियासथीनिया ग्रेविस; ग्लूकोमा, और स्तनपान कराने के दौरान नहीं लें।

    बच्चों की पहुच से दूर रखें।

    दवाएं जो मासिक को कुछ दिन टाल देती हैं Allopathic Medicines to Delay Periods in Hindi

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    माहवारी चक्र (माहवारी पीरियड्स, मासिक धर्म, मेंसेस, रजोधर्म Menstrual cycle) सामान्यतः हर महीने 28 से 32 दिनों के अंतर पर में हर किशोर लड़की और महिला को होता है। कई बार कुछ स्थितियां हो जाती हैं जब उन्हें अपने पीरियड्स की एक्सपेक्टेड डेट को आगे बढ़ाने की ज़रूरत महसूस होती है, जैसे वे कही घूमने गई हैं, या शादी है, या कोई अन्य कारण। इस पेज कुछ ऐसी ही दवाओं के नाम और जानकारी देने की कोशिश की गई है जो की मासिक धर्म की डेट को आगे बढ़ा देती हैं।

    इस पेज पर एलोपैथिक दवा के बारे बताया गया है जो की केवल जानकारी देने के उद्देश्य से है।

    क्योंकि यह एलोपैथिक दवाई है, इसलिए इसके बहुत से साइड इफेक्ट्स भी है।

    इस जानकारी का प्रयोग सेल्फ-मेडिकेशन के लिए न करें।

    प्रिस्क्रिप्शन ड्रग: ℞ निशान का मतलब है "प्रिस्क्रिप्शन"। यह सिंबल लैटिन भाषा में प्रयोग किये जाने शब्द recipere का संक्षिप्त नाम है जिसका शाब्दिक मतलब है "लेने के लिए" या "इस प्रकार लें"।

    Norethisterone is available in market as generic medicine and also from many pharmaceutical companies. Norethisterone 5mg, is used mainly in case of menstrual problems. It is also indicated to delay periods for maximum upto 17 days. After stopping the medicine periods occur after 2-3 days. Here is given more about this medicine, such as indication/therapeutic uses, Key Ingredients and dosage in Hindi language.

    जेनरिक: नॉरथिस्टेरॉन / नोरथिस्टेरॉन

    नॉरथिस्टेरॉन, महिलाओं में स्वाभाविक रूप से पाए जाने वाले महिला सेक्स हार्मोन प्रोजेस्टेरोन का एक सिंथेटिक रूप है । यह मासिक धर्म संबंधी विकारों प्रयोग किया जाता है। कई ब्रांड और एक जेनेरिक दवा के रूप में यानी बिना ब्रांड नाम के भी यह दवाई उपलब्ध है।

    नीचे कुछ दवाओं के नाम दिए गए हैं, जो की पीरियड्स को निश्चित डेट पर आने से रोकती हैं और इसे कुछ दिनों के लिए आगे बढ़ा देती हैं। इन सभी दवाओं का नाम और ब्रांड अलग है, लेकिन सभी का सक्रिय घटक केवल एक नोरथिस्टेरॉन (Norethisterone) है। इस दवा का जेनेरिक नाम नोरथिस्टेरॉन है। इनमें से कोई भी एक दवा ली जा सकती है। पहले निर्माता का नाम दिया गया है और फिर उसका स्पेसिफिक नाम।

