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Channel: general – Hindi स्वास्थ्य ब्लॉग
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अनवांटेड-72 Unwanted-72 Information in Hindi

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अनवांटेड-72, मैनकाइंड द्वारा निर्मित आपातकालीन गर्भनिरोधक गोली है emergency contraceptive pill from Mankind Pharmaceuticals जो असुरक्षित सेक्स या गर्भनिरोधक विफलता के 72 घंटे के भीतर लेने पर गर्भावस्था को रोकने के लिए प्रयोग की जाती है।

Unwanted-72 में लेवोनोरजेसट्रल Levenorgestrel होता है जो की एक कृत्रिम प्रोजेसटोजन synthetic progestogen है। लेवोनोरजेसट्रल का निषेचित ओवा का गर्भ की दीवार से आरोपण implantation, पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता। अगर गोली आरोपण implantation होने के बाद ली जाती है तो यह दवा पूरी तरह से अप्रभावी हो जाती है और प्रेगनेंसी हो जाती है। इसलिए एक निश्चित समय सीमा के भीतर ही आपातकालीन गर्भनिरोधक गोली को गर्भावस्था को रोकने के लिए प्रयोग किया जाना चाहिए।

Unwanted-72 एचआईवी संक्रमण तथा अन्य यौन संचारित रोगों से सुरक्षा नहीं देती है। यह अनचाहे गर्भ को रोकने में प्रयोग की जाती है और यह एक अबोर्शन पिल नहीं है।

Unwanted-72 मुख्यतः आपातकालीन गर्भनिरोधन का काम, ovulation या निषेचन को रोकने के द्वारा करती है। स्तनपान कराते समय इसका सेवन दूध की गुणवत्ता, मात्रा या शिशु के विकास पर प्रभाव नहीं डालता।

Unwanted-72 की संरचना

Unwanted-72 में लेवोनोरजेसट्रल Levonorgestrel (1500 मिलीग्राम या 1.5 मिलीग्राम) होता है।

Levonorgestrel के बारे में

  • Levonorgestrel: Levonorgestrel इस दवा का एकल सक्रिय स्टेरॉयड संघटक है। यह एक पूरी तरह से कृत्रिम progestogen है।
  • रासायनिक सूत्र: 18,19-Dinorpregn-4-en-20-yn-3-one-13-ethyl-17-hydroxy-, (17α) – (-) –
  • इसे जल्द से जल्द असुरक्षित सेक्स के बाद लिया जाना चाहिए।
  • अगर levonorgestrel के सेवन के बाद, 2 घंटे से कम समय में उलटी हो जाए, तो इस दवा की एक खुराक और लेनी पड़ सकती है।

Unwanted-72 का उपयोग

असुरक्षित सेक्स या गर्भनिरोधक विफलता के बाद गर्भावस्था को रोकने के लिए इसका प्रयोग किया जाता है।

Unwanted-72 का असर

  • Unwanted-72 95% प्रभावी होती है अगर इसे असुरक्षित सेक्स के 24 घंटे के भीतर ले लिया जाये।
  • यह 85% प्रभावी होती है अगर इसे असुरक्षित सेक्स के 25-48 hours घंटे के भीतर ले लिया जाये।
  • यह केवल 58% प्रभावी होती है अगर इसे असुरक्षित सेक्स के 49-72 घंटे के भीतर ले लिया जाये।
  • 72 घंटे के बाद इसे लेने का कोई फायदा नहीं है।

अगर पिरीयड एक सप्ताह से ज्यादा दिन तक न आये तो गर्भावस्था टेस्ट period delayed by more than one week then do the pregnancy test किया जाना चाहिए।

उपयोग के लिए निर्देश

एक Unwanted-72 टेबलेट पानी के साथ भोजन के बाद निगल कर लेनी चाहिए।

Unwanted-72 का साइड इफेक्ट

  • Ectopic pregnancy अस्थानिक गर्भावस्था (भ्रूण का विकास गर्भाशय के बाहर फैलोपियन ट्यूब में)
  • पेट दर्द abdominal pain
  • मिचली nausea, उल्टी vomiting
  • चक्कर आना dizziness, सिरदर्द headache
  • स्तन दर्द या कोमलता breast tenderness

Who should not take Unwanted-72

यदि levonorgestrel से एलर्जी हो तो Unwanted-72 नहीं लेनी चाहिए।

Unwanted-72 का मासिक periods पर प्रभाव

  • माहवारी में रक्तस्राव और पैटर्न अनियमित हो सकते हैं।
  • माहवारी जल्दी या देर से शुरू सकती है।
  • माहवारी रक्तस्राव कम या ज्यादा हो सकती है।
  • माहवारी के बीच रक्त स्राव का होना।

चेतावनी warning

  • Unwanted-72 को एक नियमित गर्भनिरोधक regular contraceptive के रूप में प्रयोग नहीं करना चाहिए।
  • यह एक मौजूदा गर्भावस्था को समाप्त करने में कारगर नहीं है। It is not an abortion pill.
  • अस्थानिक गर्भावस्था Ectopic pregnancy के जोखिम इसे लेने के बाद बढ़ जाते है।
  • यह एक गर्भपात की गोली नहीं है।

जाने कितना और कब कब हमें पानी पीना चाहिए

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पानी किसी भी जीव के लिए बहुत आवश्यक है। हमें अच्छे स्वास्थ्य के लिए हमेसा साफ़ और प्रचूर मात्रा में पानी पीना चाहिए। कम और गन्दा पानी पिने से तरह तरह की बीमारियाँ होती हैं। बहुत सारे लोगों की दैनिक स्वास्थ्य समस्यायों का प्रमुख कारण कम पानी पीना है या फिर दूषित पानी होता है। आइये जाने हमें कितना और कैसे पानी पीना चाहिए। पुरुषों के शरीर मैं ६५% और स्त्रियों के शरीर मैं ५५% पानी की मात्र होती है।

कितना पानी रोज पीना चाहिए:

सामान्यतया इंसानों को रोज कम से कम 8 गिलास पानी पीना चाहिए और यदि कोई ब्यक्ति ज्यादा मोटा और तगड़ा है तो उसे और ज्यादा और छोटे बच्चों को थोडा 8 गिलास से कम पीना चाहिए। सही सही जानने के लिए आप नीचे दिए गए तरीके से जान सकते हैं की आप को कितना पानी पीना चाहिए।

शरीर का वजन * 0.033 लीटर
अगर आप का वजन 70 kg है तो आप को 70*0.033 = २.3 लीटर पानी रोज पीना चाहिए

यह मात्र गर्मी के मौसम में जरूरत के हिसाब से बढ़ा लेनी चाहिए और यदि कोई ब्यक्ति कठिन शारीरिक परिश्रम करता है और उसे पसीना ज्यादा होता है तो उसे और ज्यादा पानी पीना चाहिए। ये जानने के लिए की आप ठीक से पानी पी रहे हैं की नहीं आप यह अपने मूत्र के रंग से जान सकते हैं। अगर आप के मूत्र का रंग बहुत हल्के पीले रंग से गहरा तो इसका मतलब आप कम पानी पे रहे हैं और इस बात का भी ध्यान रखें की अगर आप कोई दवा ले रहे हैं तो उसकी वजह से भी आप के मूत्र का रंग पीना हो सकता है। चाय काफी ज्यादा पीने से भी मूत्र का रंग पीला हो सकता है।

हमारा शरीर भोजन पचाने में बहुत पानी का उपयोग करता है. अगर आप ज्यादा प्रोटीन वाला खाना खा रहे हैं तो आप को ज्यादा पानी पीना पड़ेगा नहीं तो यूरिक एसिड ज्यादा हो जाएगा. वैसे भी ज्यादा शरीरिक परिश्रम करने वालों को ज्यादा पानी पीना चाहिए. अगर आप ज्यादा गर्मी वाले वातावरण में रहते हैं तो आप को और ज्यादा पानी पीना चाहिए।

हमें कब कब पानी पीना चाहिए

यह जानना भी बहुत जर्रोरी है की हमे कब कब पानी पीना चाहिए, ये सोचना की जब प्यास लगे तभी पानी पीना चाहिए ये गलत है क्यों की प्यास हमे तभी लगाती है जब हमारे शरीर को पानी की कमी हो व्हुकी होती है इस लिए हमे समय समय पर पानी पीते रहना चाहिए। सुबह सुबह उठने के बाद हमें कम से कम २ ग्लास पानी पीना चाहिए। कभी भी खाने के साथ पानी न पियें क्यों की खाने के साथ पानी पीने से पेट के अन्दर एसिड dilute हो जाता है जिससे खाना ठीक से पकाहने मैं समस्या होती है और यह कई बिमारियों का कारण बनता है। हमे हमेसा खाने के 15 मिनट पहले पानी पी लेना चाहिए और खाने के बाद कम से कम १ घंटे तक पानी नहीं पीना चाहिए। हमने पानी न तो बहुत गरम पीना चाहिए न तो बहुत ठंढा पीना चाहिए हमेसा हल्का गरम पानी पियें या फिर सामान्य तापमान वाला पानी पियें।

कम पानी पीने से होने वाली समस्याएं

जैसा की हम सभी जान चुके हैं हमारे शर्रेर मैं आधे से ज्यादा भाग पानी होता है और यदि हम कम पानी पियेंगे तो बहुत साडी समस्या उत्पन्न हो सकती हैं। हमारे दिमाग का 90% हिस्सा पानी होता है अगर पानी की कमी होती है तो हमें सर दर्द हो सकता है, बहुत ज्यादा पानी की कमी से दिमाग ठीक से काम नहीं करता है और कभी कभी इससे बहुत जयादा नुकसान हो सकता है। पानी की कमी की वजह से खून गधा हो जाता है जिससे हमारे ह्रदय को खून पंप करने मैं दिक्कत होती है इससे ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है और कई तरह की समस्याएं उत्पन्न होती है।

जीका वायरस Zika Virus in Hindi

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जीका वायरस, एक मच्छरों के काटने से होने वाली वायरल बीमारी है। इसका वाहक येलो फीवर फ़ैलाने वाला मच्छर, एडीज ऐजिप्टी है तथा यह एशियन टाइगर मच्छरों के द्वारा भी फ़ैल सकता है। इसलिए खतरा ज्यादा है। एशियन टाइगर मच्छरों के द्वारा ही डेंगू और चिकनगुनिया फैलते हैं जो भी पूरी दुनिया की बहुत बढ़ी आबादी को बहुत बुरी तरह से प्रभावित कर करें है।

दशकों से, जीका वायरस, अफ्रीका और एशिया के भूमध्यरेखीय क्षेत्रों में पाया जाता रहा है। यहाँ पर इसके कटाने से हल्के, फ्लू जैसे लक्षण रैश की तरह देखे जाते रहे हैं। यह संक्रमण बहुत गंभीर नहीं होते थे।

Zika Virus affected area
Zika Virus affected areas(http://www.cdc.gov/zika/)

लगभग 10 साल पहले, जीका वायरस, प्रशांत द्वीपों/पैसिफ़िक आइलैंड में भी फ़ैल गया। पिछले साल से यह साउथ अमेरिका के देशों में भी पाया जाने लगा जहाँ यह अब तक 1 लाख से अधिक ब्राजीलियाई को संक्रमित कर चुका है। यह अब लैटिन अमेरिका में तेजी से फैल रहा है। यह वाइरस ब्राजील के अलावा, कोलंबिया, एक्वीडोर, एल सल्वाडोर, ग्वातेमाला, हायती, मैक्सिको आदि को मिलाकर लगभग 18 देशों में पाया गया है।

जबसे साउथ अमेरिका के देशों में इसका संक्रमण बढ़ा तभी से वहां पर माइक्रोसिफेली microcephaly (नवजात बच्चों में सामान्य से छोटा सिर) से ग्रसित बच्चों की पैदाइश की संख्या भी बढ़ गई। जीका वायरस संक्रमण गर्भवती महिलाओं से उनके नवजात तक बच्चों पहुँचा।

माइक्रोसिफेली, एक एक बहुत ही गंभीर स्तिथि है क्योंकि इसमें सिर का आकार सामान्य से काफी छोटा होता है जिससे मस्तिष्क का विकास भी ठीक से नहीं हो पाता। इसके अतिरिक्त कान और आँखे भी इससे प्रभावित हो जाती हैं और सामान्य नहीं रहती।

अभी हाल ही में, संभवतः जीका वायरस से जुड़ा हुआ माइक्रोसिफेली के साथ अमेरिका में पैदा हुए पहले बच्चे के समाचार रिपोर्टों में आया था। बच्चे की माँ हवाई, में जाने से पहले गर्भावस्था के दौरान ब्राजील में रहती थी।

फ्रेंच पोलिनेशिया में स्वास्थ्य अधिकारियों ने भी यह रिपोर्ट किया की जीका वायरस फैलने पर फीटस/भ्रूण और नवजात शिशुओं, केंद्रीय तंत्रिका तंत्र विकृतियों के central nervous system malformations मामले में भी बढोतरी हुई।

अध्ययन बताते हैं, यह संक्रामक रोग, संक्रमित यात्रियों के द्वारा पश्चिमी गोलार्ध के गर्म और आद्र देशों में जा सकता है। संक्रमित यात्रियों को स्थानीय मच्छरों द्वारा काटने पर यह उन स्थानीय मच्छरों में फ़ैल जाएगा तब यह बहुत बढ़ी जनसंख्या को प्रभावित कर देगा।

जीका वायरस रोग के लक्षण

जीका वायरस के लक्षण, अन्य मच्छर जनित रोगों, डेंगू और चिकनगुनिया ही तरह होते हैं। जीका वायरस से संक्रमित होने पर लक्षण 2 से 7 दिन बाद दिखते हैं। शुरुआती लक्षणों में शामिल हैं हल्का सिरदर्द, बुखार, बैचेनी, लाल के रंग आदि।

जीका वायरस का सबसे आम लक्षण है बुखार, बेचैनी,जोड़ों का दर्द, और नेत्रश्लेष्मलाशोथ (आँखें लाल हो जाना)। बीमारी बहुत गंभीर नहीं होती और लक्षण करीब कुछ दिनों से लेकर एक हफ्ते तक रहते है।

  1. बुखार
  2. बेचैनी
  3. जोड़ों का दर्द
  4. नेत्रश्लेष्मलाशोथ (लाल आँखें)
  5. मांसपेशियों में दर्द और सिर दर्द

इलाज

अभी तक इस बीमारी का कोई वैक्सीन नहीं बन पायी है।

  1. लक्षणों से राहत पाने के लिए, आराम करें।
  2. पानी का सेवन करें जिससे डीहाईड्रेशन न हों।
  3. पैरासिटामोल/एसिटामिनोफेन का सेवन दर्द और बुखार से राहत देता है।
  4. ब्रुफेन, एस्पिरिन का सेवन नहीं करना चाहिए।
  5. इससे बचने का एक ही उपाय है कि कि मच्छरों से बचाव किया जाए।
  6. लोगों को और विशेषकर गर्भवती महिलाओं को उन स्थानों की यात्रा से बचना चाहिए जहाँ पर यह फैला हुआ है। ऐसी जगहों की लिस्ट में शामिल हैं
  7. प्यूर्टो रिको, मेक्सिको और दक्षिण अमेरिका में 20 अन्य देशों, मध्य अमेरिका, कैरिबियन, प्रशांत द्वीप समूह, और अफ्रीका।
  8. अगर ऐसी जगहों पर किसी की रहने की मजबूरी हैं तो मच्छरों के काटने से बचने के लिए रेप्लेंट क्रीम, मच्छरदानी, आदि का प्रयोग करें।

References:

बायोटिन Vitamin H (Biotin) in Hindi

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विटामिन एच या बायोटिन, पानी में घुलनशील, बी काम्पलेक्स विटामिन समूह का हिस्सा है। बी-काम्पलेक्स, शरीर में भोजन से मिलने वाले कार्बोहाइड्रेट को ऊर्जा या ग्लूकोज में बदलने में सहायक हैं। यह शरीर में प्रोटीन और वसा के मेटाबोलिज्म के लिए भी ज़रूरी है। बी-कॉम्प्लेक्स विटामिन, स्वस्थ त्वचा, बालों, आँखों और यकृत के लिए भी अत्यंत आवश्यक हैं। ये तंत्रिका तंत्र के ठीक तरह से काम करने में भी मदद करते है।

बायोटिन, शरीर में कार्बोहाइड्रेट, वसा और अमीनो एसिड के चयापचय/मेटाबोलिज्म में सहायता करता है। यह भ्रूण के सामान्य विकास के लिए अत्यंत ज़रूरी है। यह बालों और नाखूनों को मजबूत बनाने के लिए भी प्रयोग किया जाता है।

शरीर में बायोटिन की कमी डायबिटीज/मधुमेह को गंभीर बना सकती है। ऐसा इसलिए होता है की बायोटिन ग्लूकोज के चयापचय में कई तरह से जुड़ा होता है। इसकी कमी से ग्लूकोज़ का सही से मेटाबोलिज्म नहीं हो पाता और यह ज्यादा मात्रा में खून में मौजूद रहता है।

बायोटिन शरीर में ट्राईग्लीसराईड्स के लेवल को कम करने में भी सहयोगी पाया गया है। इसकी कमी से त्वचा रोगों के साथ-साथ अन्य डिसऑर्डर दिखने लगते हैं।

Symptoms of Vitamin H deficiency

लम्बे समय तक एंटीबायोटिक दवाओं के सेवन, क्रोन Crohn डिजीज, एंटीएपिलेप्सी की दवा का सेवन, अंडे की सफेदी का सेवन, अल्कोहल का सेवन, आदि के कारण, कुछ लोग इसकी कमी का शिकार हो सकते है।

बायोटिन की कमी को जानने के लिए, कोई टेस्ट उपलब्ध नहीं है। लेकिन कुछ लक्षणों के आधार पर इसकी कमी होने का अंदाज़ा लगाया जा सकता है।

  • बालों का झड़ना, गंजापन
  • बालों का रंग उड़ना
  • चेहरे पर लाल पपड़ीदार दाने
  • नाखूनों का टूटना, परतदार होना
  • नवजात शिशुओं में बालों में पपड़ीदार पैच, रूसी Cradle Cap
  • शिशु की आँख, माक, गाल पर रैश, डायपर रैश
  • सूखी पपड़ीदार त्वचा
  • होठों के कोने पर दरार पड़ना
  • मोटी, सूजी हुई मैजंटा रंग की जीभ
  • आँखों में सूखापन
  • भूख न लगना, टेस्ट न आना
  • थकान, कमजोरी नींद न आना
  • डिप्रेशन, भ्रम, hallucination
  • बायोटिन का उपयोग कमज़ोर नाखून, तथा कुछ अन्य रोगों के उपचार में भी प्रयोग किया जाता है।

आहार स्रोत Dietary source

यह शाकाहारी और मांसाहारी दोनों तरह के भोजन में पाया जाता है। कुछ में यह फ्री और कुछ में संयुक्त अवस्था में मिलता है। फ्री स्टेट में यह फल, सब्जियों, दूध में मिलता है। आंत में पाए जाने वाले बैक्टीरिया भी बायोटिन बनाते हैं।

बायोटिन पकाये अंडो, विशेष रूप से अंडे की जर्दी तथा लीवर, मीट, सूखे मेवे बादाम, मूंगफली, अखरोट, सोयाबीन, फलियां, साबुत अनाज, फूलगोभी, केले, मक्का, सोयाबीन,और मशरूम आदि में पाया जाता है।

  • मूंगफली, बादाम, अखरोट
  • सूखे मेवे, दालें
  • शकरकंद
  • चीज़, अंडे, किडनी, लीवर
  • सोयाबीन का आटा,
  • गोभी, मशरूम,
  • कम मात्रा में, ज्यादातर फल, रिफाइंड अनाज
  • टमाटर

बायोटिन की दैनिक ज़रूरत Daily requirement of Biotin

बच्चे

  • जन्म से 6 महीने: 5 mcg
  • 7-12 महीने: 6 mcg
  • 1-3 साल: 8 mcg
  • 4-8 साल: 12 mcg
  • 9-13 वर्ष: 20 mcg
  • 14-18 वर्ष: 25 mcg

वयस्क

  • 19 साल तथा बड़े : 30 mcg
  • गर्भवती महिलाएं: 30 mcg
  • स्तनपान कराने वाली महिला: 35 mcg

सावधानी

बायोटिन को लेना सुरक्षित है और इसको उच्च मात्रा में लेने से कोई साइड इफेक्ट नहीं देखा गया है।

Glycerin ग्लिसरीन जानकारी, लाभ और घरेलू उपचार

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ग्लिसरीन एक पानी में घुलनशील, बेरंग, गंधहीन, चिपचिपा, आर्द्रताग्राही hygroscopic और स्वाद में मीठा, गाढ़ा सा तरल है। रासायनिक रूप से यह ट्राईहाईड्रिक अल्कोहल है। इसका रासायनिक सूत्र C3H8O3 है। यह बायोडीजल निर्माण में एक महत्वपूर्ण बाईप्रोडक्ट के रूप में तथा पशु वसा, पौधों, साबुन बनाने और हाइड्रोलिसिस से उत्पादित होता है।

ग्लिसरीन की खोज, गलती से १७७९ में जर्मन स्वीडिश रसायनज्ञ, कार्ल विल्हेम शीले Carl Wilhelm Scheele द्वारा हुई जब उन्होंने जैतून का तेल और लिथार्ज litharge (लीड मोनोऑक्साइड) के मिश्रण को गर्म किया। उन्होंने इसे sweet principle of fat कहा। बाद में यही स्वीट प्रिंसिपल ऑफ़ फैट, 1811 में फ्रांसीसी रसायनज्ञ, Michel Eugène Chevreul, द्वारा ग्लिसरीन कहलाया।

ग्लिसरीन का उत्पादन

ग्लिसरीन, ट्राइग्लिसराइड्स के रूप में प्रकृति में बहुतायत से पाया जाता है। ट्राइग्लिसराइड्स, ग्लिसरीन और फैटी एसिड, का रासायनिक संयोजन है जो लगभग सभी वनस्पति और पशु वसा और तेलों का प्रमुख संघटक है। यह सभी जीवित कोशिकाओं का एक घटक है। इसलिए ग्लिसरीन को तेलों और पशु चर्बी द्वारा निकला जाता है। इसे बायोडीजल निर्माण में एक महत्वपूर्ण बाईप्रोडक्ट के रूप में भी प्राप्त किया जाता है।

  1. वसा और तेल प्रसंस्करण से
  2. Saponification (साबुन बनाने)
  3. Hydrolysis (वसा विभाजन)
  4. Transesterification (biodiesel)

परिशोधित ग्लिसरीन के प्रकार

  1. 99.5% Technical Grad
  2. 96% USP (Vegetable-based/from plant sourse)
  3. 99.5% USP (Tallow-based/पशु वसा से बनाया)
  4. 99.5% USP (Vegetable-based/वनस्पति-आधारित)

ग्लिसरीन के औषधीय गुण

  • यह बेरंग, बिना गंध, पानी में घुलनशील गाढ़ा तरल है।
  • यह ह्यूमेक्टेंट humectant और हाईग्रोस्कोपिक hygroscopic एजेंट है। जिसमें आसपास के वातावरण से पानी के अणुओं पकड़ करने की क्षमता है जिस कारण इसे ड्राईनेस को दूर करने के लिये प्रयोग किया जाता है।
  • यह डीमलसेंट demulcent है जो की दर्द और सूजन में राहत देता है।
  • यह इमाल्यन्ट emollient है और त्वचा को चिकनी और नरम रखता है।
  • इसमें उत्कृष्ट चिकनाई lubricating के गुण है और लगाने पर यह वांछनीय चिकनाई प्रदान करता है।
  • यह एंटीसेप्टिक और एनाल्जेसिक है।
  • यह अत्यधिक स्थिर और घुलनशील पानी है।
  • यह नॉनटॉक्सिक है।

ग्लिसरीन के घरेलू उपचार Home Remedies using Glycerin in Hindi

ग्लिसरीन, त्वचा और बालों के लिए बहुत तरह से प्रयोग की जाती है। यह टॉक्सिक नहीं है और आसानी से उपलब्ध भी है। इसलिए इसका प्रयोग हर कोई कर सकता है। इसको बिना हलका किये लगाने पर कुछ जलन सी होती है इसलिए इसे चेहरे पर लागने से पहले गुलाब जल में पतला कर लेना चाहिए। यदि आँखों में यह लग जाए तो आसूं निकलने लगते हैं ऐसे में आखों को साफ़ पानी से धो लेंन चाहिए।

त्वचा के लिए लाभ

  1. यह त्वचा मुलायम और कोमल बनाती है।
  2. यह त्वचा की रक्षा करती है।
  3. यह त्वचा की ड्राईनेस को दूर करती है।
  4. यह त्वचाको नमी देती moisturizes है।

कठोरता, ड्राईनेस और स्केलिंग के लिए

त्वचा पर दिन में दो बार ग्लिसरीन लगायें। एक या दो दिन में ही परिणाम दिखने लगेंगे।

चेहरे की त्वचा को साफ करने के लिए

गुलाब जल में ग्लिसरीन का मिश्रण बनायें और चेहरे पर लगायें।

झाइयाँ

ग्लिसरीन को गुलाब जल में मिला कर चहरे पर लगाना चाहिए।

कोमल, चिकनी त्वचा

ग्लिसरीन + गुलाब जल + नींबू का रस लगाएं और सूख जाने पर धो दें।

गुलाबी होंठ

सोने से पहले होठों पर गुलाब की पत्तियों के पेस्ट में ग्लिसरीन मिलाकर नियमित लगायें।

फटे होंठ

होंठ पर ग्लिसरीन लगायें।

लिप ग्लॉस

ग्लिसरीन होंठ को चमक दते है। बादाम का तेल और ग्लिसरीन को 1:2 अनुपात में मिलाकर होठों पर लगायें।

बालों को मुलायम बनाये

ग्लिसरीन को बराबर मात्रा में पानी में मिलाएं और बाल धोने के बाद कंडीशनर की तरह ५ मिनट लगाकर रखें और फिर धो दें।

सिर में रूसी

बालों में रूसी होने पर ग्लिसरीन को गुलाब जल में मिलाकर स्कैल्प पर लगायें।

फटी एडियाँ

ग्लिसरीन लगायें और मोज़े पहन लें।

घट्टे calluses

ग्लिसरीन को रगड़ें और रात भर कवर करके रखें।

सावधानी/दुष्प्रभाव

  1. ग्लिसरीन nontoxic है ।
  2. यह चिपचिपा है और गंदगी को आकर्षित करता है।
  3. चेहरे की त्वचा के लिए, इसे गुलाब जल या पानी में मिलाकर लगायें।
  4. आँख से संपर्क की स्थिति में, नेत्र तुरंत पानी से धो लें।
  5. बाह्य रूप से लगाने के लिए यह पूरी तरह से सुरक्षित है।

साइट्रिक एसिड Citric acid in Hindi

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साइट्रिक एसिड एक आर्गेनिक कार्बोक्सिलिक एसिड है। यह प्राकृतिक रूप से सभी प्राणियों के उतकों में as an intermediate in the basic physiological citric acid or Krebs cycle पाया जाता है। यह नींबू, संतरे, और कीनू सहित सभी साइट्रस फलों में प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। साइट्रस फ्रूट्स को ये नाम ही उनमें साइट्रिक एसिड की अधिकता के कारण मिला है।

साइट्रिक एसिड को साइट्रस फलों से प्राप्त किया जा सकता है। खट्टे फलों से इसे निकालने के लिए, कैल्सियम हाइड्रोक्साइड को, रस में डाला जाता है जिससे कैल्शियम सिट्रेट बनता है जो की नीचे बैठ जाता है। इसे छान कर निकाल कर सल्फुरिक एसिड से क्रिया कराकर सिट्रिक एसिड को निकाल लिया जाता है। इसके अतिरिक्त बहुत से माइक्रोओर्गानिस्म जैसे की फंगस Aspergillus niger, यीस्ट, बैक्टीरिया भी फर्मेंटेशन के द्वारा सिट्रिक एसिड को बना सकते हैं। औद्योगिक रूप से बड़े पैमाने पर साइट्रिक एसिड का उत्पादन फंगस एसपरगिलस नाइजर द्वारा चीनी आदि के किण्वन Mycological fermentation of crude sugar stocks (e।g।, molasses) से किया जाता है। यह देखने में सफ़ेद रंग का पाउडर होता है। साइट्रिक एसिड को एक प्रेजर्वेटिव preservative,स्वाद बढ़ाने के लिए, सॉफ्ट ड्रिंक्स, स्केश बनाए में तथा कास्मेटिक, फोटोग्राफी आदि में भी इस्तेमाल किया जाता है।

  • Chemical Names: Citric acid, Citro, Citrate
  • Molecular Formula: C6H8O7
  • IUPAC Name: 2-hydroxypropane-1,2,3-tricarboxylic acid

Description: organic acid कार्बनिक एसिड

Naturally fond in: Orange, grapefruit, strawberry, pineapple, lemon, lime

Citric acid in lemon juice: 1/4 कप लेमन जूस में करीब एक टीस्पून जितना सिट्रिक एसिड होता है।

पूरे चयापचय के बाद यह पूरी तरह से कार्बन डाइऑक्साइड और पानी में बदल जाता है।

साइट्रिक एसिड के उपयोग

साइट्रिक एसिड पानी में घुलनशील, खाने योग्य एसिड है इसलिए इसे प्रिज़रवेटिव की तरह (Citric acid, calcium citrate, ferric citrate, manganese citrate, potassium citrate, sodium citrate, diammonium citrate, isopropyl citrate, stearyl citrate, and triethyl citrate are direct food additives) संसाधित भोज्य और पेय पदार्थों में उपयोग किया जाता है।