    हर दवा का सक्रिय संघटक / कम्पोजीशन: नॉरथिस्टेरॉन / नोरथिस्टेरॉन 5mg

    Norethisterone 5 mg as generic medicine

    1. Accilex PRIMACCI-N
    2. Alpic Biotech NORPIC
    3. Altar ALTRON
    4. Archicare DUBNOR
    5. Auriga POLWAT
    6. Bal Pharma AMENOVA
    7. Bewell PERLUTAL
    8. Biomiicron MENSIL-N
    9. Blubell REGBEL
    10. Cipla GYNUT-N
    11. Cipla NORLUT-N
    12. Corona Aarush NOSTRA
    13. Cronus CRONER
    14. Dewcare NORATE
    15. Dewcare NORATE-A
    16. East West POSTPON
    17. Fitwel PRIMOFIT-N
    18. Glenmark NORGLEN
    19. Intas PREVENT-N
    20. Intra Intra Life NORDART
    21. Intra Labs NORFAST
    22. Invision GYNEROL-N
    23. Lincoln PROLIN-N
    24. Mankind Discovery GYNASET
    25. Micro Nova NORGEST
    26. Novartis REGESTRONE
    27. Novo Nordisk NORDIROPIN SIMPLEX
    28. Obsurge DUB-5
    29. Olcare Evacare MENOR-N
    30. Sayona PRIMONA-N ZHPL
    31. Shinto Biotec TERON
    32. Solitaire Euro THEGEST-N
    33. Solitaire PREGFAST-N
    34. Speciality Meditech STERNIL
    35. Systopic SYSRON-N
    36. Treatwell NORTON
    37. Triton COROLUT-N
    38. Walter Bushnell MARTINOR
    39. West-Coast NYNA
    40. Xeno ENSCRAP-CR
    41. Zee Lab TRITO N
    42. Zota PRIMZED-N
    43. Zydus G.Rem RELICALFIN DS
    44. Zydus PRIMOLUT-N प्रिमोलुट एन
    45. Zydus STYPTIN

    नॉरथिस्टेरॉन की प्रेगनेंसी केटेगरी:

    केटेगरी एक्स X – मानव तथा पशुओं में किये गए अध्ययन, होने वाले बच्चों में असामान्यताओं fetal abnormalities को दिखाते है। इसका प्रयोग गर्भावस्था में वर्जित है।

    नॉरथिस्टेरॉन के चिकित्सीय उपयोग Uses of Norethisteronetablet

    1. पीरियड को आगे बढ़ाने के लिए 5 mg दिन में तीन बार 3 times/day, पीरियड की एक्सपेक्टेड डेट से तीन दिन पहले से लेना शुरू करें।

    2. पीएमएस Premenstrual syndrome such as headache, migraine, breast discomfort, water retention or changed behavior before a period is due में इसे दिन में तीन बार मासिक धर्म के 16-25 दिन पर लिया जाता है।

    3. पीरियड में अधिक खून जाना Menorrhagia or abnormal, heavy or continuous bleeding from the uterus (womb) not related to a period. यदि पीरियड में अधिक मात्रा में खून जा रहा हो या बहुत लम्बे समय तक हो रहा है तो इस दवा का सेवन, दिन में तीन बार, दस दिन तक करने से ब्लीडिंग १-२ दिन में रुक जाती है।

    4. एंडोमिट्रियोसिस endometriosis (a painful condition in which the type of tissue lining of the womb also occurs outside the womb)

    सेवन विधि और मात्रा Dosage of Norethisterone tablet

    नोट: यह प्रिस्क्रिप्शन ड्रग है।

    1. दिन में तीन बार, सुबह, दोपहर और शाम लें।
    2. इसे पानी के साथ लें।
    3. इसे भोजन करने के पहले/बाद लें।
    4. इसे तब तक लेना है जब तक की पीरियड को डिले करना है।
    5. इसे अधिकतम 17 दिन तक लिया जा सकता है ।
    6. दवा का सेवन छोड़ने के बाद २-३ दिन में पीरियड हो जाते हैं।
    7. या डॉक्टर द्वारा निर्देशित रूप में लें।

    सावधनियाँ/ साइड-इफेक्ट्स/ कब प्रयोग न करें Cautions/Side-effects/Contraindications

    1. यदि गर्भावस्था होने की शंका हो तो इसका सेवन कभी न करें।
    2. स्तनपान के दौरान इसका सेवन न करें।
    3. इसे न लें यदि ब्लड क्लॉट हों या उनके होने की सम्भावना है।
    4. इसे गंभीर यकृत रोग, योनि से खून बहने के अज्ञात कारण, पोरफाइरिया, थ्रामोएम्बाल्जिम, Severe hepatic dysfunction, undiagnosed vaginal bleeding, porphyria, pregnancy, previous idiopathic or current thromboembolism, thromboembolic disease आदि में न लें।
    5. इसे उच्च रक्तचाप, यकृत के सही काम न करने, मिर्गी, स्तनपान, माइग्रेन सिरदर्द, दमा, गुर्दे की दुर्बलता, अवसाद आदि में डॉक्टर की सलाह से ही लें।
    6. यदि किसी को दवा से रिएक्शन हो तो उसमें मानसिक अवसाद, पीलिया, पोरफाइरिया, मिर्गी, माइग्रेन, सिरदर्द, स्तन में दर्द, चक्कर आना, मतली और उल्टी, कामेच्छा की कमी, भूख और वजन में परिवर्तन, मासिक धर्म न आना amenorrhoea, सूजन, लाल चकत्ते, मुँहासे , पित्ती, अनिद्रा, थ्रोम्बोटिक, ऑप्टिक न्युरैटिस, और लिपिड प्रोफाइल में बदलाव आदि हो सकते है।
    7. नॉरथिस्टेरॉन, महिला सेक्स हार्मोन प्रोजेस्टेरोन का एक सिंथेटिक रूप है जो आंशिक रूप से एस्ट्रोजन में बदल जाता है। कुछ गर्भनिरोधक गोलियों में प्रोजेस्ट्रोजन और एस्ट्रोजन होते Combination Pills है और ऐसे में इस दवा का सेवन शरीर में प्रोजेस्टेरोन के स्तर को बढ़ा देता है जिससे नसों और धमनियों में होने वाली रक्त के थक्के / ब्लड क्लॉट के होने का कुछ रिस्क बढ़ जाता है।
    8. यह साइड इफेक्ट की पूरी सूची नहीं है।
    9. यदि कोई मेडिकल कंडीशन है, किसी दवा का सेवन करते हैं, गर्भनिरोधक गोली लेते हैं तो इस दवा के सेवन से पहले डॉक्टर / फार्मसिस्ट को अवश्य बताएं।

    उपलब्धता Availability

    यह ऑनलाइन या केमिस्ट शॉप्स पर उपलब्ध है।

    सुपर सॉनिक कैप्सूल Super Sonic Capsules Detail and Uses in Hindi

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    सुपर सॉनिक कैप्सूल, रेनोविज़न एक्सपोर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड REPL (Renovision Exports Pvt. Ltd. द्वारा निर्मित दवाई है। यह दवा एक सेक्स टॉनिक है और केवल पुरुषों के लिए है। इस दवा के पैक के अनुसार इसमें कई वाजीकारक जड़ी-बूटियाँ जैसे की केवांच, अश्वगंधा, विधारा, समेत स्वर्ण भस्म, रौप्य भस्म, लौह भस्म, वंग भस्म आदि है। इसलिए दवा का मूल्य भी अधिक है। चार गोली के पैक की कीमत 325. 00 रुपये है। इसकी एक गोली वियाग्रा की तरह सेक्स करने से 1-2 घंटे पहले लेनी है।

    इस पेज पर जो जानकारी दी गई है उसका उद्देश्य केवल और केवल इस दवा के बारे में बताना है। कृपया इसका प्रयोग स्वयं उपचार करने के लिए न करें।

    Super Sonic Capsules is an herbal Viagra type medicine from REPL. It contains herbs, metals and minerals formulations. It taken 1-2 hours before sexual intercourse for better performance. This medicine is only for men.

    Here is given more about this medicine, such as indication/therapeutic uses, Key Ingredients and dosage in Hindi language.