  • सिट्रिक एसिड, कमजोर एसिड है और pH को कम करता है। यह पदार्थ के स्वाद को अम्लीय / एसिडिक टेस्ट देता है।
  • किसी खाद्य पदार्थ में खट्टापन देने के लिए इसे डाला जा सकता है।
  • यूरोपियन यूनियन में इसे E330 के नाम से खाद्य पदाथों के लेबल पर दिखाया जाता है।
  • सॉफ्ट ड्रिंक्स, एनर्जी ड्रिंक्स, और फ्रूट जूस में इसे डालने से फ्लेवर और टेस्ट बढ़ता है।
  • शरीर के लिए ज़रूरी बहुत से मिनरल्स को पूरक आहार और दवाओं के रूप में प्रदान करने के लिए, साइट्रेट साल्ट प्रयोग किये जाते हैं।
  • कास्मेटिक में सिट्रिक एसिड का प्रयोग किलेटिंग एजेंट, pH रेगुलेटर, और खुशबू देने के लिए किया जाता है।
  • सिट्रिक एसिड के साइड इफेक्ट्स

बाज़ार में मिलने वाले फ्रूट जूस, एनर्जी ड्रिंक्स, ऑरेंज जूस सभी में सिट्रिक एसिड डाला जाता है और दिनप्रतिदिन इनका सेवन बढ़ रहा है। मार्किट में मिलने वाले एक लीटर ऑरेंज जूस में करीब 16-25 ग्राम सिट्रिक एसिड होता है। इसी प्रकार एनर्जी ड्रिंक्स में भी यह काफी मात्रा में पाया जाता है। शरीर में सिट्रिक एसिड की अधिक मात्रा नुकसानदेह है।

शोध दिखाते हैं ज्यादा मात्रा में सिट्रिक एसिड का सेवन दांतों के इनेमल enamel को नुकसान पहुचाता है और उसे कमजोर करता है। ऐसा देखा गया है की संतरे के जूस का अधिक सेवन इनेमल की कठोरता को करीब 84 प्रतिशत तक कम कर देता है। इनेमल की कमजोरी दांतों के क्षय का मुख्य कारण है।

साइट्रिक एसिड एक शक्तिशाली किलेटिंग chelating एजेंट है। जिसके कारण जिंक, लोहे और कैल्शियम की शरीर में जैविक उपलब्धता biological availability of iron and calcium कम हो जाती है और ये शरीर में कम अवशोषित होते हैं। इस कारण लम्बे समय तक साइट्रिक एसिड का भोजन के माध्यम से नियमित सेवन शरीर में जिंक, कैल्शियम आदि की कमी कर सकता है।

टाटा साल्ट प्लस Tata Salt Plus in Hindi

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टाटा केमिकल ने हाल ही में देश में पहला आयरन फोर्टीफाइड नमक लांच किया। इस नमक का नाम टाटा साल्ट प्लस आयरन + आयोडीन है। इस नमक के सेवन द्वारा लोगों में लोहे और आयोडीन दोनों की कमी को रोका जा सकता है।

यह देश का पहला डबल फोर्टीफाइड नमक है। इसके सेवन से रोज़ की ज़रूरत का लगभग पचास प्रतिशत आयरन पाया जा सकता है।

इस डबल फोर्टीफाइड नमक का फार्मूला नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ नुट्रीशन, हैदराबाद ने बीस साल की रिसर्च और टेस्टिंग के बाद तैयार किया है। इसे दीर्घकालिक समझौते के तहत टाटा केमिकल्स को दिया गया है।

डबल फोर्टिफाइड नमक क्या है?

डबल फोर्टिफाइड नमक में आयोडीन तथा आयरन दोनों ही उपलब्ध हैं।

Ingredients of Tata Salt Plus (Iodine Plus Iron)

  1. परिष्कृत साधारण नमक Refined common salt (100%)
  2. पोटेशियम आयोडेट Potassium Iodate, KIO3 (0।0067%)
  3. फैरस सल्फेट हेप्टा हाइड्रेट Ferrous sulphate hepta hydrate, FeSO4।7H2O (0।508%)
  4. सोडियम हेक्सा मेटा फॉस्फेट Sodium hexa meta phosphate (1%)

कितना आयरन और आयोडीन इसके सेवन से मिलता है?

इस नमक का सेवन आयोडीन 40 µ g तथा आयरन 1000 µ g उपलब्ध कराता है।

निर्माता

Tata Chemicals Limited (TCL)

टाटा नमक की कीमत

टाटा नमक प्लस की कीमत 25 रु प्रति १ किग्रा है।

Benefits of Tata Salt Plus (Iron + Iodine)

  1. यह डबल फोर्टीफाएड है।
  2. यह शरीर में आयोडीन तथा आयरन की आपूर्ति करता है ।
  3. यह आयोडीन की कमी संबंधी विकार और आयरन की कमी से एनीमिया में लाभकारी है।
  4. प्रतिदिन 10 ग्राम नमक का आहार के माध्यम से सेवन व्यक्ति को 10 मिलीग्राम लौह और 150 µg आयोडीन देता है जो की रोजाना आवश्यकता का करीब 56-125% आयरन और 100 प्रतिशत आयोडीन है।
  5. यह आयरन प्राप्त करने का सबसे सरल और सबसे किफायती तरीका है।
  6. यह भी बच्चों के लिए उपयुक्त है, जो सब्जियां खाने और आयरन के सप्लीमेंट्स लेना पसंद नहीं करते है।

कृपया ध्यान दें

टाटा नमक प्लस में लोहा होने से यह लोहे के बर्तन धातु बर्तन, चम्मच, कंटेनर आदि को काला क्रकर सकते हैं। इसलिए इसे प्लास्टिक या ग्लास कंटेनर में रखें।

कुछ खाद्य वस्तुओं जैसे दालें, चावल, आलू और सब्जियों के में टाटा नमक प्लस डालने पर उनका रंग कुछ गहरा हो सकता है।

कब्ज Constipation Information and Treatment in Hindi

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कब्ज को विबंध और कोंसटिपेशन के नाम से जाना जाता है। आजकल यह एक बहुत ही सामान्य सी पाचन तंत्र की समस्या हो गई है। बच्चे, बड़े सभी इससे प्रभावित होते हैं। छोटे बच्चों में भी यह समस्या देखी जाती है।

कब्ज़ होने पर मल बहुत कठोर हो जाता है और कई-कई दिन तक नहीं होता। ऐसे में शौच के समय बहुत जोर लगाना पड़ता है जिससे गुदा छिल जाती है और खून तक बहने लगता है। कब्ज़ के कारण पेट में भारीपन, गैस, दबाव तथा भूख न लगना समेत अनेक समस्याएं हो जाती हैं। कब्ज़ अकेले ही सौ बिमारियों का कारण है।

कब्ज़ होने के कारण Causes of Constipation in Hindi

  1. कब्ज़ होने के कई कारण हैं। जिनमे से कुछ नीचे दिए गए है:
  2. पानी कम पीना
  3. भोजन में पानी, तरल का कम लेना
  4. स्ट्रेस, जंक फ़ूड का सेवन
  5. शारीरिक श्रम की कमी
  6. अधिक मात्रा में तीखे- मसालेदार खाने का सेवन
  7. फल-सब्जी का कम मात्रा में सेवन
  8. डायबिटीज या मधुमेह, हाइपोथाइरोइड, हाइपरकैल्सिमिया, पार्किन्सन, होना
  9. गरिष्ट भोजन का सेवन
  10. किसी दवा का साइड-इफ़ेक्ट जैसे की आयरन सपलीमेंट, कैल्शियम चैनल ब्लॉकर, Non-steroidal anti-inflammatory agents आदि

कब्ज़ के लक्षण Symptoms of Constipation

  1. कई दिन तक मोशन न होना
  2. मोशन के समय बहुत जोर लगाना
  3. अपच, भूख न लगना
  4. उल्टी, पेट में दर्द
  5. गैस, गुदा में दर्द
  6. पेट में भारीपन
  7. खट्टी डकार
  8. कब्ज़ यदि लम्बे समय तक रहे तो बवासीर, फिस्टुला हो जाते है। भूख नहीं लगती और बहुत गैस बनती है। पाचन की विकृति से व्यक्ति कमजोर हो जाता है।

घरेलू इलाज Home remedies

  1. कब्ज़ बहुत ही आम समस्या है और हर किसी को कभी न कभी हो जाती है। यहाँ पर कुछ घरेलु उपचार दिए गए हैं जो कब्ज़ होने पर राहत देते हैं। इन उपचारों का कोई साइड-इफ़ेक्ट नहीं है:
  2. आँतों की रूक्षता के कारण कब्ज़ हो सकती है। ऐसे में १ चम्मच बादाम के तेल या एरण्ड के तेल का सेवन दूध के साथ करने से लाभ होता है।
  3. रात को सोने से पहले एक चम्मच त्रिफला पाउडर को दूध या गानी के साथ नियमित लें।
  4. इसबगोल की भूसी, को २-३ चम्मच की मात्रा में दही या पानी के साथ लें।
  5. पुराने कब्ज़ में, गुलाब की पंखुड़ियों को दूध में उबाल कर, नियमित रूप से १५ दिनों तक लें।
  6. बड़ी किशमिश को दूध में उबाल कर सेवन करें।
  7. अंजीर (३-४) की मात्रा में लेकर पानी में रात में भिगायें और सुबह चबा कर खाएं और पानी को पी लें। ऐसा नियमित रूप से एक महीने तक करें।
  8. शाम को पपीते का सेवन करने से कब्ज़ दूर होता है।
  9. सुबह उठते ही १-२ गिलास पानी का सेवन करें।

कब्ज़ की आयुर्वेदिक दवाएं Ayurvedic Medicines for Constipation

  • अभयारिष्ट Abhayarishta
  • द्राक्षारिष्ट Draksharishta
  • कुमारी आसव Kumari Asava No. 3
  • द्राक्षासव Drakshasava (Special)
  • पञ्चसकार चूर्ण Panchasakar Churna
  • त्रिफला Triphala Churna
  • अविपत्तिकर चूर्ण Avipattikar Churna
  • तीक्ष्ण विरेचन चूर्ण Tekshan Virechana churna
  • लवण भास्कर Lavan Bhaskar churna
  • हिंगवाष्टक चूर्ण Hingwashtak Churna
  • सरल विरेचन चूर्ण Saral Virechana churna
  • सुख विरेचन चूर्ण Sukha Virechana churna
  • बच्चों में कब्ज़ रहती हो तो उन्हें नियमित रूप से सुबह-शाम जन्म घुट्टी दें।
  • बहुत सी आयुर्वेदिक फार्मसी भी कब्ज़ के लिए पेटेंट दवाएं बनाती हैं जैसे की:
  • शेठ ब्रदर्स का कायम चूर्ण Kayam Churna
  • झंडू का नित्यम चूर्ण Nityam Churna
  • बैद्यनाथ की कब्ज़ हर तथा विरेचानी टेबलेट Kabzhar and Virechani
  • हिमालया की हरबोलेक्स Herbolax tablet

कब्ज़ में क्या करें? Diet and Habits in Constipation

  • कब्ज़ में फास्ट फूड, ब्रेड, बिस्कुट,आलू, भिंडी, जंक फ़ूड, मैदा, पिज़्ज़ा, बर्गर, चीज़, लाल मॉस, सोयाबीन न खाएं।
  • तंबाकू, पान मसाला, बीड़ी, सिगरेट आदि का सेवन न करें।
  • पानी का सेवन पर्याप्त मात्रा में करें।
  • खाना नियमित समय पर करें।
  • भोजन हल्का, सुपाच्य तथा संतुलित हो।
  • नियमित व्यायाम करे और टहलने जाएँ।

फीलपाँव / श्लीपद Lymphatic Filariasis in Hindi

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फीलपाँव जिसे श्लीपद elephantiasis भी कहा जाता है, एक सूक्ष्म परजीवी, फाइलेरिया कीड़े (धागे की तरह कीड़े) Wuchereria bancrofti, Brugia malayi or B. timori. के कारण होने वाली बीमारी है। यह परजीवी कीड़े मनुष्य के केवल लसीका प्रणाली lymph system में रहते हैं।

लसीका प्रणाली मानव शरीर में संक्रमण से बचाव तथा तरल पदार्थों के संतुलन को बनाए रखने के लिए होता है। फीलपाँव उष्णकटिबंधीय उप-उष्णकटिबंधीय tropics and sub-tropics देशों जैसे की एशिया, अफ्रीका, पश्चिमी प्रशांत के देशों में, कैरेबियन और दक्षिण अमेरिका आदि देशों के लोगों को प्रभावित करता है।

आयुर्वेद में इसे श्लीपद कहा जाता है। यह कफ-वात प्रधान रोग है। इसमें शरीर में सूजन, बुखार, दर्द रहता है। त्वचा का रंग काला सा दिखता है तथा यह मोटी और खुजली युक्त हो जाती है।

आयुर्वेद में इसके इलाज़ के लिए नित्यानंद रस Nityanand Ras का प्रयोग किया जाता है।

Common names: Lymphatic filariasis, Elephantiasis

फीलपाँव कैसे फैलता है?

यह रोग मच्छर के काटने से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है। मच्छर जब ऐसे व्यक्ति को काटता है जिसे फीलपाँव है, तो इस मच्छर में बहुत ही सूक्ष्म कीड़े त्वचा के माध्यम से खून के साथ चले जाते हैं और मच्छर संक्रमित हो जाता है।

जब यही मच्छर, किसी स्वस्थ्य व्यक्ति को काट लेता है तो उसे भी यह संक्रमण हो जाता है। सूक्ष्म कीड़े लसीका वाहिकाओं में वयस्कों में बदल जाते हैं ।

एक वयस्क कृमि शरीर में 5-7 साल के लिए रह सकता है। वयस्क कीड़े शरीर में मल्टीप्लाई करते है और अपनी संख्या को बहुत बढ़ा लेते हैं। यह सूक्ष्म कीड़े microfilariae खून में लाखों की संख्या में पाए जाते हैं।

संक्रमण का ख़तरा किन्हें है?

जो लोग उष्णकटिबंधीय या उप उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में लंबे समय तक रहते हैं उन्हें इसका खतरा अधिक है। लघु अवधि में रहने या पर्यटकों में यह अधिक नहीं पाया जाता। संक्रमण का सही पता एक रक्त परीक्षण से लगता है।

फीलपाँव के लक्षण क्या हैं?

  1. बहुत से लोगों में इसके लक्षण संक्रमित होने के बावजूद नहीं देखे जाते।
  2. कुछ लोगों में इसका संक्रमण बाहरी रूप से देखा जाता है। संक्रमण के कारण लसीका प्रणाली के सही न काम करने से शरीर में तरल पदार्थ संग्रहित हो जाता है और सूजन आ जाती है। यह मुख्यतः पैरों swollen limbs (lymphoedema or elephantiasis) को प्रभावित करता है, लेकिन इसका असर स्तनों, और जननांग में भी हो सकता है।
  3. अधिकांश लोगों में संक्रमित होने के बाद कई साल बाद रोग के लक्षण बाहरी रूप से देखे जाते हैं।
  4. लसीका प्रणाली में आई कमजोरी, बीमारी से शरीर की संक्रमण से लड़ने और बचाव की क्षमता कम हो जाती हैं। प्रभावित लोगों की त्वचा और लसीका प्रणाली में और अधिक जीवाणु संक्रमण पाया जाता है जिससे त्वचा, सूजी हुई और सख्त हो जाती है। पैरों के स्सोजन और मोटा होने पर इसे फीलपांव या हाथीपाँव कहते हैं।
  5. पुरुषों में W. bancrofti डब्ल्यू बैन्क्रॉफ्टी परजीवी के कारण, अंडकोश की थैली में सूजन Hydrocele हो सकती है।
  6. फाइलेरिया संक्रमण में फेफड़े Eosinophilia के संक्रमण जैसे की खांसी, सांस की तकलीफ, और घरघराहट भी हो सकती है।

फीलपाँव का निदान कैसे होता है?