    • उपलब्धता: यह ऑनलाइन और दुकानों में उपलब्ध है।
    • दवाई का प्रकार: हर्ब्स और धातु-खनिजों युक्त आयुर्वेदिक दवा
    • मुख्य उपयोग: सेक्स टॉनिक
    • मुख्य गुण: ताकत देना, वाजीकारक
    • यह दवा केवल पुरुषों के लिए है।

    सुपर सॉनिक कैप्सूल के घटक Ingredients of Super Sonic Capsules

    प्रत्येक कैप्सूल में:

    1. अश्वगंधा Aswagandha 60 mg
    2. सफ़ेद मुस्ली Safed Musli 60 mg
    3. केवांच Kaunch Beej 60 mg
    4. शतावर Shatawari 60 mg
    5. विधारा Suddha Vidhra 25 mg
    6. कुचला Suddha Kuchala 25 mg
    7. लौह भस्म Lauh Bhasam 34।49 mg
    8. बंग भस्म Bang Vasam 25 mg
    9. अभ्रक भस्म Abharak Bhasam 15 mg
    10. रजत भस्म Rajat Bhasam 10 mg
    11. स्वर्ण भस्म Swarna Bhasam 0।01 mg
    12. शिलाजीत Suddha Shilajit 75 mg
    13. प्रवाल भस्म Parwal Bhasam 7 mg
    14. Sura Sar Dust 0|5 mg

    अश्वगंधा आयुर्वेद की जानी मानी टॉनिक औषधि है। यह नसों को ताकत दने वाली और सूजन को दूर करने वाली दवा है।

    कौंच / केवांच में वीर्यवर्धन, स्तम्भन, कामोद्दीपन आदि गुण हैं। यह धातुवर्धक और शक्तिवर्धक है। इसका पुरुषों के रोगों में प्रमुखता से प्रयोग किया जाता है। यह नामर्दी, नपुंसकता, नसों की कमजोरी, क्लैव्य, कमजोरी आदि में विशेषतः लाभप्रद है। इसके सेवन से कामेच्छा बढ़ती है। यह उत्तम वाजीकारक है।

    विधारा को आयुर्वेद में नसों के लिए टॉनिक, वाजीकारक, कफ-वातहर, टॉनिक, बल्य, माना गया है।

    सफ़ेद मुस्ली शक्तिवर्धक, वीर्यवर्धक, कामोद्दीपक और नपुंसकता को दूर करने वाली दवा है। यह पुरुषों में होने वाली यौन समस्याओं में प्रभावशाली है। यह वीर्य में शुक्राणुओं की संख्या की कमी, नपुंसकता की शिकायत, स्वप्नदोष, ताकत-जोश की कमी सभी में दी जाती है।

    शतावरी में अल्सर ठीक करने के, इम्युनिटी बढ़ाने के और टॉनिक गुण हैं। यह आँतों को साफ़ करती है और पेचिश को अपने संकोचक गुण से रोकती है। शतावर के सेवन से शरीर में अम्लपित्त की शिकायत दूर होती है।

    शिलाजीत, हिमालय की चट्टानों से निकलने वाला पदार्थ है। आयुर्वेद में औषधीय प्रयोजन के लिए शिलाजीत को शुद्ध करके प्रयोग किया जाता है। यह एक adaptogen है और एक प्रमुख आयुर्वेदिक कायाकल्प टॉनिक है। यह पाचन और आत्मसात में सुधार करता है। आयुर्वेद में, इसे हर रोग के इलाज में सक्षम माना जाता है। इसमें अत्यधिक सघन खनिज और अमीनो एसिड है।

    शिलाजीत प्रजनन अंगों पर काम करता है। यह रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करता है और प्रतिरक्षा में सुधार करता है। यह पुरानी बीमारियों, शरीर में दर्द और मधुमेह में राहत देता है। इसके सेवन शारीरिक, मानसिक और यौन शक्ति देता है।

    वंग या बंग भस्म, स्टेनम या टिन की भस्म है। इसे आयुर्वेद में हल्का, दस्तावर, रूखा, गर्म, पित्तकारक माना गया है। इसे मुख्य रूप से प्रमेह, कफ, कृमि, पांडू, श्वास रोगों में प्रयोग कियाजाता है। शुद्ध वांग को सम्पूर्ण प्राकर के प्रमेहों को नष्ट करने वाला कहा गया है। बंग भस्म का सेवन शरीर को बल देता है, इन्द्रियों को शक्ति देता है और पुरुषों के सभी अंगों को ताकत से भरता है तथा पुरुष होर्मोन का भी अधिक स्राव कराता है। यह मुख्य रूप से प्रजनन अंगों के लिए ही उपयोगी है। बंग भस्म वाजीकारक भी है।

    लौह भस्म आयरन का ऑक्साइड है और आयुर्वेद बहुत अधिक प्रयोग होता है। इसे क्रोनिक बिमारियों के इलाज़ के लिए प्रयोग किया जाता है। यह पांडू रोग या अनीमिया को नष्ट करता है।

    कुचला को विषतुंडीका Nux-vornica, Poison nut कहा जाता है। इसे यह नाम इसके जहरीले गुणों के कारण दिया गया है। यह एक शक्तिशाली जहर है। आयुर्वेद में कुचला को उपविष वर्ग में रखा गया है। इसके बीज को आयुर्वेद में उचित शोधन के बाद ही इस्तेमाल किया जाता है। शुद्ध बीजों का उपयोग बहुत ही कम मात्रा में गठिया, स्नायु दर्द, तंत्रिका दर्द आदि के उपचार में होता है।

    सुपर सॉनिक कैप्सूल के लाभ/फ़ायदे Benefits of Super Sonic Capsules

    1. यह दवा शक्तिवर्धक और वाजीकारक है।
    2. यह पुरुषों के लिए सेक्सुअल टॉनिक है।
    3. केवांच, अश्वगंधा, बंग भस्म, विधारा आदि के होने से इसमें हर्बल वियाग्रा जैसे गुण हैं।
    4. यह शीघ्रपतन, स्तंभन दोष, अनैच्छिक शुक्रपात, स्वप्नदोष में लाभप्रद है।
    5. सुपर सॉनिक कैप्सूल के चिकित्सीय उपयोग Uses of Super Sonic Capsules
    6. शीघ्रपतन Premature ejaculation
    7. स्वप्नदोष Nocturnal emission
    8. इंद्री की शिथिलता Indriya Shaithilya (erectile dysfunction)
    9. दुर्बलता Dourbalya (Weakness) Manodourbalya / Dhatudourbalya
    10. नामर्दी Purusha Vandhyatva

    सेवन विधि और मात्रा Dosage of Super Sonic Capsules

    • 1 गोली, सेक्स करने से 1-2 घंटे पहले लें।
    • इसे दूध, पानी के साथ लें।
    • इसे भोजन करने के बाद लें।
    • या डॉक्टर द्वारा निर्देशित रूप में लें।
    1. सावधनियाँ/ साइड-इफेक्ट्स/ कब प्रयोग न करें Cautions/Side effects/Contraindications

    2. यदि इस दवा के सेवन के बाद किसी भी प्रकार के साइड-इफेक्ट्स हो तो इसे आगे से न लें। याद रखें यदि इसका शरीर पर कुछ प्रभाव हो रहा है तो कई दुष्प्रभाव भी हो सकते है जो व्यक्ति के स्वास्थ्य समेत बहुत से कारकों पर निर्भर करते है।
    3. शरीर में किसी भी प्रकार की व्याधि हो, कोई दवा ले रहे हों, तो डॉक्टर का परामर्श अवश्य लें।
    4. उच्च रक्तचाप में इसे न लें।
    5. एक दिन में एक कैप्सूल से ज्यादा न लें।
    6. इसे बच्चों की पहुँच से दूर रखें।
    7. इसे ज्यादा मात्रा में न लें।
    8. यह हमेशा ध्यान रखें की जिन दवाओं में खनिज, विष वाली जड़ी-बूटियाँ, जैसे इसमें कपिलू / कुचला Strychnos nuxvomica आदि होते हैं, उन दवाओं का सेवन लम्बे समय तक नहीं किया जाता। इसके अतिरिक्त इन्हें डॉक्टर के देख-रेख में बताई गई मात्रा और उपचार की अवधि तक ही लेना चाहिए।
    9. क्योंकि इस दवा में कुचला है इसलिए, इसे केवल प्रत्यक्ष चिकित्सक के पर्यवेक्षण में ही लें।