  • सक्रिय संक्रमण को पता लगाने के लिए, सूक्ष्म परीक्षण microscopic examination किया जाता है। क्योंकि इसके परजीवी रात में सक्रिय हो कर रक्त में सरकुलेट होते हैं इसलिए रक्त भी रात को ही लिया जाता है।

फीलपाँव संक्रमण को कैसे रोका जा सकता है?

  • मच्छर के काटने से बचना ही रोकथाम का सबसे अच्छा तरीका है। अगर आप ऐसे क्षेत्र में रहते हैं जहाँ इसका फीलपाँव संक्रमण है तो
  • मच्छर दानी का प्रयोग करें।
  • लंबी आस्तीन के कपड़े और पतलून पहनें।
  • सुबह शाम त्वचा पर मच्छर से बचाने वाली क्रीम का प्रयोग करें।

सिट्रीज़ीन हाइड्रोक्लोराइड Cetirizine in Hindi

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सिट्रीज़ीन हाइड्रोक्लोराइड एक एलोपैथिक दवाई है। यह एक एंटीहिस्टामिन antihistamine प्रकार की दवा है जो की हिस्टामिन के काम को शरीर में ब्लॉक करती है। हिस्टामिन, शरीर के इम्यून सिस्टम द्वारा बनाया जाने वाला एक केमिकल है जो की एलर्जी के लक्षण उत्पन्न करता है। इस दवा का सेवन एलर्जी allergy symptoms, हे फीवर hay fever के लक्षणों से आराम दिलाता है। हे फीवर, शरीर की एलर्जिक प्रतिक्रिया है, जो हवा में पाए जाने वाले बहुत से एलर्जिक पदार्थो के संपर्क में आने से होती है जैसे की पोलेन, डस्ट, फंगस, जानवरों के डेन्डर animal dander, कोकरोच आदि। इसमें नाक-आँख से पानी आता है, आँखों में खुजली होती है, ऑंखें लाल हो जाती हैं, छींकें आती हैं तथा लाल चक्खते भी शरीर पर हो सकते हैं जिनमे खुजली होती है। सिट्रीज़ीन का सेवन हे फीवर, के लक्षणों को दूर करता है।

Cetirizine is an antihistamine used to relieve allergy symptoms such as watery eyes, runny nose, itching eyes/nose, sneezing, hives, and itching. It works by blocking histamine that body makes during an allergic reaction.

जेनेरिक नाम : Cetirizine

ब्रांड नाम:

  1. Alerid Syrup Cipla Limited
  2. Ceticad Zydus Cadila Healthcare Ltd
  3. Cetridoc Glenmark PharmaceuticalsLtd
  4. Cetrine Dr Reddy Laboratories Ltd
  5. Cetrizine Generic Cadila Pharmaceuticals Ltd
  6. Cetzikan Kansas Laboratories Pvt Ltd

इनके अतिरिक्त बहुत सी दवा कम्पनियां इसका निर्माण करती हैं

सिट्रीज़ीन टेबलेट, सिरप के रूप में उपलब्ध है। इसे रोजाना एक ही समय पर लिया जाना चाहिए। इसे हमेशा सही मात्रा में लिया जाना चाहिए। अधिक मात्रा में इसका सेवन नुकसानदायक है। अगर तीन दिन लिए जाने पर एलर्जी के लक्षणों में सुधार न हो या यह ६ दिनों तक रहे तो डॉक्टर से संपर्क किया जाना चाहिए।

सिट्रीज़ीन किसलिए ली जाती है?

सिट्रीज़ीन एक एलर्जी के लक्षणों से राहत पाने की दवाई है।

  • हे फीवर hay fever (हे फीवर एक तरह की एलर्जी है ज्सिमें पराग या धूल की वजह हो जाती है, आंख और नाक की श्लेष्मा झिल्ली में सूजन हो जाती है तथा नाक और आँखें से पानी गिरता है)
  • लगातार छींक आना, नाक में खुजली, पानी गिरना, आँख में लाली आदि Sneezing, running nose, itchy nose, watery eyes, redness
  • पित्ती, त्वचा पर चकत्ते Skin rahses, Chronic nettle rash, idiopathic urticaria
  • बारहमासी और मौसमी एलर्जी perennial and seasonal allergic rhinitis
  • नाक में सूजन rhinitis

सिट्रीज़ीन की दैनिक ली जाने वाली मात्रा

सिट्रीज़ीन टेबलेट और सिरप के रूप में उपलब्ध है। बच्चों Pediatric patients के लिए यह सिरप रूप में कई ब्रांड द्वारा उपलब्ध है जैसे की एलेरिड Alerid Syrup 5mg/5ml सिप्ला।

  • वयस्क तथा १२ साल से ऊपर के लोग 5-10 mg दिन में एक बार ले सकते हैं। एक दिन में ली जाने वाली अधिकतम मात्रा 20 mg है।
  • 6-11 साल के बच्चों को 5-10 mg की मात्रा दिन में एक बार दी जाती है।
  • 2-5 साल के बच्चों को 2.5 mg दिन एक बार दी जाती है। एक दिन में ली जाने वाली अधिकतम मात्रा 5 mg है।
  • 6 महीने से 2 साल के बच्चों को 2. 5 mg दिन एक बार दी जाती है। यदि बच्चा 1 साल से बड़ा है तो उसे 5 mg की मात्रा भी दी जा सकती है।

सिट्रीज़ीन के साइड इफ़ेक्ट What side effects can this medication cause?

सिट्रीज़ीन के कई साइड इफ़ेक्ट हो सकते हैं। कुछ साइड इफ़ेक्ट होना सामान्य है जबकि कुछ होने पर तुरंत ही डॉक्टर से संपर्क किया जाना चाहिए।

सामान्य साइड इफ़ेक्ट

  1. नींद आना drowsiness
  2. ज्यादा थकावट excessive tiredness
  3. मुंह का सूखना dry mouth
  4. पेट में दर्द stomach pain
  5. लूज़ मोशन diarrhea
  6. उल्टी vomiting

गंभीर साइड इफ़ेक्ट Serious side effects

सांस लेने में तकलीफ difficulty breathing or swallowing

लक्षण गंभीर हो तो तुरंत ही डॉक्टर से संपर्क करें

सिट्रीज़ीन की ओवरडोज़ के लक्षण Symptoms of overdose may include

  • बेचैनी restlessness
  • चिड़चिड़ापन irritability
  • नींद आना drowsiness

इसका सेवन न करें यदि

  1. यदि किसी को इस दवा में पाए जाने वाले किसी भी घटक से एलर्जी हो तो इसका प्रयोग न करें।
  2. यदि किडनी का गंभीर रोग हो, क्रेटीनिन लेवल १० ml / min से नीचे हो।
  3. एपिलेप्टिक पेशेंट हैं, या लीवर या किडनी रोग हो तो डॉक्टर से सलाह लें।
  4. गर्भावस्था में उसका सेवन न करें। यदि बहुत ज़रूरी हो तो डॉक्टर से सलाह लें। इंसानों में गर्भ पर इसका क्या प्रभाव पड़ता है इसके शोध उपलब्ध नहीं हैं।
  5. इसे लेने के बाद ड्राइविंग न करें।

क्रोसिन Crocin Detail and Uses in Hindi

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क्रोसिन GSK एक ऐलोपथिक दवाई है जो की ओवर द काउंटर OTC ड्रग है। यह एनलजेसिक और एंटीपाईरेटिक क्लास की दवा है। एनलजेसिक का मतलब है, पैनकिलर या दर्द निवारक व एंटीपाईरेटिक वे दवाएं हैं जो की बुखार / शरीर के बढ़े हुए तापमान को कम करती हैं। क्रोसिन दवा का ब्रांड का नाम है। इसका जेनेरिक फार्मूला पैरासीटामोल paracetamol है।

इस पेज पर इस दवा के बारे बताया गया है जो की केवल जानकारी देने के उद्देश्य से है।

Crocin is Allopathic medicine used to treat pain and fever in body. It is the brand name. The generic salt in this medicine is paracetamol. Here is given more about this medicine, such as indication/therapeutic uses, Key Ingredients and dosage in Hindi language.

ब्रांड का नाम : क्रोसिन

जेनरिक: पैरासीटामोल

निर्माता: GSK

प्रेगनेंसी केटेगरी: केटेगरी बी B (ओरल) – गर्भवती महिलाओं पर कोई पर्याप्त, नियंत्रित अध्ययन नहीं किया गया है। पशु प्रजनन पर किये गए अध्ययन भ्रूण के लिए खतरा failed to demonstrate a risk to the fetus नहीं दिखा सके।

इंट्रावीनस केटेगरी सी C – पशु प्रजनन के अध्ययन से भ्रूण पर प्रतिकूलadverse प्रभाव दिखा। गर्भवती महिलाओं पर कोई पर्याप्त, नियंत्रित अध्ययन नहीं किया गया है। लेकिन संभावित लाभ तथा संभावित जोखिम को तौलते हुए इसको डॉक्टरों द्वारा गर्भावस्था में प्रयोग किया जा सकता है।

Range

  1. क्रोसिन एडवांस Crocin Advance
  2. क्रोसिन पेन रिलीफ Crocin Pain Relief
  3. क्रोसिन कोल्ड एंड फ्लू Crocin Cold and Flu

For Children

  1. क्रोसिन ड्रॉप्स Crocin Drops: (100 mg/ ml) for 1­12 months
  2. क्रोसिन सस्पेंशन Crcoin Suspension (120 mg/ 5 ml) for 1­5 years old toddlers
  3. क्रोसिन सस्पेंशन डबल स्ट्रेंथ Crcoin Suspension Double Strength (240 mg/ 5 ml) for 5­12 years old children

क्रोसिन के घटक Composition of Crocin

क्रोसिन एडवांस Crocin Advance: Each uncoated tablet contains Paracetamol पैरासीटामोल 500 mg

क्रोसिन पेन रिलीफ: Each uncoated tablet contains Paracetamol, Caffeine Anhydrous पैरासीटामोल 650 mg + कैफीन 50 mg

क्रोसिन कोल्ड एंड फ्लू: Each film coated tablet contains: Paracetamol, Caffeine (as anhydrous), and Phenylephrine HCl IP पैरासीटामोल 500 mg + कैफीन 50 mg + फिनलाफ्रीन (decongestant) 5 mg

क्रोसिन ड्रॉप्स: Each ml (approx 30 drops) contains Paracetamol IP 100 mg in flavored syrupy base

Color: Quinoline Yellow WS पैरासीटामोल 100 mg

क्रोसिन सस्पेंशन: Each 5 ml contains Paracetamol IP 120 mg in flavored syrupy base पैरासीटामोल 120 mg

क्रोसिन सस्पेंशन डबल स्ट्रेंथ: Each 5 ml contains Paracetamol IP 240 mg in flavored syrupy base पैरासीटामोल 240 mg

क्रोसिन के चिकित्सीय उपयोग Uses of Crocin

  1. यह बुखार, दर्द के लिए एलोपैथिक दवाई है।
  2. सिर दर्द
  3. दांत दर्द
  4. कान का दर्द
  5. गले में खराश, जुकाम और फ्लू,
  6. टीकाकरण बुखार सहित किसी अन्य दर्द की स्थिति में इस्तेमाल किया जा सकता है।
  7. इसे खाने के साथ/ बिना खाने के लिए जा सकता है।
  8. किसी भी अन्य दवा के साथ जिसमें पेरासिटामोल हो, उसके साथ इस दवा को नहीं लेना चाहिए। यह ओवेरडोज़ कर सकता है।

सेवन विधि और मात्रा Dosage of Crocin

क्रोसिन एडवांस: 12 से अधिक और वयस्क, 1-2 गोली हर 4-6 घंटे पर लें। एक दिन में 4 ग्राम से ज्यादा नहीं लेनी।

क्रोसिन पेन रिलीफ: दर्द निवारक (सिरदर्द, माईग्रेन, दांतदर्द, पीरियड में दर्द, जोड़ों में दर्द) 1 गोली, 3-4 बार

क्रोसिन कोल्ड एंड फ्लू: सर्दी के लक्षणों से राहत (कंजेशन, सिर में दर्द, साइनस में दर्द, शरीर में दर्द, सोर थ्रोट), हलके लक्षण 1 गोली, ज्यादा 2 गोली, 3-4 बार

बच्चों के लिए

एक दिन में चार बार से ज्यादा यह दवा नहीं देनी। अगली खुराक में कम से कम चार घंटे का अंतर रखें।

क्रोसिन ड्रॉप्स: 100 mg / ml for 12 months

1-3 months, average weight 3। 8-5। 5 kg, dose 0। 6-0। 8 ml

3-9 months, average weight 5। 5-8। 3 kg, dose 0। 8-1। 2 ml

9-12 months, average weight 8। 3-10 kg, dose 1। 2-1। 5 m

क्रोसिन सस्पेंशन: (120 mg / 5 ml) for 5 years old toddlers

Age 1-2 years, average weight 10-12 kg, dose 6-8 ml

Age 2-3 years, average weight 12-14 kg, dose 8-9 ml

Age 3-4 years, average weight 14-18 kg, dose 9-11 ml

Age 4-5 years, average weight 18-20 kg, dose 11-13 ml

क्रोसिन सस्पेंशन डबल स्ट्रेंथ: (240 mg / 5 ml) for 5-12 years old toddlers

Age 5-7 years, average weight 20-25 kg, dose 6-8 ml

Age 7-9 years, average weight 25-32 kg, dose 8-10 ml

Age 9-11 years, average weight 32-40 kg, dose 10-13 ml

Age 11-12 years, average weight 40-45 kg, dose 13-14 ml

बच्चों को दवा उनके वज़न के अनुसार दी जाती है।

दवा को कम से कम 4 घंटे बाद ही दुबारा दिया जाना चाहिए।

एक दिन इसकी 4 डोस से ज्यादा नहीं लेनी है।

इसे दवा को रेक्टली (गुदा) से भी शरीर में पहुँचाया जाता है।

या डॉक्टर द्वारा निर्देशित रूप में लें।

ओवेरडोज़ के लक्षण

लक्षण: पीलापन, मतली, उल्टी, पेट में दर्द, भूख न लगना, सीएनएस उत्तेजना, उत्साह, प्रलाप, चयापचय ग्लूकोज चयापचय असामान्यताएं, अम्लरक्तता।

गंभीर विषाक्तता में,

लीवर को नुकसान, मस्तिष्क विकृति, रक्तस्त्राव, हाईपोग्लेसिमिया, मस्तिष्क में पानी।

प्रबंधन: एक्टिवेटिड चारकोल दिया जाता है। ओरल मेथियोनीन उलटी कराने के लिए दिया जाता है।

वी वाश V Wash in Hindi

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वी वाश महिलायों की अंतरंग स्वच्छता के लिए उत्पादित प्रोडक्ट है। इसके प्रयोग महिलायों में ‘वी एरिया’ यानि की वजाइनल एरिया को साफ़ करने के लिए किया जाता है। सही तरह से साफ़-सफाई न रखने से योनि में जलन, खुजली, दर्द, गंध, सफेद डिस्चार्ज और संक्रमण आदि जैसी समस्याएं हो जाती हैं।

योनि क्षेत्र का pH एसिडिक या अम्लीय होता है। योनि शरीर का काफी नमी युक्त moist part हिस्सा है। इसका एसिडिक Acidic होना इसलिए ज़रूरी है की यहाँ बैक्टीरिया, जीवाणु न पनपे। बैक्टीरिया की बढ़वार ही योनि संक्रमण का कारण होता है। ज्यादातर साबुन एल्कलाइन / क्षारीय होते हैं व् इनका pH (Potential of hydrogen) 8-10 होता है। रोजाना के साबुन के प्रयोग से आदर्श पी एच गड़बड़ा जाता है। जिन स्त्रियों में योनि क्षेत्र से बदबू, खुजली, डिस्चार्ज की समस्या ओ वे इसका प्रयोग अन्तरंग पार्ट्स को साफ़ रखने के लिए कर सकती हैं।

ब्रांड: ग्लेनमार्क

प्रयोग: अंतरंग देखभाल के लिए

उत्पाद का प्रकार: लोशन

मात्रा: 100 मिलीलीटर (रुपये MRP 160) और अब 20 मिलीलीटर (रुपये MRP 45) में भी उपलब्ध

वी वाश के घटक Ingredients of V Wash (Glen)

लैक्टिक एसिड 1.2% w/v

Purified water, Triethanolamine Lauryl Sulphate, Ammonium Lauryl Sulphate, Cocamidopropyl Betaine, PEG-7 Glyceryl Cocoate, Phenoxyethanol and Benzoic Acid (and) Dehydroacetic Acid, Sorbitol, Hydroxypropyl Cellulose, Polyquaternium-7, Fragrance, Hippophae Rhamnoides (Sea buckthorn) Fruit Oil, Sodium Hydroxide, Tea Tree Oil (Melaleuca Alternifolia)

वी वाश के लाभ Benefits of Using V Wash

  1. यह प्रोडक्ट, योनि जो कि शरीर का बहुत नाजुक, संवेदनशील हिस्सा है उसकी विशेष देखभाल के लिए है।
  2. इसमें लैक्टिक एसिड है जो की नार्मल पी एच को बनाए रखने में मदद करता है। लैक्टिक एसिड योनि में स्वाभाविक रूप से बनता भी है।
  3. इसका pH 3-5-4।5 (एसिडिक) है।
  4. यह वी एरिया में बदबू और संक्रमण को दूर रखता है।
  5. इसमें टी- ट्री आयल और सी बकथोर्न आयल है।
  6. यह योनि में जलन, खुजली, सूखापन नहीं होने देता।
  7. जिन्हें योनि से बदबू आने की शिकायत हो, वे इसका प्रयोग करके देखें।
  8. यह सेफ है और केवल बाहरी प्रयोग के लिए है।
  9. इसे रोजाना प्रयोग किया जा सकता है।

वी वाश का प्रयोग कैसे करें?

इसको दिन में कभी भी प्रयोग किया जा सकता है। यह जेल बेस्ड है और झाग बनाता है। प्रयोग करने के लिए इसकी कुछ बूंदे हथेली पर ले कर हल्की मालिश के साथ योनि के आस-पास लगायें और फिर पानी से रिंस कर लें। इसे यह पीरिड्स / मासिक धर्म और गर्भावस्था के दौरान भी इस्तेमाल किया जा सकता है।

यह केवल योनि क्षेत्र के हिस्से को साफ़ करने के लिए तथा खुजली, जलन, रूखापन और बदबू दूर करने के लिए है। इसे प्रयोग करने से योनि का संक्रमण या यौन संचारित रोग STD में विशेष फायदा नहीं होता।

लीकोप Lecope Tablet Detail and Uses in Hindi

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लीकोप एक ऐलोपथिक दवाई जो की एलर्जी, हे फेवर, रैश, आदि के लक्षणों से राहत पाने के लिए प्रयोग की जाती है। इस पेज पर इस दवा के बारे बताया गया है जो की केवल जानकारी देने के उद्देश्य से है। क्योंकि यह एलोपैथिक दवाई है, इसलिए इसके बहुत से साइड इफेक्ट्स भी है। इस जानकारी का प्रयोग सेल्फ-मेडिकेशन के लिए न करें।

Lecope Table is an allopathic medicine, manufactured by Mankind Pharmaceuticals Pvt. Ltd. This medicine has antihistamine action and prescribed for getting relief from allergic conditions and hay fever. Here is given more about this medicine, such as indication/therapeutic uses, Key Ingredients and dosage in Hindi language.

ब्रांड का नाम : मैनकाइंड

लीकोप की प्रेगनेंसी केटेगरी:

केटेगरी बी B – गर्भवती महिलाओं पर कोई पर्याप्त, नियंत्रित अध्ययन नहीं किया गया है। पशु प्रजनन पर किये गए अध्ययन भ्रूण के लिए खतरा failed to demonstrate a risk to the fetus नहीं दिखा सके।

लीकोप के घटक Ingredients of Lecope Table and Syrup

लेवोसीट्रीजीन हाइड्रोक्लोराइड Levocetirizine hydrochloride 5 mg

लीकोप के चिकित्सीय उपयोग Uses of Lecope Table and Syrup

लीकोप गोली या सिरप का प्रयोग मौसमी एलर्जी, हे बुखार (छींकना, आंखों में खुजली-लाली, पानी आना), एलर्जी, धूल के कण, पशु डैनडर, और मोल्ड आदि के कारण होने वाली एलर्जी के लक्षणों से राहत देने के लिए प्रयोग किया जाता है। यह पित्ती, खुजली और रैश के लक्षणों के उपचार के लिए प्रयोग किया जाता है। यह एंटीथिस्टेमाइंस दवा के वर्ग में है। यह histamine की काम को अवरुद्ध करके एलर्जी के लक्षणों को रोक देता है।

सेवन विधि और मात्रा Dosage of Lecope Table and Syrup

  1. इसे दिन में एक बार १-२ गोली / 2.5-5 mg/day, शाम को लें।
  2. इसे पानी के साथ लें।
  3. या डॉक्टर द्वारा निर्देशित रूप में लें।

Contraindicated in

  1. गुर्दे की बीमारी / गुर्दे का सही काम न कर पाना
  2. गर्भावस्था और स्तनपान में
  3. इसके सेवन के दौरान एल्कोहॉल ना पिएं।

दुष्प्रभाव

  1. थकान, उनींदापन
  2. दस्त, उल्टी, कब्ज
  3. पेशाब में दिक्कत, मूत्र प्रतिधारण
  4. सिर दर्द, शुष्क मुँह
  5. बुखार, खांसी, नकसीर / नाक से खून आना
  6. ग्रसनीशोथ व अन्य की बहुत से दुष्प्रभाव

सहेली गर्भनिरोधक गोलियां Saheli Oral Contraceptive Pills Detail and Uses in Hindi

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सहेली एक गैर स्टेरायडल गर्भनिरोधक गोली है। पहले तीन महीनों में इसको सप्ताह में दो बार और फिर सप्ताह में एक बार लिया जाता है। इसमें कोई हार्मोन नहीं होता लेकिन यह शरीर में उत्पादित प्रोजेस्टेरोन हार्मोन पर कार्य करती है। यह शरीर के एस्ट्रोजन रिसेप्टर पर काम करती है। यह अंडाशय, गर्भाशय और स्तन में रिसेप्टर्स को दबाती है लेकिन हड्डियों में एस्ट्रोजन रिसेप्टर्स को उत्तेजित करती है।

एक गर्भनिरोधक के रूप में सहेली का प्रयोग 2000 से अधिक महिलाओं में किया गया है। इसे भारत में बीसों साल से प्रयोग किया जा रहा है। इसका प्रयोग मतली, उल्टी, चक्कर आना पैदा नहीं करता है। यह स्टेरायडल गर्भनिरोधक गोलियां की अपेक्षा ज्यादा लाभकारी है क्योंकि यह अंत: स्रावी प्रणाली endocrine system को प्रभावित नहीं करती और सामान्य मासिक ovulatory चक्र बनाए रखती है।

ब्रांड का नाम : Hindustan Latex Ltd., Trivandrum

जेनरिक: सेंटक्रोमेन Centchroman (इसे ओरमोलोक्सोफीन Ormeloxifene के नाम से भी जाना जाता है)

Saheli is Non hormonal contraceptive pill from Hindustan Latex Ltd. It is safe to take and does not affect hormonal balance of body. Saheli gives protection from pregnancy after one month use. It contains Centchroman (also known as ormeloxifene), a nonsteroidal Selective Estrogen Receptor Modifier with strong antiestrogen and weak estrogenic and anti-progestin properties. This should be kept in mind that it is less effective in preventing pregnancy compared to steroidal contraceptive pills.

Here is given more about this medicine, such as indication/therapeutic uses, Key Ingredients and dosage in Hindi language.

सहेली के लाभ

सहेली एक नॉन हार्मोनल गर्भनिरोधक गोली है। यह शरीर में होरमोंस का संतुलन नहीं बिगाड़ती। एक बार छोड़ देने पर गर्भ धारण में दिक्कत नहीं आती।

इसमें कमजोर एस्ट्रोजनिक estrogenic और शक्तिशाली एंटीएस्ट्रोजनिक anti-estrogenic गुणों का अद्वितीय संयोजन है। एस्ट्रोजनिक और एंटीएस्ट्रोजनिक कार्रवाई कारण यह निषेचित डिंब fertilized ovum का आरोपण गर्भ में होने से रोकती है और इस प्रकार गर्भावस्था से बचाती है। लेकिन नॉन स्टेरायडल होने से यह एस्ट्रोजन के अन्य प्रभावों को प्रभावित नहीं करती।

  • इसे सप्ताह में दो या एक बार लेना होता है।
  • इसके लेने से मतली, उल्टी, चक्कर आना आदि नहीं होते क्योंकि यह होर्मोन को नहीं प्रभावित करती।
  • यह लिपिड लेवल और प्लेटलेट पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं डालती।
  • इसके लेने से वज़न नहीं बढ़ता।
  • यह स्तन कैंसर, गर्भाशय कैंसर को रोक सकती है।
  • यह नई हड्डियों के गठन को प्रोत्साहित करती है।
  • इसको लेना सेफ है।
  • इसके लेने पर अगर गर्भ ठहर भी जाए तो होने वाले बच्चे पर कोई बुरा प्रभाव नहीं होता।
  • यह अन्य गर्भनिरोधक गोलियां की तुलना में सस्ती है।

सहेली गर्भनिरोधक गोलियां के घटक Ingredients of Saheli

Each tablet contains centchroman (Ormeloxifene) 30 mg

सहेली गर्भनिरोधक गोलियां के चिकित्सीय उपयोग Uses of Saheli

  1. कॉण्ट्रासेप्शन
  2. यह कई स्त्री रोगों में भी उपयोगी है:
  3. मासिक धर्म के शुरू होने पर होने वाली दिक्कतें PMS
  4. मासिक में सामान्य से ज्यादा रक्तस्राव (अत्यार्तव)

गर्भाशय से असामान्य रक्तस्राव dysfunctional uterine bleeding

फाइब्रोएडीनोमा fibroadenoma

सेवन विधि और मात्रा Dosage of Saheli

  1. इसे मासिक के पहले दिन से लेना शुरू करें।
  2. पहले तीन महीनों में एक गोली एक सप्ताह में दो बार, निश्चित दिनों (जैसे रविवार और बुधवार) पर लें। बाद में एक गोली सप्ताह में एक बार लें।
  3. पहले महीने के इसके प्रयोग के दौरान गर्भ निरोधन के दूसरे उपाय जैसे की कंडोम का प्रयोग करें।

दुष्प्रभाव / सहेली का नुकसान

  1. यह बहुत से मामलों में गर्भावस्था को रोकने में असफल पायी गई है।
  2. शुरू में पीरियड्स के दौरान ज्यादा खून जा सकता है।
  3. चेहरे पर मुहांसे हो सकते हैं।
  4. ब्रेस्ट में हल्का भारीपन या दर्द हो सकता है।
  5. शरीर में पानी रुक सकता water retention है।
  6. कुछ मामलों में यह मासिक आने में देरी कर सकती है। (यदि पीरियड होने में एक सप्ताह से ऊपर हो जाए तो प्रेगनेंसी डिटेक्शन कार्ड से गर्भावस्था का पता करें)

माला डी Mala-D Detail and Uses in Hindi

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माला डी सरकारी स्वामित्व वाली तथा हिंदुस्तान लेटेक्स लिमिटेड द्वारा निर्मित एक गर्भनिरोधक गोली है। इसे रियायती मूल्य पर सरकार द्वारा गर्भनिरोधन के लिए उपलब्ध कराया गया है। यह गर्भ को रोकने और बच्चों में अंतर रखने के प्रयोग की जाती है। यह एक हार्मोनल गर्भनिरोधक गोली है। यह शरीर के होरमोन सिस्टम को प्रभावित करती है।

इसमें हार्मोन एस्ट्रोजन व प्रोजेस्टेरोन हैं जो की कृत्रिम रूप से बनाए गए है। ये दोनों हार्मोन शरीर में महिला प्रजनन अंगों पर कई तरह से काम करते हैं। यह अंडाशय यानिकि ओवरी से अंडाणु के निकलने ovulation को रोकते है, निषेचन fertilization को मुश्किल करते हैं तथा निषेचन होने पर उसके गर्भाशय में स्थापन implant को रोकते हैं।

जो भी हार्मोनल कॉण्ट्रासेप्टिव पिल्स होती हैं उनकी एक गोली रोज़, 21 दिन तक ली जाती है। फिर 7 दिनों तक कोई गोली नहीं ली जाती या यहाँ पर यह लोहे युक्त गोली ली जाती है।

यदि सही ढंग से लिया जाए तो यह गोली गर्भावस्था को रोकने में 99% से अधिक कारगर है।

Mala D is a combined hormonal contraceptive pill for preventing pregnancy. It directly affects hormones in body and hence should be taken after consulting doctor. For example it is not suitable for women above the age of 35. It should not be taken while breastfeeding. There are many medical conditions in which intake of these pills can worsen the condition. Once you stop taking the pills it may take few months to gain normal fertility as it induces temporary infertility.

Here is given more about this medicine, such as indication/therapeutic uses, Key Ingredients and dosage in Hindi language.