    विटामिन डी के मार्किट में उपलब्ध सप्लीमेंट Vitamin D Supplementation in Hindi

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    विटामिन डी, एक बहुत ही सुलभ लेकिन महत्वपूर्ण विटामिन है जो हमारे शरीर के सही रूप से काम करने के लिए आवश्यक है. यह एक ऐसा विटामिन है जो हमारे शरीर में सूरज की रोशनी या धूप में उत्पादित होता है। यह वसा में घुलनशील विटामिन है और शरीर के वसा या फैट में संग्रहीत किया जाता है।

    यह विटामिन हमारे शरीर में तब बनता है जब हमारी त्वचा सूरज की पराबैंगनी बी (UVB) ultraviolet B (UVB) किरणों के संपक में आती है। यह यकृत को भेजा जाता है, जहां यह 25(OH) D या, 25-हाइड्रोक्सी-डी, 25-hydroxy vitamin D में बदल दिया जाता है यहाँ से, यह केमिकल सारे शरीर में भेजा जाता है और सक्रिय विटामिन डी में बदल जाता है।

    25-हाइड्रोक्सी-डी, जो रक्त में होता है उसे ही विटामिन डी के स्तर को पता करने के लिए ब्लड-टेस्ट द्वारा मापा जाता है। निम्न स्तर विटामिन की कमी को दिखाता है इसका मतलब है की इंजेक्शन या सप्लीमेंट का सेवन कर इस कमी को दूर किया जाए क्योंकि विटामिन डी की शरीर में कमी बहुत से रोगों का कारण बन सकती है।आजकल विटामिन डी की कमी को पूरे करने के लिए मार्किट में विभिन्न फार्मसी द्वारा निर्मित सप्लीमेंट उपलब्ध हैं. इन सप्लीमेंट में विटामिन डी 3 होता है और सप्ताह में एक बार दूध में मिलाकर सेवन करने से विटामिन डी की कमी को दूर करने में मदद होती है.

    विटामिन डी की कमी Vitamin D deficiency

    1. शरीर में विटामिन डी के स्तर को मापने के लिए 25-hydroxy विटामिन डी रक्त परीक्षण किया जाता है।30 nmol/L (12 ng/mL) से कम स्तर नीचे शरीर में विटामिन डी की कमी दर्शाता है।
    2. 125 nmol/L (50 ng/mL) का स्तर शरीर में इसकी अधिकता दर्शाता है।
    3. 50 nmol/L or above (20 ng/mL or above) ज्यादातर लोगों के लिए पर्याप्त हैं।

    विटामिन डी की कमी के लक्षण Symptoms of deficiency

    विटामिन डी की कमी के कोई विशेष लक्षण नहीं होते है। कई लोगों में कोई लक्षण नहीं है। लेकिन गंभीर और क्रोनिक मामलों में फ्रैक्चर और हड्डियों की विकृति हो जाते हैं।

    विटामिन डी की कमी के कुछ लक्षणों में निम्नलिखित शामिल हैं

    बच्चों में:

    1. मांसपेशियों में ऐंठन, चिड़चिड़ापन
    2. नरम खोपड़ी या कमजोर घुमावदार पैर bow-legged धनुष की तरह मुड़े पैर
    3. रिकेट्स, विकास और ऊंचाई में कमी
    4. देर से खड़ा होना और चलना
    5. सांस लेने कठिनाइयों
    6. बार-बार संक्रमण