ब्रांड का नाम : हिंदुस्तान लेटेक्स लिमिटेड

जेनरिक: लेवोनॉरजस्ट्रेल Levonorgestrel और एथिनायलोएस्ट्राडिओल Ethinyloestradiol टैब , ferrous fumerate फेरस फ्यूमरेट के साथ

गोलियां: 21 गोली + 7 गोली

माला डी के घटक Ingredients of Mala-D

सफेद रंग की गोली

  1. लेवोनॉरजस्ट्रेल Levonorgestrel 0.15 mg
  2. एथिनाय लोएस्ट्राडिओल Ethinyloestradiol 0.03mg

प्रत्येक भूरे रंग की गोली

फेरस फ्यूमरेट ferrous fumerate 60mg equivalent to ferrous iron 19.5mg

माला डी गर्भावस्था को कैसे रोकती है:

  • यह हर महीने होने वाले ओवूलेशन (ओवेरी से अंडा निकलना) को रोकती है।
  • यह गर्भाशयग्रीवा के म्यूकस को गाढ़ा करती है जिससे स्पर्म, एग तक न पहुँच पायें।
  • यह गर्भाशय की लाइनिंग को पतला करती है जिसिसे निषेचन हो जाने पर भी, गर्भ में निषेचित अंडाणु न आरोपित हो पाए।

माला डी को कैसे लें?

  1. माला डी का एक पैक एक महीने के लिए है। इसमें 28 पिल्स हैं।
  2. मासिक होने के पहले दिन से इसे लेना शुरू करें।
  3. इसे पैक पर लगे तीरों के हिसाब से लें।
  4. जब सभी 28 गोलियां ले ली गई हों, नया पैक लें।
  5. ऐसे तो इसे महीने के किसी भी दिन से लेना शुरू किया जा सकता है लेकिन यदि इसे पीरियड के पहले दिन से लेते हैं तो यह अनचाहे गर्भ को करीब ९९ प्रतिशत तक रोकती है। लेकिन यदि महीने के किसी भी दिन से लेना शुरू किया जाए तो यह उतनी इफेक्टिव नहीं होती और गर्भ ठहर सकता है। इसलिए ऐसे में कंडोम आदि का प्रयोग करना चाहिए।

What to do if you miss a pill?

  1. गोली को लेना भूल जाना, इसकी गर्भनिरोधन की क्षमता को कम करता है। ऐसे में गर्भ ठहर सकता है।
  2. यदि आप एक गोली लेना भूली हैं और गोली लेने में 24 घंटे से ज्यादा हो गए हैं, तो जब याद आये तो भूली वाली गोली और उस दिन की गोली, यानिकि दो गोली लें।
  3. यदि २ या ज्यादा दिन तक गोली नहीं लीं हैं, या नया पैक दो दिन से ज्यादा के अंतर पर शुरू किया है, तो ऐसे में इस गर्भावस्था होने के चांसेस बहुत ज्यादा बढ़ जाते हैं क्योंकि ओवरी से एग निकल सकता है और उसका निषेचन भी हो सकता है। ऐसे में २ गोली लें और फिर रोजाना की एक गोली लेते रहें।

माला डी के चिकित्सीय उपयोग Uses of Mala-D

  1. गर्भ को न ठहरने देना, बच्चों में गैप रखने के लिए
  2. इसे निम्न दिक्कतों में भी दिया जाता है:
  3. पीरियड में होने वाला दर्द, तकलीफ दूर करने के लिए
  4. मासिक में ज्यादा खून जाना
  5. एंडोमेट्रिओसिस
  6. माला डी के लाभ
  7. गर्भ को रोकना
  8. मासिक धर्म प्रवाह और ऐंठन में कमी
  9. एनीमिया में सुधार
  10. मासिक चक्र को नियमित करना
  11. डिम्बग्रंथि और एंडोमेट्रियल कैंसर से रक्षा

सेवन विधि और मात्रा Dosage of Mala-D

  1. इसकी 21 गोलियां + 7 गोलियां हैं।
  2. मासिक के पहले दिन से गोली लेना शुरू करें।
  3. अगले 21 दिन लगातार गोली लें।
  4. फिर 7 आयरन पूरकता वाली भूरी गोली लें।
  5. इस गोली को रोज़ एक ही समय पर लिया जाना चाहिए।
  6. दवा के सेवन के बाद २ घंटे पर उल्टी हो जाने पर, गंभीर दस्त (एक दिन में 6-8 बार) आदि होने पर गर्भावस्था हो सकती है। ऐसे में कंडोम का प्रयोग करें और गोली लेना भी जारी रखें।
  7. उलटी हो जाने पर दूसरी गोली लें।

Who should not take the pill?

  1. गर्भावस्था में
  2. 35 वर्ष से अधिक महिला
  3. धूम्रपान करने वाली महिला
  4. अधिक वज़न में
  5. थ्रोम्बोसिस (खून का थक्का)
  6. हृदय रोग, उच्च रक्तचाप
  7. गंभीर सिरदर्द, माईग्रेन
  8. स्तन कैंसर
  9. या लीवर की या पित्ताशय की थैली की बीमारी
  10. मधुमेह
  11. बच्चा होने के बाद
  12. बच्चा होने के बाद यदि आप स्तनपान नहीं करा रही तो जन्म के बाद 21 दिन पर गोली शुरू कर सकती हैं।
  13. स्तनपान कराते समय इसका सेवन न करें।
  14. गर्भपात के बाद
  15. या जिन्हें किसी तरह की अन्य स्वास्थ्य समस्याएं हों, के लिए उपयुक्त नहीं हैं।
  16. यह गोली यौन संचारित संक्रमण (एसटीआई) के खिलाफ की रक्षा नहीं करती।

माला डी के नुकसान

  1. मतली और चक्कर
  2. स्तनों में दर्द
  3. सिरदर्द, माइग्रेन
  4. उच्च रक्तचाप
  5. वज़न बढ़ना
  6. मासिक के बीच में योनि से खून जाना
  7. मस्तिष्कीय रक्तस्राव
  8. मस्तिष्कीय रक्तस्राव
  9. पित्ताशय की थैली के रोग
  10. रेटिना थ्रोम्बोसिस
  11. गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल लक्षण
  12. अस्थाई बांझपन
  13. एडेमा / द्रव प्रतिधारण
  14. मासिक स्राव में परिवर्तन
  15. एलर्जी
  16. अवसाद सहित मनोदशा में बदलाव
  17. Vaginitis, कैंडिडिआसिस
  18. कॉन्टेक्ट लेंस लगाने पर परेशानी
  19. सीरम फोलेट स्तर में कमी आदि

चॉइस पिल्स Choice oral contraceptive pills Detail and Uses in Hindi

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चॉइस पिल्स DKT India लिमिटेड द्वारा निर्मित एक गर्भनिरोधक गोली है। यह गर्भ को रोकने और बच्चों में अंतर रखने के प्रयोग की जाती है। यह एक हार्मोनल गर्भनिरोधक गोली है। यह शरीर के होरमोन सिस्टम को प्रभावित करती है।

इसमें हार्मोन एस्ट्रोजन व प्रोजेस्टेरोन हैं जो की कृत्रिम रूप से बनाए गए है। ये दोनों हार्मोन शरीर में महिला प्रजनन अंगों पर कई तरह से काम करते हैं। यह अंडाशय यानिकि ओवरी से अंडाणु के निकलने ovulation को रोकते है, निषेचन fertilization को मुश्किल करते हैं तथा निषेचन होने पर उसके गर्भाशय में स्थापन implant को रोकते हैं।

जो भी हार्मोनल कॉण्ट्रासेप्टिव पिल्स होती हैं उनकी एक गोली रोज़, 21 दिन तक ली जाती है। फिर 7 दिनों तक कोई गोली नहीं ली जाती या यहाँ पर यह लोहे युक्त गोली ली जाती है।

यदि सही ढंग से लिया जाए तो यह गोली गर्भावस्था को रोकने में 99% से अधिक कारगर है।

Choice oral contraceptive pills is a combined hormonal contraceptive pill for preventing pregnancy. It directly affects hormones in body and hence should be taken after consulting doctor. For example it is not suitable for women above the age of 35. It should not be taken while breastfeeding. There are many medical conditions in which intake of these pills can worsen the condition. Once you stop taking the pills it may take few months to gain normal fertility as it induces temporary infertility.

Here is given more about this medicine, such as indication/therapeutic uses, Key Ingredients and dosage in Hindi language.

ब्रांड का नाम: DKT India

जेनरिक: लेवोनॉरजस्ट्रेल Levonorgestrel और एथिनायलोएस्ट्राडिओल Ethinyloestradiol टैब , ferrous fumerate फेरस फ्यूमरेट के साथ

गोलियां: 21 गोली + 7 गोली

चॉइस पिल्स के घटक Ingredients of Choice Pills

सफेद रंग की गोली

  • लेवोनॉरजस्ट्रेल Levonorgestrel 0.15 mg
  • एथिनाय लोएस्ट्राडिओल Ethinyloestradiol 0.03mg

प्रत्येक भूरे रंग की गोली

फेरस फ्यूमरेट ferrous fumerate 60mg equivalent to ferrous iron 19.5mg

चॉइस पिल्स गर्भावस्था को कैसे रोकती है:

  • यह हर महीने होने वाले ओवूलेशन (ओवेरी से अंडा निकलना) को रोकती है।
  • यह गर्भाशयग्रीवा के म्यूकस को गाढ़ा करती है जिससे स्पर्म, एग तक न पहुँच पायें।
  • यह गर्भाशय की लाइनिंग को पतला करती है जिसिसे निषेचन हो जाने पर भी, गर्भ में निषेचित अंडाणु न आरोपित हो पाए।

चॉइस पिल्स को कैसे लें?

  1. चॉइस पिल्स का एक पैक एक महीने के लिए है। इसमें 28 पिल्स हैं।
  2. मासिक होने के पहले दिन से इसे लेना शुरू करें।
  3. जब सभी 28 गोलियां ले ली गई हों, नया पैक लें।
  4. ऐसे तो इसे महीने के किसी भी दिन से लेना शुरू किया जा सकता है लेकिन यदि इसे पीरियड के पहले दिन से लेते हैं तो यह अनचाहे गर्भ को करीब ९९ प्रतिशत तक रोकती है। लेकिन यदि महीने के किसी भी दिन से लेना शुरू किया जाए तो यह उतनी इफेक्टिव नहीं होती और गर्भ ठहर सकता है। इसलिए ऐसे में कंडोम आदि का प्रयोग करना चाहिए।

What to do if you miss a pill?

  1. गोली को लेना भूल जाना, इसकी गर्भनिरोधन की क्षमता को कम करता है। ऐसे में गर्भ ठहर सकता है।
  2. यदि आप एक गोली लेना भूली हैं और गोली लेने में 24 घंटे से ज्यादा हो गए हैं, तो जब याद आये तो भूली वाली गोली और उस दिन की गोली, यानिकि दो गोली लें।
  3. यदि २ या ज्यादा दिन तक गोली नहीं लीं हैं, या नया पैक दो दिन से ज्यादा के अंतर पर शुरू किया है, तो ऐसे में इस गर्भावस्था होने के चांसेस बहुत ज्यादा बढ़ जाते हैं क्योंकि ओवरी से एग निकल सकता है और उसका निषेचन भी हो सकता है। ऐसे में २ गोली लें और फिर रोजाना की एक गोली लेते रहें।

चॉइस पिल्स के चिकित्सीय उपयोग Uses of Choice Pills

  1. गर्भ को न ठहरने देना, बच्चों में गैप रखने के लिए
  2. इसे निम्न दिक्कतों में भी दिया जाता है:
  3. पीरियड में होने वाला दर्द, तकलीफ दूर करने के लिए
  4. मासिक में ज्यादा खून जाना
  5. एंडोमेट्रिओसिस
  6. चॉइस पिल्स के लाभ
  7. गर्भ को रोकना
  8. मासिक धर्म प्रवाह और ऐंठन में कमी
  9. एनीमिया में सुधार
  10. मासिक चक्र को नियमित करना
  11. डिम्बग्रंथि और एंडोमेट्रियल कैंसर से रक्षा

सेवन विधि और मात्रा Dosage of Choice Pills

  1. इसकी 21 गोलियां + 7 गोलियां हैं।
  2. मासिक के पहले दिन से गोली लेना शुरू करें।
  3. अगले 21 दिन लगातार गोली लें।
  4. फिर 7 आयरन पूरकता वाली भूरी गोली लें।
  5. इस गोली को रोज़ एक ही समय पर लिया जाना चाहिए।
  6. दवा के सेवन के बाद २ घंटे पर उल्टी हो जाने पर, गंभीर दस्त (एक दिन में 6-8 बार) आदि होने पर गर्भावस्था हो सकती है। ऐसे में कंडोम का प्रयोग करें और गोली लेना भी जारी रखें।
  7. उलटी हो जाने पर दूसरी गोली लें।

Who should not take the pill?

  1. गर्भावस्था में
  2. 35 वर्ष से अधिक महिला
  3. धूम्रपान करने वाली महिला
  4. अधिक वज़न में
  5. थ्रोम्बोसिस (खून का थक्का)
  6. हृदय रोग, उच्च रक्तचाप
  7. गंभीर सिरदर्द, माईग्रेन
  8. स्तन कैंसर
  9. या लीवर की या पित्ताशय की थैली की बीमारी
  10. मधुमेह
  11. बच्चा होने के बाद
  12. बच्चा होने के बाद यदि आप स्तनपान नहीं करा रही तो जन्म के बाद 21 दिन पर गोली शुरू कर सकती हैं।
  13. स्तनपान कराते समय इसका सेवन न करें।
  14. गर्भपात के बाद
  15. या जिन्हें किसी तरह की अन्य स्वास्थ्य समस्याएं हों, के लिए उपयुक्त नहीं हैं।
  16. यह गोली यौन संचारित संक्रमण (एसटीआई) के खिलाफ की रक्षा नहीं करती।

चॉइस पिल्स के नुकसान

  1. मतली और चक्कर
  2. स्तनों में दर्द
  3. सिरदर्द, माइग्रेन
  4. उच्च रक्तचाप
  5. वज़न बढ़ना
  6. मासिक के बीच में योनि से खून जाना
  7. मस्तिष्कीय रक्तस्राव
  8. मस्तिष्कीय रक्तस्राव
  9. पित्ताशय की थैली के रोग
  10. रेटिना थ्रोम्बोसिस
  11. गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल लक्षण
  12. अस्थाई बांझपन
  13. एडेमा / द्रव प्रतिधारण
  14. मासिक स्राव में परिवर्तन
  15. एलर्जी
  16. अवसाद सहित मनोदशा में बदलाव
  17. Vaginitis, कैंडिडिआसिस
  18. कॉन्टेक्ट लेंस लगाने पर परेशानी
  19. सीरम फोलेट स्तर में कमी आदि

ऐ-केयर एबॉर्शन पिल्स a-Kare Detail and Uses in Hindi

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ऐ-केयर एक ऐलोपथिक प्रिसक्रिप्शन ड्रग (डॉक्टर के प्रिस्क्रिप्शन पर मिलने वाली ) है जिसे गर्भपात कराने के लिए प्रयोग किया जाता है। इसमें मीफेप्रिस्टोन 200 mg की एक गोली और माईज़ोप्रोस्टोल की 0.2 mg की चार गोलियां है। पहले मीफेप्रिस्टोन की गोली खाली पेट ली जाती है जो की गर्भावस्था के लिए हार्मोन प्रोजेस्टेरोन को रोकती है। यह सर्विक्स (गर्भाशय की गर्दन) को मुलायम करती है। फिर माईज़ोप्रोस्टोल की चार गोलियां 24 – 48 घंटे के अन्दर ली जाती हैं, जो की गर्भाशय से पदार्थ को बाहर करने का काम करते हैं।

यहाँ यह जानना बहुत ज़रूरी है की माईज़ोप्रोस्टोल को 24 घंटे से पहले और 48 घंटे के बाद लेने से दवा सही प्रकार से काम नहीं करती। इसलिए इसे 24 – 48 घंटे के बीच में लेना चाहिए।

इस दवा के सेवन से गर्भपात घर पर ही करवाया जा सकता है, लेकिन यह ज़रूरी है की ऐसा डॉक्टर की निगरानी में हो। पहले तो गर्भावस्था का कंफ़र्म होना आवश्यक है। यह भी पता लगाना ज़रुरी है की यह गर्भाशय में है या फालोपियन ट्यूब में। ऐसा डॉक्टर द्वारा अल्ट्रासाउंड द्वारा पता लगाया जाता है। दवा लेने के बाद, यह पता करने के लिए की एबॉर्शन पूरा हुआ की नहीं 15 दिनों के बाद फिर से एक अल्ट्रासाउंड किया जाता है। यदि एबॉर्शन न हुआ हो तो इसे दुबारा दवा दे कर या सर्जरी द्वारा निकला जाता है।

इस दवा के सेवन के बाद गर्भावस्था को नहीं चलने देना चाहिए क्योंकि बच्चे में बहुत सी जन्मजात विकृतियाँ हो जाती है।

ब्रांड का नाम : डीकेटी

जेनरिक: माईज़ोप्रोस्टोल और मीफेप्रिस्टोन

ऐ-केयर की प्रेगनेंसी केटेगरी:

केटेगरी एक्स X – मानव तथा पशुओं में किये गए अध्ययन, होने वाले बच्चों में असामान्यताओं fetal abnormalities को दिखाते है। इसका प्रयोग गर्भावस्था में वर्जित है।

Abortion pills can only be taken under supervision.

a-Kare is an abortion pill. It contains Mifepristone and Misoprostol. They are taken to induce labour when a decision has been made to stop a pregnancy.

Mifepristone blocks the pregnancy hormone progesterone which is needed to maintain a pregnancy. Blocking of hormone causes the lining of the uterus to change. Cervix (neck of the uterus) softens and the uterus is more likely to contract and labour when the second medication Misoprostol is given. Mifepristone decreases the time a woman may spend in labour from beginning induction of labour to the birth or miscarriage.

Here is given more about this medicine, such as indication/therapeutic uses, Key Ingredients and dosage in Hindi language.

ऐ-केयर के घटक Ingredients of a-Kare

माईज़ोप्रोस्टोल और मीफेप्रिस्टोन

ऐ-केयर के चिकित्सीय उपयोग Uses of a-Kare

यह दवा केवल एबॉर्शन कराने के लिए प्रयोग की जाती है। यह एक प्रिसक्रिप्शन ड्रग है और डॉक्टर के प्रिस्क्रिप्शन पर मिलती है।

सेवन विधि और मात्रा Dosage of a-Kare

नोट: यह प्रिस्क्रिप्शन ड्रग है।

  1. इसे गर्भावस्था की पुष्टि के बाद, डॉक्टर के निर्देशानुसार ही लें।
  2. गर्भावस्था की पुष्टि के लिए अल्ट्रासाउंड pelvic ultrasound scan कराएं। इससे यह गर्भ कितने दिन का है व इसकी जगह ठीक से पता हो सकेगा inside the uterus / ectopic
  3. यह गोलियां गर्भपात कराने में 96% तक कारगर हैं.
  4. इनको लेने के बाद भी कुछ मामलों में यह संभावना रह ही जाती है की गर्भपात सही से न हो, बहुत खून जाए, इन्फेक्शन हो जाए या यह गोली काम न करे।
  5. आम तौर पर 1 टेबलेट मीफेप्रिस्टोन Mifepristone की पहले ली जाती है। इसे खाली पेट लेना होता है।
  6. फिर 48 घंटे बाद माईज़ोप्रोस्टोल Misoprostol की 4 गोलियाँ मुंह से ली जाती हैं या योनि के रास्ते गर्भ में डाली जाती हैं ।
  7. कुछ घंटों में 3-4 hours दर्द cramps के साथ बहुत अधिक ब्लीडिंग heavy bleeding शुरू हो जाती है। ब्लीडिंग के साथ टिश्यू tissue और क्लोट्स clots भी होते हैं। ब्लीडिंग के साथ कुछ सफ़ेद सा डिस्चार्ज भी हो सकता है जो की फ़ीटस के पार्ट्स होते हैं।
  8. ब्लीडिंग कुछ दिनों तक काफी मात्रा में जारी रहती है।
  9. ब्लीडिंग के दौरान पैड्स का इस्तेमाल करें।
  10. ब्लीडिंग पीरियड्स की ब्लीडिंग से ज्यादा होनी चाहिए।
  11. दर्द को कम करने के लिये ब्रूफेन ले सकते हैं। एस्पिरिन नहीं लेनी चाहिए।
  12. अगर एबॉर्शन होता तो माईज़ोप्रोस्टोल को डॉक्टर के निर्देश से फिर से लेना पड़ सकता है।
  13. योनि से ब्लीडिंग एक महीने तक जारी रह सकती है।
  14. यह अनिवार्य है की 15 दिनों के बाद एकअल्ट्रा साउंड स्कैन किया जाए जिससे यह पता लग सके की गर्भपात पूरा सही तरीके से हुआ है और गर्भाशय अब खाली है.
  15. गर्भपात के बाद दुबारा पीरियड्स कुछ महीनों में सामान्य हो पाते हैं।

पिल्स के द्वारा गर्भपात कराने के लाभ

  1. इसे घर पर ही किया जा सकता है।
  2. पिल्स के द्वारा गर्भपात कराने के नुकसान / साइड-इफेक्ट्स
  3. अपूर्ण गर्भपात
  4. भारी मात्रा में रक्तस्राव
  5. संक्रमण
  6. गर्भाशय में ब्लड क्लोट्स
  7. बुखार, चक्कर आना
  8. कमजोरी, हेमरेज
  9. ऐंठन, उलटी
  10. दर्द, सर में दर्द

इसे न लें यदि Contraindications

  1. गर्भ 9 सप्ताह से ज्यादा का हो
  2. एक्टोपिक प्रेगनेंसी
  3. पोरफाइरिया porphyria
  4. रक्त विकार जिसमे खून बहना न रुकता हो
  5. ब्लड क्लोटिंग डिसऑर्डर अधिवृक्क विफलता adrenal failure
  6. आईयूडी IUD लगी हो
  7. स्टेरॉयड दवा का सेवन
  8. गंभीर यकृत विफलता
  9. कुछ स्त्री रोग, गंभीर श्रोणि संक्रमण

अन्वान्टिड-किट एबॉर्शन पिल्स Unwanted kit Detail and Uses in Hindi

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अन्वान्टिड-किट एक ऐलोपथिक प्रिसक्रिप्शन ड्रग (डॉक्टर के प्रिस्क्रिप्शन पर मिलने वाली ) है जिसे गर्भपात कराने के लिए प्रयोग किया जाता है। इसमें मीफेप्रिस्टोन 200 mg की एक गोली और माईज़ोप्रोस्टोल की 0.2 mg की चार गोलियां है। पहले मीफेप्रिस्टोन की गोली खाली पेट ली जाती है जो की गर्भावस्था के लिए हार्मोन प्रोजेस्टेरोन को रोकती है। यह सर्विक्स (गर्भाशय की गर्दन) को मुलायम करती है। फिर माईज़ोप्रोस्टोल की चार गोलियां 24 – 48 घंटे के अन्दर ली जाती हैं, जो की गर्भाशय से पदार्थ को बाहर करने का काम करते हैं।

यहाँ यह जानना बहुत ज़रूरी है की माईज़ोप्रोस्टोल को 24 घंटे से पहले और 48 घंटे के बाद लेने से दवा सही प्रकार से काम नहीं करती। इसलिए इसे 24 – 48 घंटे के बीच में लेना चाहिए।

इस दवा के सेवन से गर्भपात घर पर ही करवाया जा सकता है, लेकिन यह ज़रूरी है की ऐसा डॉक्टर की निगरानी में हो। पहले तो गर्भावस्था का कंफ़र्म होना आवश्यक है। यह भी पता लगाना ज़रुरी है की यह गर्भाशय में है या फालोपियन ट्यूब में। ऐसा डॉक्टर द्वारा अल्ट्रासाउंड द्वारा पता लगाया जाता है। दवा लेने के बाद, यह पता करने के लिए की एबॉर्शन पूरा हुआ की नहीं 15 दिनों के बाद फिर से एक अल्ट्रासाउंड किया जाता है। यदि एबॉर्शन न हुआ हो तो इसे दुबारा दवा दे कर या सर्जरी द्वारा निकला जाता है।

इस दवा के सेवन के बाद गर्भावस्था को नहीं चलने देना चाहिए क्योंकि बच्चे में बहुत सी जन्मजात विकृतियाँ हो जाती है।

ब्रांड का नाम : मैनकाइंड फार्मा

जेनरिक: माईज़ोप्रोस्टोल और मीफेप्रिस्टोन

अन्वान्टिड-किट की प्रेगनेंसी केटेगरी:

केटेगरी एक्स X – मानव तथा पशुओं में किये गए अध्ययन, होने वाले बच्चों में असामान्यताओं fetal abnormalities को दिखाते है। इसका प्रयोग गर्भावस्था में वर्जित है।

Abortion pills can only be taken under supervision.

Unwanted kit is an abortion pill. It contains Mifepristone and Misoprostol. They are taken to induce labour when a decision has been made to stop a pregnancy.

Mifepristone blocks the pregnancy hormone progesterone which is needed to maintain a pregnancy. Blocking of hormone causes the lining of the uterus to change. Cervix (neck of the uterus) softens and the uterus is more likely to contract and labour when the second medication Misoprostol is given. Mifepristone decreases the time a woman may spend in labour from beginning induction of labour to the birth or miscarriage.

Here is given more about this medicine, such as indication/therapeutic uses, Key Ingredients and dosage in Hindi language.

अन्वान्टिड-किट के घटक Ingredients of Unwanted kit

  • माईज़ोप्रोस्टोल और मीफेप्रिस्टोन
  • अन्वान्टिड-किट के चिकित्सीय उपयोग Uses of Unwanted kit
  • यह दवा केवल एबॉर्शन कराने के लिए प्रयोग की जाती है। यह एक प्रिसक्रिप्शन ड्रग है और डॉक्टर के प्रिस्क्रिप्शन पर मिलती है।

सेवन विधि और मात्रा Dosage of Unwanted kit

नोट: यह प्रिस्क्रिप्शन ड्रग है।

  1. इसे गर्भावस्था की पुष्टि के बाद, डॉक्टर के निर्देशानुसार ही लें।
  2. गर्भावस्था की पुष्टि के लिए अल्ट्रासाउंड pelvic ultrasound scan कराएं। इससे यह गर्भ कितने दिन का है व इसकी जगह ठीक से पता हो सकेगा inside the uterus / ectopic
  3. यह गोलियां गर्भपात कराने में 96% तक कारगर हैं.
  4. इनको लेने के बाद भी कुछ मामलों में यह संभावना रह ही जाती है की गर्भपात सही से न हो, बहुत खून जाए, इन्फेक्शन हो जाए या यह गोली काम न करे।
  5. आम तौर पर 1 टेबलेट मीफेप्रिस्टोन Mifepristone की पहले ली जाती है। इसे खाली पेट लेना होता है।
  6. फिर 48 घंटे बाद माईज़ोप्रोस्टोल Misoprostol की 4 गोलियाँ मुंह से ली जाती हैं या योनि के रास्ते गर्भ में डाली जाती हैं ।
  7. कुछ घंटों में 3-4 hours दर्द cramps के साथ बहुत अधिक ब्लीडिंग heavy bleeding शुरू हो जाती है। ब्लीडिंग के साथ टिश्यू tissue और क्लोट्स clots भी होते हैं। ब्लीडिंग के साथ कुछ सफ़ेद सा डिस्चार्ज भी हो सकता है जो की फ़ीटस के पार्ट्स होते हैं।
  8. ब्लीडिंग कुछ दिनों तक काफी मात्रा में जारी रहती है।
  9. ब्लीडिंग के दौरान पैड्स का इस्तेमाल करें।
  10. ब्लीडिंग पीरियड्स की ब्लीडिंग से ज्यादा होनी चाहिए।
  11. दर्द को कम करने के लिये ब्रूफेन ले सकते हैं। एस्पिरिन नहीं लेनी चाहिए।
  12. अगर एबॉर्शन होता तो माईज़ोप्रोस्टोल को डॉक्टर के निर्देश से फिर से लेना पड़ सकता है।
  13. योनि से ब्लीडिंग एक महीने तक जारी रह सकती है।
  14. यह अनिवार्य है की 15 दिनों के बाद एकअल्ट्रा साउंड स्कैन किया जाए जिससे यह पता लग सके की गर्भपात पूरा सही तरीके से हुआ है और गर्भाशय अब खाली है.
  15. गर्भपात के बाद दुबारा पीरियड्स कुछ महीनों में सामान्य हो पाते हैं।
  16. पिल्स के द्वारा गर्भपात कराने के लाभ
  17. इसे घर पर ही किया जा सकता है।

पिल्स के द्वारा गर्भपात कराने के नुकसान / साइड-इफेक्ट्स

  1. अपूर्ण गर्भपात
  2. भारी मात्रा में रक्तस्राव
  3. संक्रमण
  4. गर्भाशय में ब्लड क्लोट्स
  5. बुखार, चक्कर आना
  6. कमजोरी, हेमरेज
  7. ऐंठन, उलटी
  8. दर्द, सर में दर्द

इसे न लें यदि Contraindications

  1. गर्भ 9 सप्ताह से ज्यादा का हो
  2. एक्टोपिक प्रेगनेंसी
  3. पोरफाइरिया porphyria
  4. रक्त विकार जिसमे खून बहना न रुकता हो
  5. ब्लड क्लोटिंग डिसऑर्डर अधिवृक्क विफलता adrenal failure
  6. आईयूडी IUD लगी हो
  7. स्टेरॉयड दवा का सेवन
  8. गंभीर यकृत विफलता
  9. कुछ स्त्री रोग, गंभीर श्रोणि संक्रमण