    वयस्कों में

    1. हड्डियों में दर्द, आमतौर पर पसलियों, कूल्हों, श्रोणि, जांघों और पैरों में
    2. मांसपेशियों में दर्द
    3. मांसपेशियों की कमजोरी
    4. थकान, सामान्य दर्द और दर्द
    5. बहुत ज्यादा पसीना आना, सिर का पसीने में भीग जाना, बेचैनी
    6. मांसपेशियों का फड़फड़ाना twitching/स्थानीय, अनैच्छिक मांसपेशी का संकुचन और विश्राम जो त्वचा के नीचे दिखाई दे सकता है)
    7. कठिनाई में चलने, सीढ़ियाँ चढ़ने में दिक्कत
    8. सिर दर्द, माइग्रेन, मस्तिष्क संबंधी विकार, मूड विकार, अवसाद
    9. एकाग्रता का अभाव, मनोभ्रंश, स्मृति विकार
    10. चिंता, मनोबल कम होना
    11. बालों का झड़ना, पैच में गंज
    12. कमजोर दांत, कैविटी होना, दर्द
    13. चक्कर आना
    14. कलाई, एड़ियों, का फूला दिखना
    15. सोरायसिस, मधुमेह
    16. उच्च रक्तचाप, हृदय रोग
    17. बार-बार श्वसन संक्रमण
    18. कब्ज या दस्त

    विटामिन डी के मार्किट में उपलब्ध सप्लीमेंट

    Following are calcium supplements available in market

    1. 3C Healthcare BONESOL-K2
    2. Abbott D3 SHOT
    3. Aden Healthcare D3 ADEN
    4. AHPL D3UP
    5. Alde Medi ALD-3
    6. Alde Medi AL-D3
    7. Alde Medi ALDONATE
    8. Ancalima ANCA-D3
    9. Aronex AROCAL-D
    10. Athens CALLON-D3
    11. Bestochem CALCIBEST SACHET
    12. Beulah CCF-D3
    13. Bionet CALCINET POWD
    14. Bioplasma BIOCITAL
    15. Bioplasma BIOCITAL-SG
    16. Bioplasma D3 DPS
    17. Blue Cross BLUVIT-D3
    18. Brio Bliss BRIOCAL-D3
    19. Cadila CALCIROL
    20. Centaur (Sankalp) DBOOST
    21. Cipla D-SOL
    22. Corona (Xmex) D3-HD
    23. Cronus CALNUS-C
    24. Cross Berry BONBERRY
    25. Elder D-360
    26. Emcure CELOL-D3 PWD
    27. Eris CALSHINE-P
    28. Eris CAROL
    29. Eris TAYO-60K
    30. Glenmark BON-DK
    31. Indchemie OVIN-D3
    32. Intas CALCITAS
    33. Intas CALCITAS-D3
    34. Intra Labs BIOCITRAL-D
    35. Intra Labs BIOCITRAL SACHET
    36. Invision BIOFEROL-D3
    37. Jainik D3-MAX
    38. Jaiwik CITROJ-D3
    39. Lifekyor CALIK-D3
    40. Lupin CALOTEC-D3
    41. Macleods (Procare AHT) D3-EXTRA
    42. Mankind D3-MUST DPS
    43. Mankind D3-MUST
    44. Mankind (Discovery) CALCIKIND SACHET
    45. Mankind CALDIKIND
    46. Medivolks CALVOLK-D3
    47. Merck DVION
    48. Meyer ULTRA-D3
    49. MNC Healthcare BONES-UP D3
    50. Novaduo DEVITA
    51. Novartis (Sandoz) BRIGETA
    52. Pharmatech HC DELCAL-S
    53. Pulse DEKSEL
    54. Raptakos ARBIVIT-3
    55. Serum Institute D-BUILD
    56. Shinto Biotec (Gross Klin) CALSO-D3
    57. Systemic CALCIMED-D3
    58. Systopic DAILYSHINE
    59. Talent TALCIROL
    60. Unichem D3-HIGH
    61. Walton D3 CHEWS
    62. Wezen CALWEZ
    63. Xieon (Critocare) CRIVIT-D3
    64. Zydus (Synovia) NU-D3
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