मिफेजेस्ट किट एबॉर्शन पिल्स Mifegest Kit Detail and Uses in Hindi

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मिफेजेस्ट किट एक ऐलोपथिक प्रिसक्रिप्शन ड्रग (डॉक्टर के प्रिस्क्रिप्शन पर मिलने वाली ) है जिसे गर्भपात कराने के लिए प्रयोग किया जाता है। इसमें मीफेप्रिस्टोन 200 mg की एक गोली और माईज़ोप्रोस्टोल की 0.2 mg (200 mcg) की चार गोलियां है। पहले मीफेप्रिस्टोन की गोली खाली पेट ली जाती है जो की गर्भावस्था के लिए हार्मोन प्रोजेस्टेरोन को रोकती है। यह सर्विक्स (गर्भाशय की गर्दन) को मुलायम करती है। फिर माईज़ोप्रोस्टोल की चार गोलियां 24 – 48 घंटे के अन्दर ली जाती हैं, जो की गर्भाशय से पदार्थ को बाहर करने का काम करते हैं।

यहाँ यह जानना बहुत ज़रूरी है की माईज़ोप्रोस्टोल को 24 घंटे से पहले और 48 घंटे के बाद लेने से दवा सही प्रकार से काम नहीं करती। इसलिए इसे 24 – 48 घंटे के बीच में लेना चाहिए।

इस दवा के सेवन से गर्भपात घर पर ही करवाया जा सकता है, लेकिन यह ज़रूरी है की ऐसा डॉक्टर की निगरानी में हो। पहले तो गर्भावस्था का कंफ़र्म होना आवश्यक है। यह भी पता लगाना ज़रुरी है की यह गर्भाशय में है या फालोपियन ट्यूब में। ऐसा डॉक्टर द्वारा अल्ट्रासाउंड द्वारा पता लगाया जाता है। दवा लेने के बाद, यह पता करने के लिए की एबॉर्शन पूरा हुआ की नहीं 15 दिनों के बाद फिर से एक अल्ट्रासाउंड किया जाता है। यदि एबॉर्शन न हुआ हो तो इसे दुबारा दवा दे कर या सर्जरी द्वारा निकला जाता है।

इस दवा के सेवन के बाद गर्भावस्था को नहीं चलने देना चाहिए क्योंकि बच्चे में बहुत सी जन्मजात विकृतियाँ हो जाती है।

ब्रांड का नाम : कैडिला

जेनरिक: माईज़ोप्रोस्टोल और मीफेप्रिस्टोन

मिफेजेस्ट किट की प्रेगनेंसी केटेगरी:

केटेगरी एक्स X – मानव तथा पशुओं में किये गए अध्ययन, होने वाले बच्चों में असामान्यताओं fetal abnormalities को दिखाते है। इसका प्रयोग गर्भावस्था में वर्जित है।

Abortion pills can only be taken under supervision.

Mifegest Kit is an abortion pill. It contains Mifepristone and Misoprostol. They are taken to induce labour when a decision has been made to stop a pregnancy.

Mifepristone blocks the pregnancy hormone progesterone which is needed to maintain a pregnancy. Blocking of hormone causes the lining of the uterus to change. Cervix (neck of the uterus) softens and the uterus is more likely to contract and labour when the second medication Misoprostol is given. Mifepristone decreases the time a woman may spend in labour from beginning induction of labour to the birth or miscarriage.

Here is given more about this medicine, such as indication/therapeutic uses, Key Ingredients and dosage in Hindi language.

मिफेजेस्ट किट के घटक Ingredients of Mifegest Kit

  1. मीफेप्रिस्टोन 1 tablet 200 mg और माईज़ोप्रोस्टोल 4 tablets 200 mcg
  2. मिफेजेस्ट किट के चिकित्सीय उपयोग Uses of Mifegest Kit
  3. यह दवा केवल एबॉर्शन कराने के लिए प्रयोग की जाती है। यह एक प्रिसक्रिप्शन ड्रग है और डॉक्टर के प्रिस्क्रिप्शन पर मिलती है।

सेवन विधि और मात्रा Dosage of Mifegest Kit

नोट: यह प्रिस्क्रिप्शन ड्रग है।

  1. इसे गर्भावस्था की पुष्टि के बाद, डॉक्टर के निर्देशानुसार ही लें।
  2. गर्भावस्था की पुष्टि के लिए अल्ट्रासाउंड pelvic ultrasound scan कराएं। इससे यह गर्भ कितने दिन का है व इसकी जगह ठीक से पता हो सकेगा inside the uterus / ectopic
  3. यह गोलियां गर्भपात कराने में 96% तक कारगर हैं.
  4. इनको लेने के बाद भी कुछ मामलों में यह संभावना रह ही जाती है की गर्भपात सही से न हो, बहुत खून जाए, इन्फेक्शन हो जाए या यह गोली काम न करे।
  5. आम तौर पर 1 टेबलेट मीफेप्रिस्टोन Mifepristone की पहले ली जाती है। इसे खाली पेट लेना होता है।
  6. फिर 48 घंटे बाद माईज़ोप्रोस्टोल Misoprostol की 4 गोलियाँ मुंह से ली जाती हैं या योनि के रास्ते गर्भ में डाली जाती हैं ।
  7. कुछ घंटों में 3-4 hours दर्द cramps के साथ बहुत अधिक ब्लीडिंग heavy bleeding शुरू हो जाती है। ब्लीडिंग के साथ टिश्यू tissue और क्लोट्स clots भी होते हैं। ब्लीडिंग के साथ कुछ सफ़ेद सा डिस्चार्ज भी हो सकता है जो की फ़ीटस के पार्ट्स होते हैं।
  8. ब्लीडिंग कुछ दिनों तक काफी मात्रा में जारी रहती है।
  9. ब्लीडिंग के दौरान पैड्स का इस्तेमाल करें।
  10. ब्लीडिंग पीरियड्स की ब्लीडिंग से ज्यादा होनी चाहिए।
  11. दर्द को कम करने के लिये ब्रूफेन ले सकते हैं। एस्पिरिन नहीं लेनी चाहिए।
  12. अगर एबॉर्शन होता तो माईज़ोप्रोस्टोल को डॉक्टर के निर्देश से फिर से लेना पड़ सकता है।
  13. योनि से ब्लीडिंग एक महीने तक जारी रह सकती है।
  14. यह अनिवार्य है की 15 दिनों के बाद एकअल्ट्रा साउंड स्कैन किया जाए जिससे यह पता लग सके की गर्भपात पूरा सही तरीके से हुआ है और गर्भाशय अब खाली है.
  15. गर्भपात के बाद दुबारा पीरियड्स कुछ महीनों में सामान्य हो पाते हैं।

पिल्स के द्वारा गर्भपात कराने के लाभ

  1. इसे घर पर ही किया जा सकता है।
  2. पिल्स के द्वारा गर्भपात कराने के नुकसान / साइड-इफेक्ट्स
  3. अपूर्ण गर्भपात
  4. भारी मात्रा में रक्तस्राव
  5. संक्रमण
  6. गर्भाशय में ब्लड क्लोट्स
  7. बुखार, चक्कर आना
  8. कमजोरी, हेमरेज
  9. ऐंठन, उलटी
  10. दर्द, सर में दर्द

इसे न लें यदि Contraindications

  1. गर्भ 9 सप्ताह से ज्यादा का हो
  2. एक्टोपिक प्रेगनेंसी
  3. पोरफाइरिया porphyria
  4. रक्त विकार जिसमे खून बहना न रुकता हो
  5. ब्लड क्लोटिंग डिसऑर्डर अधिवृक्क विफलता adrenal failure
  6. आईयूडी IUD लगी हो
  7. स्टेरॉयड दवा का सेवन
  8. गंभीर यकृत विफलता
  9. कुछ स्त्री रोग, गंभीर श्रोणि संक्रमण

एमटीपी किट एबॉर्शन पिल्स MTP Kit Detail and Uses in Hindi

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एमटीपी किट एक ऐलोपथिक प्रिसक्रिप्शन ड्रग (डॉक्टर के प्रिस्क्रिप्शन पर मिलने वाली ) है जिसे गर्भपात कराने के लिए प्रयोग किया जाता है। इसमें मीफेप्रिस्टोन 200 mg की एक गोली और माईज़ोप्रोस्टोल की 0.2 mg (200 mcg) की चार गोलियां है। पहले मीफेप्रिस्टोन की गोली खाली पेट ली जाती है जो की गर्भावस्था के लिए हार्मोन प्रोजेस्टेरोन को रोकती है। यह सर्विक्स (गर्भाशय की गर्दन) को मुलायम करती है। फिर माईज़ोप्रोस्टोल की चार गोलियां 24 – 48 घंटे के अन्दर ली जाती हैं, जो की गर्भाशय से पदार्थ को बाहर करने का काम करते हैं।

यहाँ यह जानना बहुत ज़रूरी है की माईज़ोप्रोस्टोल को 24 घंटे से पहले और 48 घंटे के बाद लेने से दवा सही प्रकार से काम नहीं करती। इसलिए इसे 24 – 48 घंटे के बीच में लेना चाहिए।

इस दवा के सेवन से गर्भपात घर पर ही करवाया जा सकता है, लेकिन यह ज़रूरी है की ऐसा डॉक्टर की निगरानी में हो। पहले तो गर्भावस्था का कंफ़र्म होना आवश्यक है। यह भी पता लगाना ज़रुरी है की यह गर्भाशय में है या फालोपियन ट्यूब में। ऐसा डॉक्टर द्वारा अल्ट्रासाउंड द्वारा पता लगाया जाता है। दवा लेने के बाद, यह पता करने के लिए की एबॉर्शन पूरा हुआ की नहीं 15 दिनों के बाद फिर से एक अल्ट्रासाउंड किया जाता है। यदि एबॉर्शन न हुआ हो तो इसे दुबारा दवा दे कर या सर्जरी द्वारा निकला जाता है।

इस दवा के सेवन के बाद गर्भावस्था को नहीं चलने देना चाहिए क्योंकि बच्चे में बहुत सी जन्मजात विकृतियाँ हो जाती है।

ब्रांड का नाम : कैडिला

जेनरिक: माईज़ोप्रोस्टोल और मीफेप्रिस्टोन

एमटीपी किट की प्रेगनेंसी केटेगरी:

केटेगरी एक्स X – मानव तथा पशुओं में किये गए अध्ययन, होने वाले बच्चों में असामान्यताओं fetal abnormalities को दिखाते है। इसका प्रयोग गर्भावस्था में वर्जित है।

Abortion pills can only be taken under supervision.

MTP Kit is an abortion pill. It contains Mifepristone and Misoprostol. They are taken to MTP (medical termination of preganacy) when a decision has been made to stop a pregnancy.

Mifepristone blocks the pregnancy hormone progesterone which is needed to maintain a pregnancy. Blocking of hormone causes the lining of the uterus to change. Cervix (neck of the uterus) softens and the uterus is more likely to contract and labour when the second medication Misoprostol is given. Mifepristone decreases the time a woman may spend in labour from beginning induction of labour to the birth or miscarriage.

Here is given more about this medicine, such as indication/therapeutic uses, Key Ingredients and dosage in Hindi language.

एमटीपी किट के घटक Ingredients of MTP Kit

मीफेप्रिस्टोन 1 tablet 200 mg और माईज़ोप्रोस्टोल 4 tablets 200 mcg

एमटीपी किट के चिकित्सीय उपयोग Uses of MTP Kit

यह दवा केवल एबॉर्शन कराने के लिए प्रयोग की जाती है। यह एक प्रिसक्रिप्शन ड्रग है और डॉक्टर के प्रिस्क्रिप्शन पर मिलती है।

सेवन विधि और मात्रा Dosage of MTP Kit

नोट: यह प्रिस्क्रिप्शन ड्रग है।

  1. इसे गर्भावस्था की पुष्टि के बाद, डॉक्टर के निर्देशानुसार ही लें।
  2. गर्भावस्था की पुष्टि के लिए अल्ट्रासाउंड pelvic ultrasound scan कराएं। इससे यह गर्भ कितने दिन का है व इसकी जगह ठीक से पता हो सकेगा inside the uterus / ectopic
  3. यह गोलियां गर्भपात कराने में 96% तक कारगर हैं.
  4. इनको लेने के बाद भी कुछ मामलों में यह संभावना रह ही जाती है की गर्भपात सही से न हो, बहुत खून जाए, इन्फेक्शन हो जाए या यह गोली काम न करे।
  5. आम तौर पर 1 टेबलेट मीफेप्रिस्टोन Mifepristone की पहले ली जाती है। इसे खाली पेट लेना होता है।
  6. फिर 48 घंटे बाद माईज़ोप्रोस्टोल Misoprostol की 4 गोलियाँ मुंह से ली जाती हैं या योनि के रास्ते गर्भ में डाली जाती हैं ।
  7. कुछ घंटों में 3-4 hours दर्द cramps के साथ बहुत अधिक ब्लीडिंग heavy bleeding शुरू हो जाती है। ब्लीडिंग के साथ टिश्यू tissue और क्लोट्स clots भी होते हैं। ब्लीडिंग के साथ कुछ सफ़ेद सा डिस्चार्ज भी हो सकता है जो की फ़ीटस के पार्ट्स होते हैं।
  8. ब्लीडिंग कुछ दिनों तक काफी मात्रा में जारी रहती है।
  9. ब्लीडिंग के दौरान पैड्स का इस्तेमाल करें।
  10. ब्लीडिंग पीरियड्स की ब्लीडिंग से ज्यादा होनी चाहिए।
  11. दर्द को कम करने के लिये ब्रूफेन ले सकते हैं। एस्पिरिन नहीं लेनी चाहिए।
  12. अगर एबॉर्शन होता तो माईज़ोप्रोस्टोल को डॉक्टर के निर्देश से फिर से लेना पड़ सकता है।
  13. योनि से ब्लीडिंग एक महीने तक जारी रह सकती है।
  14. यह अनिवार्य है की 15 दिनों के बाद एकअल्ट्रा साउंड स्कैन किया जाए जिससे यह पता लग सके की गर्भपात पूरा सही तरीके से हुआ है और गर्भाशय अब खाली है.
  15. गर्भपात के बाद दुबारा पीरियड्स कुछ महीनों में सामान्य हो पाते हैं।

पिल्स के द्वारा गर्भपात कराने के लाभ

  1. इसे घर पर ही किया जा सकता है।
  2. पिल्स के द्वारा गर्भपात कराने के नुकसान / साइड-इफेक्ट्स
  3. अपूर्ण गर्भपात
  4. भारी मात्रा में रक्तस्राव
  5. संक्रमण
  6. गर्भाशय में ब्लड क्लोट्स
  7. बुखार, चक्कर आना
  8. कमजोरी, हेमरेज
  9. ऐंठन, उलटी
  10. दर्द, सर में दर्द

इसे न लें यदि Contraindications

  1. गर्भ 9 सप्ताह से ज्यादा का हो
  2. एक्टोपिक प्रेगनेंसी
  3. पोरफाइरिया porphyria
  4. रक्त विकार जिसमे खून बहना न रुकता हो
  5. ब्लड क्लोटिंग डिसऑर्डर अधिवृक्क विफलता adrenal failure
  6. आईयूडी IUD लगी हो
  7. स्टेरॉयड दवा का सेवन
  8. गंभीर यकृत विफलता
  9. कुछ स्त्री रोग, गंभीर श्रोणि संक्रमण
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